मुंबई : मुबंई में नार्थ रीजन के एडिशनल कमिश्नर फत्तेह सिंह पाटिल की बदली को लेकर पुलिस विभाग के साथ साथ जन्ता भी यह सोचने पर मजबूर होगई कि आखिर 4 महीनों में ही सरकार ने उनका ट्रांस्फर इतना आनन फानन क्यों किया|क्योंकि नांदेड में आईजी की केवल एक ही पोस्ट है और वह पोस्ट अब तक खाली थी लेकिन शासन नें फत्तेह पाटिल को वहां भेज उस पोस्ट को डीआईजी मे तब्दील करदिया इससे साफ जाहिर होता है कि शासन ने पहले ही फत्तेह पाटिल को नार्थ रीजन से हटाने का मूड बना लिया था |
राधे मां मामले की जांच , मड आईलैंड में होटल मे कार्रवाई , मालवानी शराब घटना इन सारे संवेदनशील मामलों की जांच चल रही है ऐसे लम्हों में एक वरिष्ठ अधिकारी का ट्रांस्फर शासन के कार्रवाई पर सवालिया निशान लगाता है | पूर्व आईपीएस अधिकारी वाईपी सिंह ने कहा कि नांदेड की आईजी पोस्ट को खतम कर डीआईजी की पोस्ट बनाने लिए भी कानून है जिसके तहेत एक लंबी प्रक्रिया है और किसी भी ईमानदार अधिकारी को ऐसी जगह से जहां इस तरह के संवेदनशील मामले चल रहे हों वहां से मात्र 4 महीनों में ही हटाकर दूसरी जगह भेजने का मतलब है कि उन केसों पर परदा डाला जासके क्योंकि पाटिल ने कार्रवाई का दायर सख्त करदिया था मुमकिन है की इसके पीछे कुछ ऐसे असमाजिक तत्व भी हो सकते हैं जो की इस ट्रांस्फर की वजह से नाजायज़ फायदा भी उठाने की कोशिश करेंगे ।अगर फत्तेह सिंह पाटिल इस ट्रांस्फर से सहमत नहीं हैं तो उन्हें कैट का सहारा लेना होगा जहां यकीनन उनकी जीत होगी |
फत्तेह सिंह पाटिल का गांव मांगरुल है जो कि सांगली जिले में है लेकिन क्या पाटिल इस पोस्टिंग से खुश हैं यह अबतक रहस्य बना हुआ है |
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