Bombay Leaks desk
मुंबई:तकरीबन 2 महीने पहले पत्रकार शाहिद अंसारी का पोस्टर सोशल साइट और व्हाट्सप ग्रुप में वांटेड लिखकर घुमाया गया था और साथ मे अंसारी का पता बताने वाले को 51000 रूपए के इनाम की घोषणा की गई थी हैरान करने वाली यह थी कि उसमें शाहिद अंसारी का ही फोन नंबर लिखा गया था।अंसारी ने इसकी जानकारी मुबंई पुलिस कमिश्नर से मिलकर दी थी साथ में राज्य के मुख्यमंत्री से मिलकर इस बात की शिकायत भी की थी जिसके बाद इस मामले में साइबर सेल ने जांच शुरू की।छानबीन में इस बात का पता चला कि फेसबुक पर अंसारी का बैनर बनाकर पोस्ट करने वाला कोई और नहीं बल्कि फेसबुकिया मौलाना अब्दुर्रहीम के द्वारा किया गया है।3 सितंबर को मौलाना अब्दुर्रहीम के द्वारा उसकी फेसबुक वाल पर पोस्ट किया गया था जबकि ऐसा ही बैनर अकरम खान नाम के एक व्यक्ति ने इसे व्हाट्सप ग्रूप में पोस्ट किया था दोनों ही तथाकथित धर्मधुरंधर मुईन मियां के भक्त हैं।जानकारी मिलने के बाद अंसारी ने तीन लोगों के खिलाफ़ मुंबई के आजाद मैदान पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया है।
इस बारे में नागपाड़ा पुलिस थाने के सीनियर पीआई संजय वसवत ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस की तरफ से अंसारी को लेकर न ही वांटेड और न ही किसी तरह के इनाम की घोषणा गई है और सोशल साइट पर जो भी हो रहा इसकी ज़िम्मेदार पुलिस नहीं है।इस से साफ पता चलता है कि मौलाना फेसबुकिया ने जो भी किया है वह खुद से ही बैनर बना कर झूटी अफवाह फैलाई थी ताकि लोगों को ऐसा लगे कि यह काम पुलिस ने किया है।इस तरह से फेसबुकिया मौलाना अब्दुर्रहीम ने पुलिस की आंड़ से खुद ही लोगों में अंसारी के खिलाफ़ अफवाहों का बाजार गरम किया।
फेसबुकिया मौलाना अब्दुर्रहीम द्वारा यह हरकत कोई पहली बार नहीं है इस से पहले भी इसी तरह की हरकत के बाद इसके खिलाफ़ नागपाड़ा पुलिस थाने में एफ़आईआर (278/2014) दर्ज की गई है अंसारी से पहले इसने उर्दू अख़बार सीरत के एडीटर मुईन अजमेरी के साथ भी यही हरकत की थी।मामला यह था कि मुईन मियां के बहनोई डॉक्टर मनाजिर हुसैन जिस पर उत्तर प्रदेश में रेप केस दर्ज हुआ था और वह हवालात काटकर मुंबई आया था उत्तर प्रदेश कई अखबार समेत मुंबई के सामना अखबार में मुईन मियां के बहनोई की यह खबर “ साला दंगाई बहनोई बलात्कारी ” के साथ सामना में छपी इसी खबर को सीरत अख़बार के एडीटर मुईन अजमेरी ने उर्दू में अनुवाद कर सीरत अख़बार में प्रकाशित कर दी।खबर प्रकाशित करने के बाद मुईन मियां और उनके भक्तों ने नागपाड़ा पुलिस थाने समेत राज्य भर में उनके खिलाफ़ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मामला ऐसे ही दर्ज करवाया जैसे शाहिद अंसारी ने मुईन मियां द्वारा अंजुमन इस्लाम की ज़मीन हड़पे जाने की खबर लिखी थी उसके बाद अंसारी के खिलाफ़ मामला दर्ज करवाया गया उसी फंडे पर अमल करते हुए इसी नागपाड़ा पुलिस थाने में साल 2013 मे मामला दर्ज किया गया और मामला दर्ज करने के बाद पुलिस और मुईन मियां के भक्तों द्वारा मुईन अजमेरी को अंडर ग्राउंड होना पड़ा।
लेकिन पावर और पहुंच कोर्ट में काम नहीँ आई और कोर्ट ने नागपाड़ा पुलिस थाने द्वारा दर्ज की गई FIR को खारिज कर दिया। मुईन अजमेरी के धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मामला दर्ज होने के बाद ही फेसबुकिया मौलाना अब्दुर्रहीम ने सीरत के एडीटर मुईन अजमेरी के ऊपर एक लाख के इनाम की घोषणा की और वांटेड बताया।लेकिन मौलाना के झूट की पोल तब खुली जब पुलिस ने उनके खिलाफ़ भी किसी भी तरह के इनाम की घोषणा से साफ़ इंकार कर दिया और फेसबुकिया मौलाना के खिलाफ़ नागपाड़ा पुलिस थाने में ही मामला दर्ज हो गया।ताज्जुब इस बात का कि अब भी पुलिस अफवाह फैलाने के मामले में फेसबुकिया के खिलाफ़ मामला दर्ज करने के बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं की जिसके बाद फेसबुकिया अपनी आदत से मजबूर होकर शाहिद अंसारी के मामले में भी वही हरकत किया जो मुईन अजमेरी के ऊपर मामला दर्ज होने के बाद किया था।फेसबुकिया मौलाना मुंब्रा स्तिथ मोईन अशरफिया मदरसे में बतौर सुपरवाइज़र काम करता है यह मदरसा मुंब्रा में स्तिथ है।
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