शाहिद अंसारी
मुंबई: मुंबई हाईकोर्ट के आदेश के बाद जेजे मार्ग पुलिस थाने ने यूनुस शिरगर और असलम शिरगर नाम के आरोपियों समेत उनके परिवार के कई लोगों के खिलाफ़ लूटपाट, डकैती अवैध रूप से जगह पर कबज़ा करने का मामला दर्ज किया है। मामला दर्ज होने के बाद आरोपियों ने मुंबई सेशन कोर्ट में गिरफ्तारी पूर्व ज़मानत की अर्ज़ी दी थी लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया है जिसके बाद जेजे मार्ग पुलिस थाने के जांच अधिकारी जगदीश गायक्वाड़ ने इन दोनों को कोर्ट से निकलने के बाद गिरफ्तार कर लिया जबकि बाकी सारे लोग गिरफ्तारी के डर से फ़रार हैं।
मामला 10 महीने पहले का है जब जेजे मार्ग पुलिस थाने की हद में मौजूद नवाब मस्जिद के पास दोपहेर के वक्त कई लोगों ने हुसैन शेख नाम के व्यक्ति के स्टाल पर कबज़ा कर उसके सामान और पैसे लूटते हुए स्टाल पर अवैध रूप से हथिया लिया। हुसैन ने स्थानी पुलिस थाने से मदद की गुहार लगाई लेकिन किसी तरह की मदद नहीं मिली। थक हार कर उन्होंने मुंबई हाईकोर्ट मे दस्तक दी जिसके बाद हाईकोर्ट ने जेजे मार्ग पुलिस थाने को मामला दर्ज करने का आदेश दिया।
हुसैन के वकील शबनम शेख ने Bombay Leaks से बात करते हुए बताया कि दिन दहाड़े न केवल एक गरीब व्यक्ति की दुकान लूटी गई बल्कि उसकी दुकान पर कबज़ा कर के उससे उसका स्टाल छीन लिया गया। और हैरान कर देने वाली बात यह है कि तत्कालीन सीनियर पीआई शिंदे और मौजूदा एसीपी मंगेश पोटे से आरोपियों ने और कुछ खबरियों ने साठगाँठ कर ली इसी लिए पुलिस थाने की दहलीज़ पर गिड़गिड़ाने के बाद किसी तरह की किसी ने मदद नहीं की हालांकि हमने ज़ोनल डीसीपी मनोज शर्मा और एडिशनल सीपी प्रवीण पटवल से भी कार्रवाई की मांग की लेकिन वह भी 10 महीने तक मुखदर्शक बने रहे।
जेजे मार्ग पुलिस थाने और आसपास के की इलाकों मे इसी तरह से किसी के घर और दुकान को टार्गेट कर उसे लूटने और उसपर अवध कबज़ा करने की वारदात आम है क्योंकि इस तरह की वारदात को अंजाम देने वाले लोग स्थानी पुलिस थाने की सीनियर पीआई और एसीपी को पूरी तरह से भरोसे मे लेकर अंजाम देते हैं। और यही लोग वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर के उसी तरह की रिपोर्ट पेस करते हैं ताकि इस तरह के लोगों के विरुद्ध कार्रवाई न हो सके और वह इस गोरख धंधे को परवान चढ़ाते रहे। लेकिन कोर्ट का जब डंडा पड़ा तो उसी पुलिस थाने को आरोपियों के खिलाफ़ कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
Post View : 183