शाहिद अंसारी
मुंबई:मरीजों के साथ जेजे हास्पिटल प्रशासन की दादगिरी तो आपने सुनी होगी लेकिन पुलिस वालों को साथ दादा गिरी करने की बात अगर हो जाए तो आप को ताज्जुब ज़रूर होगा।घटना बुधवार की है जब एल.ए 2 में कार्यरत सब इंस्पेक्टर चंद्रकांत मेटे ज्वेरी बाजार बम ब्लास्ट के आरोपी हारून रशीद नाएक को लेकर जेजे हॉस्पिटल पहुंचे।हमेशा की तरह पुलिस वैन की पार्किंग में मौजूद आरोपियों के बंदोबस्त के लिए खड़े थे उसी दौरान जेजे हॉस्पिटल के एसोसिएट डीन संजय निरभौने कुछ सुरक्षा कर्मियों के साथ आ धमके।पुलिस वालों से वहां गाड़ी खड़ी करने को लेकर वह बदतमीज़ी करते हुए दादागिरी करने लगे।उस दौरान बम ब्लास्ट के आरोपी हारून रशीद नाएक के बंदोबस्त में तैनात सब इंस्पेक्टर चंद्रकांत मेटे ने उनसे कहा कि आपको क्या दिक्कत है।जवाब में उन्होंने कहा कि तू सब इंस्पेक्टर है हमें सिखाता है तेरे ऊपर 353 क ेतहेत मामला दर्ज करूंगा मेरे पास मजिसट्रेट की पावर है तू यहां गाड़ी क्यों लगाया है।इस बात को देख कि कहीं आरोपी भाग न जाए मेटे ने अपने सीनियर अधिकारी को फोन कर यह जानकारी दे दी।क्योंकि निरभौने ने अपना किसी तरह का कोई परिचय नहीं दिया और पुलिस की गाड़ी की वीडियो ग्राफी करने लगे इस तरह से अचानक हो रहे तमाशे को लेकर मेटे ने भी फोटो खींची जिसके बाद मामला और गरम होगया।
निरभौने ने कहा कि मेरे पास मजिसट्रेट की पावर है तू ने फोटो कैसे खींचा अब मैं तुझ पर केस दाखिल करूंगा और सस्पेंड करवाऊंगा इसके बाद उन्होंने और जेजे हास्पिटल के सुरक्षा कर्मियों ने मेटे का हाथ पकड़ कर खींचते हुए जेजे मार्ग पुलिस थाने ले आए और मेटे के फोन से खींची गई अपनी फोटो डिलीट करवाई।इस दौरान गाड़ी में 4 आरोपी मौजूद थे जिन में हारून रशीद नाएक भी था।जेजे मार्ग पुलिस थाने के पुलिस कर्मियों ने बीच बचाव करवाया और बात चीत के बाद मेटे अपनी गाड़ी पर वापस आ गए।मेटे ने इस घटना की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी और ताड़देव में मौजूद एल.ए 2 कार्यालय में इस घटना की डायरी एंट्री कर दी।
इस बारे में जेजे हॉस्पिटल के एसोसिएट डीन संजय निरभौने से जब बात की गई तो पहले तो उन्होंने अपने द्वारा की गई दादागिरी को लेकर अपना पल्लू झाड़ लिया उन्होंने कहा कि पार्किंग को लेकर मामूली बात चीत हुई थी।उन्होंने कहा कि कोर्ट ने कुछ गाइडलाइंस जारी की है उसके तहेत पार्किंग को लेकर उनसे बात की गई।जब उनसे पूछा गया कि बम ब्लास्ट के आरोपी के सुरक्षा पर तैनात किए गए एक सब इंस्पेक्टर को खींचते हुए पुलिस थाने ले जाना कितना मुनासिब है और ऐसे में अगर आरोपी भाग जाता तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।उन्होंने इस सवाल का जावब देने के बजाए कहा कि गाड़ी सही जगह नहीं खड़ी थी बस उसे सही जगह लगाने के लिए कहा और कोई बात नहीं है और पुलिस थाने खींचते हुए एक सब इंस्पेकटर को ले जाने वाली बात से भी मुकर गए।
जेजे हास्पिटल में पुलिस के ज़रिए गाड़ी पार्किंग लंबे समय से वहीं की जाती है जहां पर संजय निरभौने ने अपनी दादागिरी कर के ड्युटी पर तैनात एक सब इसंपेक्टर को खींचते हुए पुलिस थाने ले गए थे।ताज्जुब इस बात का कि इस बारे में जे.जे मार्ग पुलिस थाने के वरिष्ठ अधिकारी भी मामले की जानकारी देने के बजाए उसे छुपा रहे हैं।ऐसे में यह सवाल उठना लाज़्मी है कि कहीं जे.जे हॉस्पिटल द्वारा पुलिस वालों के साथ हो रही इस दादागिरी के चक्कर में कोई आरोपी फरार होगया तो उसका ज़िम्मेदार कौन होगा।
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