• कहा अब प्रदेश में वीकेंड लॉकडाउन में भी खुलेंगे सभी धार्मिक स्थल।
• ठाकुरवाद को बढ़ावा देने वाले सीएम अजय सिंह बिष्ट का यूपी चुनाव में कुर्सी बचाने की सियासती गडित का नया पैंतरा।
| बॉम्बे लीक्स |
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामलो में कमी के चलते सीएम संतोष सिंह बिष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी धार्मिक स्थलों को साप्ताहिक बंदी के बावजूद भी खुला रखने का फैसला जारी किया है। सरकार के मुताबिक कोरोना मामलो में कमी के चलते यह फैसला लिया गया जबकि राजनीतिक जानकारों के मुताबिक पार्टी हाईकमान के कड़े संदेश के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने यह फैसला लिया है।जिसके पीछे की वजह कुछ और नही बल्कि 2022 के आगामी विधान सभा चुनाव है। लेकिन योगी आदित्यनाथ द्वारा अपने शासन में महज़ ठाकुरवाद को बढ़ावा देने के चलते भाजपा को चुनाव में बैकफुट पर जाने का डर सता रहा है।सीएम योगी द्वारा सत्ता पर बैठने के बाद एक पक्षीय कार्यवाही के चलते प्रदेश का ब्राह्मण वर्ग खासा नाराज है।तो वही दूसरी तरफ प्रदेश के भाजपा विधायकों का 65 फीसदी से ज्यादा बड़ा कुनबा योगी से नाराज़ चल रहा है।भाजपा कार्यकर्ताओं में भी उनको अनसुना करने के चलते जमीनी स्तर पर भी आगामी चुनाव में पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।कोरोना के दौर में सीएम योगी अकेले मैदान में डटे रहे जबकि उनके मंत्रिमंडल का कोई भी हिस्सा कोरोना काल में योगी का सहयोगी बनकर नही उतरा।स्वयं संक्रमित होने के बाद भी योगी को प्रदेश की स्थिति पर नजर रखनी पड़ रही थी।
हालांकि सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण की सेकेंड स्ट्रेन पर प्रभावी नियंत्रण की असफलता के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोई बड़ा खतरा मोल लेने से बचते रहे हैं। जिसके बाद प्रदेश में सीएम योगी ने वीकेंड लॉकडाउन जारी रखा गया है। किन्तु योगी आदित्यनाथ सरकार ने अब वीकेंड लॉकडाउन को लेकर बड़ा फैसला किया है। प्रदेश सरकार ने अब शनिवार व रविवार को कोविड प्रोटोकॉल के साथ सभी धार्मिक स्थल को खोलने का फैसला ले लिया है।जानकारों के मुताबिक पार्टी हाईकमान से हुई योगी की बैठक के बाद किसी भी समुदाय को चुनाव से पहले नाराज़ न करने का अल्टीमेटम दे दिया गया है।
खबरों के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के सुस्त पडऩे के बाद प्रदेश सरकार ने वीकेंड लॉकडाउन (शनिवार- रविवार) को धार्मिक स्थल खोला जायेगा। हालांकि वीकेंड में भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए लोग अपने अपने धार्मिक मान्यताओं की पूर्ति कर सकेंगे। योगी सरकार ने इसे लेकर अपना दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। हालांकि एक समय में धर्म स्थल के अंदर केवल पांच श्रद्धालु के मौजूद रहने की बात कही गई है।
प्रदेश में कोरोना मामलों में कुछ कमी के चलते लिया गया फैसला बताया जा रहा है जबकि जानकारों के मुताबिक यह आगामी चुनाव को लेकर भाजपा के सैक्यूरिजम का एक दावँ है। कोरोना महामारी के चलते बीते साल से ही लंबे समय से धार्मिक स्थलों के बंद रहने के कारण लोग आराध्य के दर्शन और पूजन के लिए परेशान थे।ऐसे में सरकार के लिए यह एक सुनहरा अवसर था ताकि वोट बैंक को बरकरार रखा जा सके।योगी सरकार ने पुलिस तथा जिला प्रशासन को कहीं भी अनावश्यक भीड़ नहीं जुटने देने का निर्देश भी जारी किया हुआ है।साथ ही पुलिस को लोगों के साथ संवेदनशील व्यवहार करने केई बात कही गई है।
कोरोना वायरस की सेकेंड स्ट्रेन को को काबू करते हुए योगी सरकार संक्रमण को रोकथाम में भी जुटी है। व्यापारी वर्ग को खुश करने हेतु योगी सरकार ने प्रदेश में साप्ताहिक लाकडाउन के साथ बाजार, रेस्टोरेंट और शापिंग माल 9 बजे तक खोलने की अनुमति दे दी है।
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