बॉम्बे लीक्स , दिल्ली
मणिपुर में जारी हिंसा को 3 महीने हो चुके हैं। हाल ही में मणिपुर में कुछ लोगों के एक समूह द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर धान के खेत में घुमाया गया।इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।इस मुद्दे पर राजनीति भी हो रही है, विपक्षी पार्टियां केंद्र और राज्य सरकार पर लगातार हमलावर है।इसी बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारुक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने मोदी पर जमकर हमला बोला है।उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी केंद्र सरकार पर कुर्सी के लिए नफरत फैलाने का आरोप लगाया है।
अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पूरी दुनिया इसके (मणिपुर) बारे में बात कर रही है। उन्होंने (प्रधानमंत्री) इस मुद्दे पर टिप्पणी की है और बहुत कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया है लेकिन उन्हें इसे संसद में कहना चाहिए।अब्दुल्ला ने कहा, अब उन्हें हमारी (विपक्षी दलों की) बात भी सुननी चाहिए। हमें उम्मीद है कि हमें संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करने की इजाजत मिलेगी। हमारा उद्देश्य आलोचना करना नहीं है बल्कि हालात के बारे में अपनी भावनाएं व्यक्त करना है।अब्दुल्ला ने मणिपुर में दो कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाए जाने के वायरल वीडियो पर कहा कि ‘‘मणिपुर हम सभी के लिए एक त्रासदी है। यह हर भारतीय के लिए प्रलय का दिन है।अब्दुल्ला ने कहा कि कुछ लोग सत्ता के लिए नफरत फैला रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसी सत्ता से घृणा करता हूं जिसके लिए हमें लोगों को विभाजित करना पड़ता है। ईश्वर एक है और वह सबका है। आप उसे किस रूप में देखना चाहते हैं यह आप पर निर्भर करता है। आप उसे किसी मंदिर या मस्जिद में देखना चाहते है। वह तो एक ही रहता है। फिर भी हमें बांटा जा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया के बयान में कहा कि, ‘मणिपुर की स्थिति हमारे लिए एक त्रासदी जैसी है।कुर्सी के लिए नफरतें किस तरह बढ़ाई जा रही है इस पर लानत है। प्रधानमंत्री ने भी इसपर (मणिपुर हिंसा पर) जवाब दिया है लेकिन उन्हें यह संसद में कहना चाहिए था’ उन्होंने आगे कहा कि ये हिंसा क्यों फैलाई जा रही है, हम सब का भगवान एक ही है, चाहे आप उसे मंदिर में देखे या मस्जिद में देखे या कहीं और देखे। इंसान को बांटने का काम नहीं करना चाहिए।हमें उम्मीद है कि मुझे संसद में इसपर बोलने का मौका मिलेगा।बता दें कि मणिपुर में जारी हिंसा को 3 महीने हो चुके हैं।हिंसा की वजह मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा देना है। कुकी समुदाय का कहना था कि मैतेई ताकतवर समुदाय है, इसे जनजाति का दर्जा न मिले।इसी बात 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर ने ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ बुलाया था।इसी दौरान हिंसा भड़की. अब महीनों बाद भी यह हिस्सा अब तक सुलग रहा है। हालात यह है कि सरकार को मणिपुर में इंटरनेट सेवाएं बंद रखनी पड़ रही है।
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