मुंबई : धार्मिक भावना स्पेशलिस्ट और आईपीसी , सीआरपीसी के दम पर उछल कूद कर के झूटे और फर्ज़ी मामले दर्ज करने वाले कालाचौकी पुलिस थाने के सीनियर पीआई संजय बस्वत का तबादला कर के फिर एक बार उन्हें एल.ए (लोकल आर्म्स विभाग) का रास्ता दिखाया गया।बस्वत इस से पहले नागपाड़ा पुलिस थाने में थे जहां वह बाबा बंगाली की जी हुजूरी में कई झूटे मामले दर्ज किए थे हालांकि मामला दर्ज करने के बाद बस्वत कभी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए बल्कि दूसरे अफसरों को भेज कर खुद छुट्टी ले कर गुल हो जाते थे।
मिली जानकारी के मुताबिक बस्वत के के खिलाफ़ एक महिला पुलिस अधिकारी ने शिकायत की थी अधिकारी ने अपने शिकायत में बस्वत के खिलाफ़ उनके आचरण को लेकर विनयभंग की शिकायत की थी वारदात उस समय की थी जब बस्वत नागपाड़ा में तैनात थे।
इस मामले की शिकायत के बाद यह जांच वर्ली डिवीज़न के एसीपी सानभोर को सौंपी गई थी लेकिन बजाए जांच करने के एसीपी शशांक सानभोर बस्वत को बचाने की कोशिश की सानभोर के बाद इस मामले की जांच माटुंगा डिवीज़न की एसीपी इंदलकर के हवाले की गई लेकिन उन्होंने भी बस्वत को बचाने का हर संभव प्रयास किया जिसके बाद पीड़ित महिला अधिकारी ने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की और मामले की जांच डीसीपी ज़ोन 5 नियती ठाकरे दवे को सौंपी गई और इस जांच में बस्वत दोषी पाए गए जिसके बाद बस्वत को एल.ए का रास्ता दिखया गया।
कौन है बस्वत
बस्वत का शुमार मुंबई के फर्ज़ी और झूटी एफआईआर दर्ज करने और वर्दी की आड़ में गुंडई करने और बिल्डरों को सपोर्ट करने वसूली का लेखा जोखा रखने वाले अफसरों में होता है साल 2009 में बस्वत मुंबई के वर्ली पुलिस थाने में तैनात थे जब एक सीनियर सिटीजन याचिकाकर् को बस्वत ने घर मे घुस कर याचिका वापस करने के लिए धमकाते हुए इनकाउंटर की धमकी दी थी। बस्वत के खिलाफ़ कई मामलों की जांच चल रही है बावजूद इसके बस्वत को थाने का सीनियर पीआई नियुक्त किया गया लेकिन इस जांच मे दोषी पे जाने के बाद बस्वत को तबादले का रास्ता दिखाया गया जबकि बाकी जिन मामलों मे जाच चल रही है उनमें अभी कार्रवाई होना बाकी है।
Post View : 10305