शाहिद अंसारी
मुंबई :मुंबई सीपी ऑफिस से सटे कार पार्किंग के नाम पर हो रही वसूली को लेकर Bombay Leaks ने खुद पड़ताल की और इस मामले में मुंबई के आज़ाद मैदान पुलिस थाने में इसकी FIR दर्ज कराई।इस FIR के कई दिन बाद पुलिस ने पार्किंग में काम करने वाले उस लड़के को गिरफ़्तार किया जिसने पार्किंग के दौरान हमसे पैसा ज़्यादा वसूले थे।इस गिरफ़्तारी के बाद या इस FIR के बाद अबतक पार्किंग के नाम पर हो रही वसूली नहीं थमी लेकिन इस FIR के बाद पार्किंग माफियाओं के बीच खलबली ज़रूर मच गयी है।FIR के बाद क्या हुआ यह जानकर आप हैरान होजाएंगे की जिस पुलिस के पास हमने मामले की FIR दर्ज कराई थी और इस बात की उम्मीद लगायी थी की पार्किंग फीस के नाम पर पार्किंग माफिया का गोरख धंधा बंद हो जायेगा।लेकिन वही पुलिस इस मामले में पार्किंग टेंडर कंपनी के मालिक को गिरफ़्तार करने के बजाये इस मामले की पूरी जानकारी पार्किंग माफियाओं तक पहुँचा दी।आपको यह पढ़कर ताज्जुब होगा लेकिन सच्चाई यही है।
FIR दर्ज करने के बाद Bombay Leaks को पहला फ़ोन फारूक क़ाज़ी नाम के एक शख्श का आता है जो फ़ोन पर मेरा पता लेकर यह कह रहा है की आप जहाँ रहते हैं मैं भी वहीँ रहता हूँ आपसे मिलकर मुझे अर्जेंट बात करनी हैं जब मैंने किसी तरह की कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और फ़ोन काट दिया।ठीक एक घंटे बाद मुझे एक और शख्श का कॉल आया यह महाशय भी मुझसे मेरे घर का पता बताकर मुझसे पूछते हैं की आप यहाँ रहते हैं मैंने कहा आपको मेरा पता FIR से मिला तो उनका जवाब हाँ था।जबकी FIR की कॉपी आज़ाद मैदान पुलिस थाने में मौजूद है और यह जानकारी पुलिस के अलावा और कोई नहीं दे सकता।दूसरा फ़ोन करने वाले महाशय एनसीपी पार्टी के काफी करीब माने जाते हैं यह महाशय भी मेरे घर का पता बताते हैं।बातचीत में इन्होंने बताया की आपके घर का पता पुलिस थाने में दर्ज FIR से मिला है।महाशय ने यह भी कहा की पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली करने वाला अपना आदमी है।
पुलिस और पार्किंग माफियाओं के कनेक्शन
दर असल मुंबई कमिश्नर ऑफिस के नज़दीक में खुले आम पार्किंग के नाम पर वसूली करने के पीछे की सब से बड़ी वजह यह है की इस पार्किंग स्थल के आस पास के सारे पुलिस ठाणे और लोकल ट्रैफिक पुलिस की मिली भगत रहती है जिसकी वजह से धड़ल्ले से पार्किंग माफिया अपने गुर्गों को इन जगहों पर वसूली के लिए छोड़ देते हैं।जिन्हें पुलिस या पब्लिक से कोई डर नहीं जो की पूरी दादागिरी से निर्धारित पार्किंग फीस से 5 गुना ज़्यादा वसूलते हैं।और अगर कोई इसकी शिकायत पुलिस थानों में करता भी है तो इनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई भी नहीं होती।लेकिन कभी पुलिस के सामने FIR के लिए अड़ जाने पर पुलिस FIR तो लेती है लेकिन पार्किंग माफ़िया को शिकायतकर्ता की पूरी जानकारी देती है ताकि पार्किंग माफ़िया शिकायतकर्ता पर दबाव बना सकें।
नशेड़ियों को पार्किंग स्थल पर वसूली के लिए तैनात किया गया है
मुंबई कमिश्नर ऑफिस के नज़दीक में जहाँ कार पार्किंग की जाती है यहाँ 15 से ज़्यादा नशेड़ियों को पार्किंग के नाम पर वसूली के लिए तैनात किया गया है और यह गुर्गे दक्षिण मुम्बई की ही झोपड़ पट्टियों में रहते हैं।इन्हें एक दिन का एक हज़ार रुपये तक दिया जाता है और इसपर भी निर्भर करता है की यह लोगों से कितना वसूलते हैं।दूर दराज़ इलाकों से मुंबई में आकर शॉपिंग करने वाले लोग कम से कम 5 घंटे अपनी गाड़ियों को पार्क करते हैं और उनसे 500 से हज़ार रुपये वसूल जाता है जबकि मनपा की ओर से निर्धारित फीस एक घंटे की 20 रुपये है।वसूली को लेकर ट्रैफिक डीसीपी ने सख्ती बरती जिसके बाद यहाँ पार्किंग फीस के बोर्ड लगाये गए ताकि हर एक को पार्किंग फीस की जानकारी हो।शातिर पार्किंग माफिया ने फीस का बोर्ड तो लगाया है लेलिन उसपर मौजूद शब्द इतने छोटे लिखे की ज़मीन पर खड़े होकर देखने वाला कोई भी शख्श बोर्ड नहीं पढ़ सकता।
आज़ाद मैदान में FIR दर्ज होने के बाद हमने इस ममले की फिर से तहक़ीक़ात शुरू की और यह जानने की कोशिश की कि क्या वसूली का यह गोरख धंधा बंद हुआ या नहीं।हमने फिर से इसी जगह फिर गाड़ी पार्क की पार्किंग की वसूली में कोई तब्दीली नहीं दिखाई दी अलबत्ता वसूली के तरीके ज़रूर बदले।अब पार्किंग वसूलने वाले गुर्गे पार्किंग फीस की रसीद नहीं देते बल्कि एक इंच का एक कागज़ का स्टीकर देते हैं ताकि वसूली का सुबूत आपके हाथ ना लगे।
इस मामले में पुलिस ने कहा की हम टेंडर कैंसल करने के लिए मनपा को लेटर देंगे लेकिन एक अहम सवाल यह की पार्किंग वसूली करने वाले गुर्गे को पुलिस ने गिरफ्तार तो किया लेकिन ग्लोबल पॉवर सिस्टम पार्किंग टेंडर कंपनी के मालिक को अबतक पुलिस ने गिरफ़्तार नहीं किया।इस मामले में मुंबई पुलिस के जॉइंट सीपी लॉ एंड आर्डर देवेन्द भारती ने कहा की हमने पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली की जानकारी ट्रैफिक पुलिस को दी है।लेकिन सच्चाई यह है की आज भी पार्किंग माफिया पार्किंग के नाम पर जमकर वसूली कर रहे हैं।और इसका शिकार वह लोग होते हैं जो मुंबई में आकर शॉपिंग करते हैं यह सोचकर की यहाँ चीज़ें सस्ती और बेहतर मिलेंगी।
मुबई पुलिस कमिश्नर ऑफिस के नजदीक पार्किंग में मनमाने ढंग से पैसे वसूले जाते है इसका खुलासा Bombay Leaks ने किया था।अब इस मामले में जिस तरह से Bombay Leaks को फोन कॉल आ रहे है इससे साफ़ ज़ाहिर होता है की पार्किंग माफिया की पुलिस से मिलीभगत है।मुंबई पुलिस कमिश्नर कार्यालय के समीप इस तरह की अवैध वसूली कई सवाल खडे करती है।
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