शाहिद अंसारी
मुंबई: आईपीएस और आईएएस अधिकारियों की सोसायटी राम भरोसे हैं हाल ही में दिल्ली की स्पेशल सेल ने एक लेटर लिख कर यह जानकारी दी थी कि आतंकी संग्ठन अलकायदा के आतंकी अब आईपीएस आईएएस अधिकारियों को अपना निशाना बना सकते हैं।इस लेटर के बाद जब हमने मुंबई में मौजूद आईपीएस अधिकारियों की कुछ सोसायटी की हकीकत जानने की कोशिश की तो पता चला कि यह सारी सोसायटी राम भरोसे ही चल रही हैं।एलर्ट के बाद ना किसी तरह का बंदोबस्त और न बिल्डिंग के बाहर किसी तरह के पुलिस की तैनाती।
मुंबई की कई जगहों पर जिन में मरिन लाइंस,भाईखला, मलबार हिल,वरली जैसे पोश इलाकों मे जहां आईपीएस या आईएएस अधिकारियों की कालोनियां मौजूद हैं उन जगहों की सुरक्षा रोज़मर्रा की तरह हैं जहां ना कोई पुलिसकर्मी है और ना कोई देख रेख करने वाला।ऐसे में जब वह अधिकारी टारगेट पर हो तो भला उसका परिवार कैसे सुरक्षित रह सकता है।लेकिन खुद मुंबई पुलिस ही दिल्ली की स्पेशल सेल के ज़रिए जारी किए गए लेटर को ही गंभीर से नहीं ले रही और इन अधिकारियों के परिवार सुरक्षा दांव पर लगी है।इस बारे में मुंबई पुलिस प्रवक्ता का कार्यभाचर संभालने वाली डीसीपी अश्वनी सानप ने बताया कि कहा कि रेसिडेंशियल कालोनी जिस पुलिस थाने के अंतर्गत आती हैं हमने उस पुलिस थाने को इस अलर्ट के बारे में जानकारी दी है।लेकिन यह जानकारी और इस अलर्ट को अब तक गंभीरता से नहीं लिया गया।इसी लिए रोज़मर्रा की तरह जैसे चल रहा है उसे वैसे ही चलने दिया जा रहा है।
हालांकि जब हम ने मुंबई में मौजूद नेताओं और मंत्रियों की सुरक्षा का जायज़ा लिया मंत्रायलय के सामने और मलबार हिल में जहां अधिकतर मंत्रियों के बंगले है वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतेजामात किए गए हैं।प्राइवेट सुरक्षा कर्मियों के साथ साथ मुंबई पुलिस के जवान 24 घंटे तैनात हैं जबकि इनके लिए ना तो किसी तरह का एलर्ट है और ना इन्हें किसी तरह का कोई खौफ़ फिर भी मुंबई पुलिस इन पर सुरक्षा के नाम पर जम कर मेहरबानी कर रही है।
मुंबई पुलिस के अनुसार उन्होंने इन सारी जगहों से सम्बंधित पुलिस थानों को कह तो दिया है लेकिन मामले की सच्चाई इसके उलट है।मुंबई पुलिस ने अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर अभी भी जिस तरह से लापरवाही बरत रही है यकीनन एलर्ट के बाद यह सवाल उठना लाज़मी है कि जब वह निशाने पर हैं तो पुलिस इस अलर्ट को हलके में लेकर उन सारे अधिकारियों और उनके परिवार वालों की ज़िन्दगी क्यों दांव पर लगा रही है।नाम न बताने की शर्त पर कुछ अधिकारियों ने बताया कि उनके परिवार वाले इस अलर्ट के बाद खौफ़ के साए मे जी रहे हैं।क्योंकि सुरक्षा के पुख्ता इंतेज़ाम न होने की वजह से कोई भी कभी भी नुकसान पहुंचा सकता है।मुंबई के आज़ाद मैदान पुलिस थाने के पीछे योरोपियन बंगले में आईपीएस अधिकारी सुनील पारसकर और ब्रिजेश सिंह का बंगला है जहां एक भी सुरक्षा कर्मी नहीं। मुबंई के भाइखला पुलिस थाने से सटे कुछ पुलिस अधिकारियों के घर हैं जिनमें आईजी कृष्ण प्रकाश भी हैं जो एक समय में हिंदू संगठन के टारगेट पर थे उनके ही बंगले से ही सट कर आईपीएस अधिकारी रवींद्र शिशवे,समेत दूसरे अधिकारियों के घर हैं जिनके बाहर किसी भी तरह की कोई सुरक्षा नहीं है।कुछ ऐसा ही नज़ारा मुंबई के वरली इलाके में है वरली पुलिस थाने के पीछे मौजूद आईपीएस अधिकारियों की कालोनी है जिसमे तकरीबन 8 आईपीएस अधिकारी रहते हैं लेकिन यहां भी सुरक्षा के नाम पर एक भी पुलिस कर्मी नहीं।वरली सी फेस से सटी एक बिल्डिंग है जहां रिटाएर्ड आईपीएस अधिकारी रहते हैं उसके सामने ही पुलिस चौकी है लेकिन यहां भी कभी कभार वह भी शाम के समय एक से दो पुलिस कर्मी खानापुरी करने आजाते हैं।पुलिस के ज़रिए लापरवाही का यह कई पहला मामला नही है इस से पहले सुरक्षा की भारी चूक और एलर्ट को नज़र अंदाज करना भारी जब 2611 जैसी आंतकी वरादात से मुबंई को दो चार होना पड़ा और सैकड़ों लो मौत के मुंह मे चले गए।हाल ही में 2611 का तर्ज़ पर एक मोकड्रिल किया गया लेकिन ताज्जुब इस बात का उस मोक ड्रिल के बाद भी सुरक्षा में सेँधमारी की गई।और उसी 2611 की तर्ज पर आंतकियों की तर्ज पर मोकड्रिल करने वाले जवान मुबंई शहर में घुस गए थे और किसी को कानो कान इसकी खबर तक नहीं हुई।
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