शाहिद अंसारी
मुबंई: घोटालों में घिरे एनसीपी के कद्दावार नेता छगन भुजबल का एक और घपला सामने आया यह घपला है महाराष्ट्र साइकलिंग एसोसिएशन विभाग के अध्यक्ष पद को हाईजेक कर अपना नाम अध्यक्ष की फहरिस्त में लिखवाना।मामाले को उजागर करने वाले मौजूदा सचिव सूर्यकांत पवार ने Bombay leaks से बात चीत में बताया कि राज्य सरकार के स्पोर्टस विभाग नें उनवकी नियुक्ति ऐसे समय में दिखाई जब वह खुद जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुके थे।
इस कमेटी को लेकर 1979 में गजेन गानला काम कर रहे हैं 1990 में उन्होंने इसतीफ़ा दे दिया गजेन गानला यहां फाउंडर प्रसिडेंट थे उसके बाद प्रताप शंकर जाधव और आज़म भाई पानसरे उन्होंने काम करना शुरू किया उसके बाद महाराष्ट्र साइकलिंग एसोसिएशन में 2011 से 2017 तक के लिए छगन भुजबल को बतौर अध्यक्ष और प्रताप जाधव को सचिव बनाया गया।उन्हें महाराष्ट्र ओलैम्पिक एसोसिएशन के सचिव बाला साहेब लांडगे ने इस कमेटी को जिसमें भजुबल और जाधव थे उसे मान्याता दे दी उसी तरह से राज्य सरकार स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ने इनको मान्यता दे दी।
इस बारे में महाराष्ट्र साइकलिंग एसोसिएशन के मौजूदा सचिव सुर्यकांत पवार ने साल 2011 में आरटीआई के अंतर्गत जानकारियां निकालीं तो पता चला कि चैरिटी कमिश्नर में छगन भुजबल और सेक्रेटरी प्रताप जाधव का नाम ही नहीं है यहां तक कि यह इस कमेटी में कभी भी यह दोनों सदस्य भी नहीं रहे।
उन्होंने चैरिटी कमिश्नर मुबंई में मामले को चुनौती देते हुए केस दर्ज किया और मामले की छनबीन की मांग की जिसके बाद पता चला कि चैरिटी कमिश्नर ने मामले की जांच शुरू कर दी तो पता चला कि उसमें यह दोनों महाराष्ट्र साइकलिंग एसोसिएशन में कभी सदस्य सदस्य ही नही रहे।
महाराष्ट्र ओलैम्पिक एसोसिएशन के नियम कानून के मुताबिक अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी स्टेट एसोसिएशन का सदस्य होगा तब ही वह महाराष्ट्र ओलैम्पिक एसोसिएशन का सदस्य हो सकता है।और महाराष्ट्र साइकलिंग एसोसिएशन महाराष्ट्र ओलैम्पिक एसोसिएशन के अंतर्गत है।
इस मामले को लेकर 18 फरवरी 2015 को चैरिटी कमिश्नर ने सेक्शन 47 के अनुसार सूर्यकांत सीताराम पवार समेत कुल 7 लोगों को बतौर ट्रस्टी नियुक्त करने का आदेश जारी किया।
इसके बाद इस नई कमेटी के ट्रस्टियों ने क्रीडा व युवक सेवा संचालनालय महाराष्ट्र पूने और महाराष्ट्र ओलैम्पिक एसोसिएशन को पत्र लिखकर आगाह किया कि पहले के जो सदस्य जिनमें छगन भुजबल और प्रताप जाधव जो कि गैर कानूनी तरीके से घुसपैठ कर उसपर कबज़ा जमाए थे उन्हें निकाल बाहर किया जाए।फिर भी महाराष्ट्र ओलैम्पिक एसोसिएशन ने 12 जून 2015 को यह जवाब दिया कि महाराष्ट्र साइकलिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष घगन भुजबल ही हैं जबकि सेक्रेटरी प्रताप जाधव हैं।
17 जूलाई 2015 को महाराष्ट्र औलैम्पिक एसोसिएशन के सचिव बालासाहेब लांडगे ने आज़मभाई पांसारे को अध्यक्ष और सेक्रेटरी प्रताप जाधव की नियुक्ति का पत्र दे दिया।ताज्जुब इस बात कि यह प्रक्रिया भुजबल की नियुक्ति के एक महीने बाद अपनाई गई।
25 अप्रैल 2016 को महाराष्ट्र ओलैम्पिक एसोसिएशन ने फिर राज्य सरकार के स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट को लिस्ट भेजी और उसमें लिखा कि छगन भुजबल महाराष्ट्र साइकलिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं और सचिव प्रताप जाधव हैं जबकि छगन भुजबल जेल में हैं।तो ऐसे में सवाल यह उठता है कि भुजबल इस दौरना जेल में हैं तो कार्रवाई रजिस्टर और दूसरी जगहों पर उन्होंने साइन कैसे की अगर भुजबल ने साइन नहीं की तो उन्हें अध्यक्ष पद पर कैसे नियुक्त किया गया महाराष्ट्र ओलैम्पिक एसोसिएशन ने उन्हें सदस्य कैसे बनाया और सरकार ने उन्हें लीगल बॉडी कहकर कैसे स्वीकार किया।
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