शाहिद अंसारी
मुंबई: अब बीएमसी अधिकारियों को के साथ अगर कोई मारपीट गाली गलोच या दूसरा कोई अभद्र व्यवहार करता है और बीएमसी अधिकारी उसकी शिकायत करने के लिए पुलिस थाने जाता है तो उससे पहले उसे अपने आपको बीएमसी अधिकारी साबित करने के लिए सारे दस्तावेज़ ले जाने होंगे।बिना इसके वह मामला नहीं दर्ज करा सकता।अगर यह साबित हो गया कि वह बीएमसी कर्मचारी हैं तो उसके बाद ही मामला दर्ज करने पर विचार किया जाएगा।ऐसा हम नहीं बल्कि सकॉटलैंड यार्ड की तुलना किए जाएने वाली तेज़ तर्रार मुंबई पुलिस के अग्रीपाड़ा पुलिस थाने से जारी हुए एक फरमान में कहा गया है।
मुबंई के अग्रीपाड़ा इलाके में बीएमसी अधिकारी सतीश मालेकर को शमशाद अहमद नाम के एक प्रोफेश्नल शिकायतकर्ता द्वारा पीटे जाने के मामले में शिकायत करने पर पुलिस ने मामला दर्ज करने के बजाए कहा कि पहले तुम यह साबित करो की तुम बीएमसी अधिकारी हो जिसके बाद मालेकर को बिना शिकायत के ही वापस आना पड़ा।

बीएमसी अधिकारी सतीश मालेकर
दर असल शमशाद अहमद ने ई-वार्ड में मौजूद आफिया हाइट्स नाम की बिल्डिंग से जुड़ी जानकारी मांगी थी जिसके बाद जानकारी को लेकर वह ई-वार्ड में मौजूद अधिकारी सतीश मालेकर की केबिन में पहुंच कर सूचना मांगी जिसके बाद मालेकर ने कहा कि इसका जो पैसा होता है वह आप पहले भरें उसके बाद आपको जो भी जानकारी है मुहय्या कराई जाएगी लेकिन शमशाद ने पैसे भरने के बजाए दादागिरी करने लगा मालेकर ने बताया कि दरअसल उसे जानकारी दी जारही थी लेकिन उसने कहा कि मुझे जानकारी नहीं बिल्डर से बात करवाओ।मालेकर ने कहा कि हमारा यह काम नहीं है यह कहकर उसे मालेकर ने केबिन से बाहर जाने के लिए कहा लेकिन बाहर जाने के बजाए उसने गाली गलोच करते हुए मालेकर पर हमला कर दिया।जिसके बाद उन्होंने एमरजंसी नंबर पर काल कर के सहायता मांगी तब तक शमशाद भाग गया
मामले की गंभीरता को देख मालेकर ने जैसे ही अग्रीपाड़ा पुलिस थाने शिकायत करने के लिए पहुंचा तो पुलिस ने घटना स्थल का जायज़ा लेने पहुंची लेकिन मामला दर्ज करने मे आना कानी करते हुए कहा कि पहले आप बीएमसी अधिकारी होने का सुबूत दो।
इस बारे में अग्रिपाड़ा सीनियर पीआई अशोक सरंबालकर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम देख रहे कि ऐसा कोई पत्र दिया गया है कि नही और मामले में अबतक FIR नहीं दर्ज की गई।
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