शाहिद अंसारी
मुंबई:साल 2011 में दाऊद के भाई इक्बाल कासकर के ड्राइवर पर जिस जगह फाएरिंग हुई उसी जगह पर रौनक अफरोज होटल मौजूद है।सरकार नें इस पर कार्रवाई करते हुए इसे काफी पहले सील किया था लेकिन इक्बाल कास्कर ने दबंगई दिखाते हुए इस जगह का ना सिर्फ ताला तोडा बल्कि इस जगह को भाडे पर भी दे दिया इस भाडे की जगह में चलता था दिल्ली जाएका होटल।
लंबे समय के बाद जब एजेंसियों को जैसे ही पता चला उसके बाद 2 जुलाई 2013 को इस जगह को फिर से सील कर दिया।कुछ दिनों तक होटल इसी जगह के पास मौजूद फुटपाथ पर चलती रही लेकिन कुछ ही महीनों के बाद दिल्ली जाएका नाम की यह होटल दो टांकी इलाके में छोटा सोना पुर कबरस्तान के पास खुल गई।2013 के बाद से इस होटल की जगह पर सरकार नें नोटिस लगाई और तबसे से यहां ताला लगा हुआ है।
लेकिन अब इसी होटल की जगह को सरकार नीलाम करने जारही है।और इस नीलामी में हिस्सा लेने और बेचने वाली एजेंसी के साथ 3 दिसंबर को साइट इंस्पेन्शन कर सकता है।नीलामी में हिस्सा लेने की आखिरी तारीख 8 दिसंबर है होटल की नीलामी 9 दिसंबर को होगी।सरकारी एजेंसियों ने अस्वीन एंड कंपनी को ऑक्शन करने के लिए अपॉइंट किया है।इस होटल के लिए नीलामी में होटल मिलने पर पहले 30 लाख रूपए देना होगा बाकी रकम डिमांड ड्राफ्ट से देनी होंगी।नीलामी में भाग लेने के लिए 15 हज़ार डिपॉज़िट करना होगा लीगल चार्जेज स्टाम्प ड्यूटी सब खर्च खरीदने वाले को भरना होगा।अब ऐसे में यह सवाल उठता है कि दैऊद की इस करोडों की प्रापर्टी को आखिर खरीदेगा कौन।क्योंकि सराकर ने इससे पहले भई कई बार कोशिश की लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं।
इंकमटैंक्स विभाग ने दाऊद की पखमोडिया स्ट्रीट की जिस प्रापर्टी को सील किया है इस प्रापर्टी को पहले भी इसी तरह से सील किया गया था लेकिन सरकार और जिम्मेदार एजेंसियों की लापरवाही की वजह से दाऊद का भाई इक्बाल कास्कर उसके ताले तोडकर ना सिर्फ उसे खुद इस्तेमाल करता है बल्कि उसे किराए पर भी दे देता हैं।इंकम टैक्स से मिली जानकारी में इस प्रापर्टी को पहले ही सील किया गया था जबकि इस प्रापर्टी से चंद कदमों के फासले पर जेजे मार्ग पुलिस थाने है।लेकिन पुलिस की नाक के नीचे इक्बाल कास्कर इसे किराए पर दे देता है इससे साफ जाहिर होता है कि भले ही पुलिस थाने इलाके के मुंबई पुलिस नें बनाऐं हैं लेकिन सिक्का दाऊद का ही चलता है।
ताज्जुब इस बात का कि दाऊद की प्रापर्टी सील कर देने के बाद उस विभाग को यह भी खबर नही कि उसके जरिए सील की हुई जगह पर दाऊद के गुर्गे और उसके भाई इक्बाल कास्कर सेंध मारी कर के धडल्ले से इस्तेमाल कर रहा है।इंकम टैक्स ने दाऊद की जिन 12 प्रापर्टियों को जब्त किया हैं उनमें सबसे पहले आप उस लिस्ट को देखिए इस लिस्ट में आपको कुछ अजीबो गरीब जानकारियां दिखाई देंगी लेकिन उससे पहले इस 2 नंबर वाली पखमोडिया स्ट्रीट की इस प्रापर्टी का पता जरूर देखें।
दाऊद की प्रापर्टी की तफ्सील और उस समय की कीमत
- एक से चार माला राजगारा मेंशन बीबी जनपथ मांडवी डिवीजन में यह जगह है।उस समय इसकी कीमत 66 लाख थी।
- 4 थी पखमोडिया स्ट्रीट मुंबई नंबर 3 यह भूलेश्वर डिवीजन में हैं इसी जगह को इक्बाल कास्कर ने किराये पर दे रखा था।उस समय इसकी कीमत 6 लाख थी।
- डामर वाला बिल्डिंग 17/21 पखमोडिया स्ट्रीट
- 34/40 याकूब स्ट्रीट यह भूलेश्वर डिवीजन में हैं उस समय इसकी कीमत 35 लाख थी।
- 24 रिसीडेंशल बिल्डिंग याकूब स्ट्रीट यह भूलेश्वर डिवीजन में हैं उस समय इसकी कीमत 35 लाख थी।
- 22/32 इंडस्ट्रियल गाला शेड नंबर 1 जैराज भाई ताडदेव उस समय इसकी कीमत 2.5 लाख थी।
- हुमेरा इंजीनयरिंग वर्क्स जैराज भाई लेन ताडदेव उस समय इसकी कीमत 2 लाख थी।
- 22 टेमकर स्ट्रीट मुंबई नंबर 3 यह भाइखला डिवीजन में हैं उस समय इसकी कीमत 28 लाख थी।
- 99/101 घासवाला बिल्डिंग टेमकर स्ट्रीट मुंबई नंबर 3 यह भाइखला डिवीजन में हैं उस समय इसकी कीमत 4 लाख थी।
- गरीब नवाज गेस्ट हुस इस्माइल बिल्डिंग भाइखला डिवीजन में हैं उस समय इसकी कीमत 55 लाख थी।
- देवान सेंटंर उस समय इसकी कीमत 41 करोड थी।
- 49 महाडा बिल्डिंग मांडवी में उस समय इसकी कीमत 13 करोड थी।
- A-12 गार्डेन हाल जहां दाऊद की बहेन हसीना परकार रहती है उस समय इसकी कीमत 47.5 लाख थी।अब आज के वक्त मे दाऊद की सील की हुई इन सब प्रापर्टी की कीमत अरबों रूपए तक पहुंच चुकी है।
अब आप इस प्रापर्टी को देखिए जिसे इंकम टैक्स ने 2 जूलाई 2013 को सील किया था।एक बात तो अब आइने की तरह साफ होगई हैं कि इस प्रापर्टी पर इक्बाल कास्कर ने गैरकानूनी तरीके से हथिया कर उसे किराए पर भी दिया।जिसका मतलब यही होता है कि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।लेकिन आजतक इक्बाल कास्कर पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि कार्रवाई उस विभाग पर होनी चाहिए जिसके अधिकारियों ने पहले इस प्रापर्टी को सील की और बाद में नींद के की आगौश मे चले गए और जब उन्हे होश आया तो कई साल बीत गए थे।इसलिए यह सवाल उठना लाज्मी हैं कि कोई ना कोई ऐसा हैं जिसकी शह पर इक्बाल कास्कर बडे ही दिलेरी से इस प्रापर्टी को हथियाने मे जरा भी नही हिचकिचाया।जिसे ढूंढना और उसपर कार्रवाई करना मुश्किल काम हैं।क्योंकि जो लोग दाऊद की प्रापर्टी को सील करते हैं वही लोग बैक डोर से उसे मदद भी करते हैं।
पूर्व आईपीएस अधिकारी वाई.पी सिंह का कहना है कि इस तरह की कागजी कार्रवाई सरकार काफी पहले से करते आरही है भले ही दाऊद की इस जगह को सरकार नीलाम कर रही है लेकिन इसे शायद ही कोई लेगा क्योंकि उस इलाके मे जहां आज भी दाऊद के नाम का सिक्का चलता है वहां दाऊद की जगह पर कोई और कदम जमाए ऐसा दाऊद और उसके गुर्गे नहीं होनें देंगे।और जो शख्स उसकी प्रापर्टी को खरीदेगा उसकी भी जांच होसकती है।
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