बॉम्बे लीक्स ,गुजरात
अहमदाबाद : गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते ने 29 साल से फरार चल रहे आतंकियों को गिरफ्तार किया है।गिरफ्तार चारो आतंकी 1993 सीरियल ब्लास्ट से जुड़े फरार आतंकी है।गुजरात एटीएस ने 12 मई को फर्जी पासपोर्ट मामले में संदेह के आधार पर चारो को गिरफ्तार किया था।लेकिन एटीएस की जांच के बाद सामने आया कि यह मुंबई सीरियल ब्लास्ट 1993 के फरार आरोपी है। 12 मार्च, 1993 में हुए धमाकों में करीब 257 लोग मारे गए थे। वहीं, 700 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। शहर मुंबई की हृदय विदारक दिल दहला देने वाली घटना के पीछे का मास्टरमाइंडट अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और मेमन परिवार था।
गुजरात एटीएस के मुताबिक गिरफ्तार सभी आतंकी मुंबई के निवासी है।इनपर न सिर्फ 1993 सीरियल धमाके के आरोप है बल्कि कुख्यात माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी भी बताये जा रहे है।हाल ही में चारो ने पाकिस्तान से अपनी ट्रेनिंग पूरी की है।अब 29 साल बाद इनका भारत आना हुआ था।गिरफ्तार आतंकियों के नाम अबु बकर, यूसुफ भटका, शोएब बाबा, सैयद कुरैशी बताया जा रहा है।एटीएस के मुताबिक जयपुर में हुई आतंकी घटना में भी इनकी संलिप्तता सामने आई है।इस मामले की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) कर रही है।
गुजरात एटीएस के मुताबिक सूचना मिली कि इनके पास जाली पासपोर्ट है।इसके बाद 12 मई को चारों को गुजरात एटीएस द्वारा उठा लिया गया था। इस बीच जांच पड़ताल के बॉस सामने आया कि चारो 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट के वांछित आरोपी है।वही खबर है कि इस मामले में राजस्थान में हुए आतंकी हमले का वॉन्टेड आकिफ नचन भी गिरफ्तार किया जा चुका है।एटीएस के मुताबिक सभी के खिलाफ देश छोड़ने के लिये फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किये जाने का मामला दर्ज करके एनआईए के सुपुर्द कर दिया है।क्योंकि चारो 1993 सीरियल ब्लास्ट के फरार आरोपी है।एटीएस के मुताबिक चारो ने अपनी पहचान छिपाने के लिए जाली पासपोर्ट का सहारा लिया था।सीरियल ब्लास्ट की जांच कर रही एनआईए के अनुरोध पर इन चारों के खिलाफ इंटरपोल द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था।चारों से जांच एजेंसी इस बात की जानकारी जुटा रहीं है कि गुजरात आने का इनका मकसद क्या था।गुजरात एटीएस के मुताबिक 1990 के दशक में चारों मोहम्मद दोसा के लिये काम करते थे।मोहम्मद डोसा तस्कर था और आतंकी दाउद इब्राहिम का खास गुर्गा था ।
मोहम्मद दोसा ने फरवरी 1993 में इन चारों को दाउद से मिलने के लिये पश्चिम एशिया के एक मुल्क में भेजा था ।इसके बाद चारो ने दाउद के कहने पर पाकिस्तान में जाकर हथियारों का प्रशिक्षण लिया था। जहां आईएसआई ने उन्हें परिष्कृत विस्फोटक उपकरण के निर्माण और उपयोग का प्रशिक्षण दिया।जिसके बाद गिरफ्तार चारों आतंकी मुंबई में सिलसिलेवार बम विस्फोट की साजिश का हिस्सा बने थे।लेकिन फर्जी पासपोर्ट के चलते यह बीते 29 सालों से अलग अलग हिस्सों में छिपे हुए थे।यह चारो को विशेष टाडा अदालत ने भी ‘भगोड़ा’ करार दिया हुआ है।
गुजरात एटीएस के मुताबिक अब इस बात की जांच की जा रही है कि चारों की भारत वापसी कब और किस उद्देश्य से हुई है।गुजरात एटीएस अभी उनके फर्जी पासपोर्ट पर पूछताछ कर रही है।इसके बाद चारो को सीरियल ब्लास्ट के सिलसिले में सीबीआई के सुपुर्द नकार दिया जाएगा।बताया गया कि आतंकी अबू बकर ने मुंबई में विस्फोटों के बाद हथियारों की एक खेप को समुद्र में फेंका था।
देखा जाए तो बीते 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुये सिलसिलेवार बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गयी थी, जबकि 700 से अधिक लोग घायल हुए थे।
मुंबई की विशेष टाडा अदालत ने इस मामले में 100 आरोपियों को सजा सुनायी थी । जबकिं इस सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड दाउद इब्राहिम और टाइगर मेमन अब तक फरार है ।वही बताया यह भी जा रहा है कि राजस्थान पुलिस द्वारा टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया था।इस मामले की जांच पड़ताल के लिए सेन्टर होम मिनिस्ट्री द्वारा एनआईए को आर्डर दिया गया था। राजस्थान पुलिस ने टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 7 आरोपियों को गिरफ्तार UAPA की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।अब एनआईए की रडार पर इस टेरर मॉड्यूल से जुड़े बड़े संगठन है।एटीएस के मुताबिक चारो आतंकियों को हथियारों और IED की ट्रेनिंग पाकिस्तान में मुहैय्या कराई गई थी। जिसके बाद चारो अपने अपने पासपोर्ट में बदलाव कराने के उद्देश्य से भारत आए हुए थे।
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