शाहिद अंसारी
मुंबई:26/11 हमलों के 2 दिन पहले बम धमाकों में अपनी जान गवांने वाले और ज़ख्मियों को के मुआवज़े को लेकर मुंबई हाई कोर्ट में कल सुनवाई है।लोगों की निगाहें कोर्ट के पर टिकी हुई हैं ऐसे समय में जब 26/11 हमलों की बरसी को मात्र 2 दिन बचे हैं तो उन लोगों के ज़ख्म फिर से एक बार हरे होगए हैं जिनके परिवार ने अपने घर के किसी न किसी सदस्य को इन धमाकों मे खोया है इनमें 26/11 बम धमाके,पूणे जर्मम बैकरी धमाके,ज़वेरी बाज़ार बम धमाके शामिल हैं।
पिछली सुनवाई में मुंबई हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को यह निर्देष जारी किया था कि महाराष्ट्र में (पूणे जर्मन बैकरी और ज़वेरी बाज़ार ) में हुए बम ब्लास्ट में मारे गए 37 लोगों को कितना मुआवज़ा दिया इसका जवाब 2 हफ्तों के अंदर कोर्ट को बताऐं।साल 2008 यानी 26/11 आतंकीय हमलों के बाद 1 दिसंबर को राज्य सरकार की ओर से यह फरमान जारी कर कहा गया था कि इस तरह के धमाकों में मारे जाने वालों या ज़ख्मियों को मुआवज़े के रकम 1 लाख से बढ़ा कर 5 लाख तक अदा किया जाएगा।सरकार ने 13 अगस्त 2014 को कोर्ट में हलफ़नामा दाखिल करते हुए कहा था कि उन्होंने 31 दिसंबर को दिए गए फ़रमान का हवाला भी दिया था। इसी बात को लेकर एडोकेट राजेश पांचल ने मुंबई हाई कोर्ट मे दस्तक दी थी कि क्या वाकई सरकार ने अपने द्वारा जारी किए गए फरमान पर अमल किया है या नहीं।
पांचल ने कोर्ट में 1993 से लेकर अब तक देश मे कितने धमाके हुए और कितने लोगों की मौत हुई हैं उनकी पूरी जानकारी कोर्ट में दी पांचल की दी गई तफ्सील के मुताबिक 26/11 हमले,पूणे जर्मन बैकरी और ज़वेरी बाज़ार जैसे धमाकों में 209 लोगों ने अपनी जानें गवाई थी जबकि 1000 से ज्यादा लोग आज भी उन ज़ख्मों को झेल रहे हैं।
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