मुंबई : सोशल साइट्स पर एक वीडियो वायरल हो रहा है इस वीडियो में वर्दीधारी गुंडई अपनी चरम सीमा पर पहुंचते दिखाई दे रही है इस गुंडई में वर्दीधारी कह रहे हैं कि तू इधर आने का नहीं तेरी पत्रकारिता दिखा दूंगा जा कर कंपलेन कर सीपी को मुख्यमंत्री को पूरा मुहल्ला मारेंगे मिल कर तेरे को अगली बार इसे समझाऐंगे नहीं मारेंगे।झक मारने के लिए रखा क्या इधर हमको तू आजतक का पत्रकार है क्या सिर पर बैठेगा।
यह वीडियो मुंबई के कुर्ला इलाके में बैल बाजार का है जहां सहारा उर्दु के पत्रकार जावेद शेख रहते हैं एरिया रेड जोन में है और वह सरकार द्वरा जारी किए गए गाइडलाइंस के अनुसार काम करने के लिए बाहर जाते हैं और वापस अपने घर आते हैं।
बीते कई दिनों से खबरियों और दलालों को पुलिस ने बाहर निकलने की अनुमति दी है लेकिन पत्रकारों को काम करने को लेकर सख्त आदेश हैं जावेद शेख ने बताया कि सीनियर पीआई वीबी नगर रजेश पवार ने इस बारे में बताया कि भले ही सरकारर ने या सीपी मुंबई ने या डीसीपी आपरेशन ने पत्रकारिता करने के लिए पत्रकारों को छूट दी है वह छूट भी इसलिए दी है कि सरकार ने लोकतंत्र के इस चौथे स्तंभ को इजाज़त दी है लेकिन यहां उन्हें इजाज़त नहीं है कि वह घर से बाहर रिपोर्टिंग के लिए जा सकें।
मुंबई के इस इलाके में प्रेस की आज़दी और पत्रकारिता की जिम्मेदारी निभाने के दौरान मुंबई पुलिस का जो रवय्या और गुंडई जारी है उसे भारत के इतिहास का सब से खतरनाक काल कहना गलत नहीं होगा संभव है कि इस खबर लिखने के बाद जावेद शेख को पत्रकारिता करने के संगीन जुर्म में लाकडाउन की आड़ से किसी न किसी मामले में नापा जा सकता है जैसा की पहले भी इस थाने के पुलिसकर्मियों ने किया था।
इस संदर्भ में वीबी नगर के सीनियर पीआई रजेश पवार का कहना है कि सीपी मुंबई या सरकार का जो भी आदेश है वह इस इलाके के लिए नहीं है वह यहां उसे लागू भी नहीं करने देंगें इस इलाके में अगर रहना है तो पत्रकारिता नहीं कर सकते उन्हें यह भी कहा गया कि सरकार और मुंबई पुलिस कमिश्नर की गाइडलाइंस आपको दी जाए तो उसके जवाब में उन्होंने कहा कि उसकी जरुरत नहीं है यहांके कानून अलग हैं।
पत्रकारों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले सोशल एक्टिविस्ट शौकत अली बेटगिरी का कहना है कि कोई भी चाहे वह किसी भी भाषा का पत्रकार हो या किसी जाती विशेष का हो उसे जब सरकार ने और खुद पुलिस कमिश्नर ने आजादी दे रखी है तो किसी थाने के सीनियर पीआई उसे कैसे रोक सकते हैं यह एक पत्रकार से गुंडई करने और वर्दी का दुरपयोग करने के जैसा है हम इस मामले को लेकर तत्काल प्रेस काउंसिल आफ इंडिया के समक्ष ले जाने वाले हैं और हाईकोर्ट में इसके लिए याचिका दाखित करने वाले हैं ताकि पत्रकारिता करने के लिए पत्रकारों को आजादी मिल सके।
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