शाहिद अंसारी
मुंबई : 30 सितम्बर को महाराष्ट्र ऐंटी रप्शन ब्युरो के डीजी प्रवीण दीक्षित की ऐंटी करप्शन ब्युरो से डीजी पुलिस के ओहदे पर नियुक्ति की उम्मीद जताई जा रही है ऐसे लम्हे में अब हर एक की निगाहें छगन भुजबल के मामलों की चार्जशीट पर टिकी हुई हैं।क्योंकि प्रवीण दीक्षित ने और जाँच अधिकारीयों ने मामले में जिस तरह से कार्रवाई में तेज़ी दिखाई थी उससे साफ़ ज़ाहिर था की भुजबल पर भ्रष्टाचार के मामलों में कानूनी शिकंजा सख्त होते जा रहा है।लेकिन भुजबल पर केस चलाने से पहले एसीबी को राज्य सरकार से इजाज़त लेनी होगी इसको लेकर एसीबी ने राज्य सरकार को भुजबल की सेंक्शन रिपोर्ट भेज दी है लेकिन केस चलाने के लिए अबतक राज्य सरकार की तरफ से भुजबल की सेंक्शन रिपोर्ट नहीं भेजी गयी।
महाराष्ट्र ऐंटी करप्शन ब्युरो के डीजी प्रवीण दीक्षित ने बात चीत में बताया की इस मामले में एसीबी में अपनी प्रक्रिया पूरी करली है अब इंतेज़ार है केवल सेंक्शन रिपोर्ट का जिसके बाद ही एसीबी भुजबल के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करेगी और फिर कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ाये गी।
अब देखना होगा की क्या राज्य सरकार प्रवीण दीक्षित के रहते हुए सेंक्शन रिपोर्ट भेजती है या भुजबल को बचाने के लिए सेंक्शन रिपोर्ट को टेबल पर ही रखती है। भुजबल पर जहाँ एक तरफ एसीबी कानून का शिकंजा कस रही है वहीं राज्य सरकार सेंक्शन रिपोर्ट अबतक ना देकर भुजबल और सरकार के बेहतर रिश्तों को उजागर करती है।ऐसी भी आशंका जताई जा रही है की प्रवीण दीक्षित के जाने के बाद भुजबल मामले या दुसरे किसी भी मामलों में जो कानून का दायरा सख्त किया गया है वह ढीला कर दिया जायेगा।ताकि जिन भ्रष्टाचारियों पर एसीबी ने दिन रात एक कर के सुबूत इकठ्ठा किये वह नष्ट होजायें और भ्रष्टाचार का बाज़ार फिर से गरम हो ताकि रिश्वतखोरों का गोरख धंधा फिर से चल पड़े।
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