मुंबई:
मुंबई के नागपाडा में अवैध निर्माण कर के बनाई गई फेडरल हाउस बिल्डिंग पर कभी भी बीएमसी का हथौड़ा चल सकता है क्योंकी यह पूरी तरह से अवैध है यहां अवैध माफिया मेराज रामपुरी ने इसे अवैध रूप से बना कर 50 से अधिक लोगों को बेच दिया है बीएमसी ई वार्ड कभी भी इस अवैध निर्माण पर हथौड़ा चला सकती है जिसके कारण 50 अवैध रूप से खरीदे गए घर मालिक परेशान हैं।
वहीं दूसरी ओर बी वार्ड में 45/47 ईसा जी स्ट्रीट मस्जिद बंदर में भी बी एम सी किसी भीनवक्त हथौड़ा चला सकती है क्योंकि यह भी अवैध निर्माण है यह बिल्डिंग मेराज रामपुरी और उसके उसके बड़े भाई सलीम रामपुरी ने अवैध रूप से बनाई है।
मेराज और सलीम दोनों भाइयों में मुंबई के कई इलाकों इसी प्रकार से अवैध रूप से बनाई है जहां बीएमसी की तोड़क कार्रवाई के बाद लोग सड़कों पर आचुके हैं और दर दर को ठोकर खा रहे हैं अपको बता दें कि मुंबई की मेराज रामपुरी अवैध निर्माण कर के लोगों को अवैध रूप से बेचता है लेकिन खुद मुंबई के क्राइस चर्च के पास रहता है।
एक ज़माने में अंडरवर्ल्ड के तलुवे चाटने वाले सलीम रामपुरी ने अपराध और अंडरवर्ल्ड के कनेक्शन के मजबूत करने के लिए अपनी बेटी की शादी डी कंपनी के करीबी अहमद लंगड़ा की बेटी से किया और इसी रिश्ते को लेकर अपने अंडरवर्ल्ड के संबंधों से टैनेंट को डरा धमका कर चुप करा देता है।
बीएमसी प्रभाग समिति के चैयरमैन रमाकांत रहाटे ने कहा की यह मामला बहुत संगीन है किसी भी टैनेंट को अवैध रूप से बेचे गए घर को लेकर अवैध निर्माण के बादशाह मेराज रामपुरी और सलीम रामपुरी द्वारा बनाई गई अवैध बिल्डिंगों को लेकर जांच करेंगे ताकि इस तरह के अवैध निर्माण करने वालों को कानूनी सबक सिखाया जाए जो टैनेंट को अवैध रूप से बनाए गए घर बेच के भाग जाते हैं।
डोंगरी इलाके में कैसर बाग इमारत गिरने के बाद एक बार फिर महानगर में फैले अवैध निर्माणों के जाल और महानगर पालिका की लापरवाही की चर्चा शुरू हो गई है। आरटीआई से जानकारी मिली है कि महानगर पालिका को लोगों ने अवैध निर्माण से जुड़ी 94 हजार से ज्यादा शिकायतें कीं हैं लेकिन कार्रवाई इनमें से सिर्फ 5461 के खिलाफ हुईं हैं। हैरानी की बात है कि एक ओर मुंबई को शांघाई बनाने के सपने दिखाए जा रहे हैं दूसरी ओर प्रशासन अवैध निर्माणों पर भी काबू नहीं कर पा रहा है।
कमला मिल कंपाउंड, भानु फरसाण मार्ट, होटल सिटी किनारा, भिवंडी की हुसैनी बाजार इमारत, घाटकोपर की साईं सिद्धि इमारत और अब कैसर बाग इमारत इन सभी जगहों पर हुए हादसों में अवैध निर्माण की बात सामने आई है। कुछ साल पहले मनपा ने अवैध निर्माण की ऑनलाइन शिकायत के लिए आरईटीएमएस प्रणाली शुरू की थी। आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख को उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक 1 मार्च 2016 से 8 जुलाई 2019 इस प्रणाली के जरिए महानगर पालिका को अवैध निर्माण की कुल 94 हजार 851 शिकायतें मिलीं लेकिन इनमें से सिर्फ 5461 अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
सबसे ज्यादा अवैध निर्माण की शिकायतें कुर्ला और साउथ मुंबई इलाकों में मिलीं हैं। बीएमसी अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर हर साल 20 करोड़ रुपए खर्च करती है। हर साल अवैध निर्माणों के खिलाफ 15000 से ज्यादा नोटिस दिए जाते हैं लेकिन कार्रवाई सिर्फ 10 से 20 फीसदी मामलों में होती है। कई बार कार्रवाई सिर्फ दिखावे के लिए होती है।
Post View : 24578