बॉम्बे लीक्स ,मुंबई
मुंबई : एंटीलिया केस में बुधवार को NIA की चार्जशीट सामने आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, एंटीलिया केस में गवाह बन चुके मनसुख हिरेन की हत्या मुंबई पुलिस के बर्खास्त API सचिन वझे के इशारे पर सिर्फ 11 मिनट में हुई थी।जिसका पूरा गेम प्लान प्रदीप शर्मा द्वारा रचा गया था।पैसों से भरा बैग शर्मा के दफ्तर में सचिन वाझे ने पहुँचाया था।जबकि हत्याकांड की डील के लिए शर्मा ने शेलार से बात करके उसे तैयार किया था।
मनसुख हिरेन मर्डर का काम पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को दिया गया था। एनआईए ने 3 सितंबर को अपनी चार्जशीट फाइल की है जिसमें कहा है कि सचिन वाझे ने मर्डन कराने के लिए प्रदीप शर्मा को मोटी रकम दी थी। इस मर्डर की सुपारी लेने के बाद प्रदीप ने संतोष शेलार से बात की और मर्डर में शामिल होने के लिए पूछा। इन लोगों ने साथ में मिलकर हिरेन की हत्या को अंजाम दिया।
बता दें कि 4 मार्च को हिरेन मनसुख की हत्या की गई थी और 2 मार्च को इन सब ने एक मीटिंग की थी। चार्जशीट से पता चला है कि 2 मार्च को वाझे ने एक मीटिंग की थी, जिसमें एक अन्य पुलिसकर्मी सुनील माने और प्रदीप शर्मा, दोनों मौजूद थे। एनआईए के मुताबिक वाझे न यह मीटिंग इसलिए बुलाई ताकि दोनों को यह पता चल सके कि हिरेन कैसा दिखता है और प्लान में कोई दिक्कत पैदा न हो।
चार्जशीट के मुताबिक यह काम प्रदीप शर्मा को सौंपा गया था। साजिश के तहत आरोपी प्रदीप शर्मा ने आरोपी संतोष शेलार से संपर्क किया और पूछा कि क्या वह पैसे के बदले मर्डर कर सकता है क्या।इस बात को आरोपी संतोष शेलार ने काम स्वीकार कर लिया।जिसके बाद वाझे और माने दोनों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। प्रदीप शर्मा ने 2019 में शिवसेना के उम्मीदवार के रूप में राज्य का चुनाव लड़ने के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दिया हालांकि वो चुनाव हार गया।फिलहालअब तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
चार्जशीट के मुताबिक 3 मार्च को वाझे ने शर्मा से एक बार फिर मुलाकात की और पैसे भरा बैग उसे सैंप दिया जिसमें 500-500 के नोट थे। पैसे लेने के बाद प्रदीप शर्मा ने शेलार को फोन किया और लाल टवेरा का इंतजाम करने को कहा। इस गाड़ी का इस्तेमाल शर्मा हिरेन को मारने और उसकी लाश को ठिाकने लगाने के लिए करना चाहता था। इसके बाद वाझे और माने ने प्लान किया था, 4 मार्च की शाम को माने ने क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गॉट से ली सिम का इस्तेमाल करके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर, मलाड के एक पुलिस अधिकारी होने का नाटक करते हुए, हिरन को फोन किया।
इसके बाद हिरेन उनसे मिलने के लिए तैयार हो गया।माने ने हिरण को उठाया और उसे शेलार को सौंप दिया, जो तीन अन्य मनीष सोनी, सतीश मोथुकारी और आनंद जाधव के साथ टवेरा में उनका इंतजार कर रहा था। इन लोगों ने गाड़ी में ही हिरेन की हत्या कर दी और शव को नाले में फेंक दिया।इसके बाद एनआईए ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
NIA चार्जशीट के मुताबिक मनसुख हिरेन इस पूरे केस का सबसे बड़ा राजदार बन गया था।वहीं सचिन वाझे को उसके टूटने का डर भी था।जिसके बाद उसने हिरेन को मौत के घाट उतरवा दिया। बता दें कि अंबानी के घर एंटीलिया के पास से जिलेटिन से भरी स्कॉर्पियो बरामद हुई थी। स्कॉर्पियो का मालिक मनसुख हिरेन था। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में हिरेन हत्याकांड की साजिश कैसे रची गई और फिर उसे कैसे अंजाम दिया गया, इसकी पूरी कहानी परत-दर-परत बताई है।
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