मुंबई : 2018 में डी कंपनी के गुर्गे तारिक प्रवीण और सलीम महराज अंडरवर्ल्ड एक्सटार्शन के मामले में क्राईम ब्राँच ने भारत के सब से ईमनादार आई.पी.एस.आफिसर प्रवीण कुमार पडवल को समन भेज जांच के लिए तलब किया है पड़वल को आज क्राइम ब्रांच में हाजिर होना है क्राइम ब्रांच पड़वल क बयान दर्ज करेगी। पड़वल वही हैं जिन्होंने 2016 में अपने ससुर सीनियर अफसर को खुश करने के लिए भूमाफिया बाबा बंगाली के इशारे पर एक पत्रकार के खिलाफ़ धआर्मक भावना आहत करने का झूटा मामला दर्ज किया था। यही नहीं उन्होंने सच्चाई खबर लिखने वाले पत्रकार को हरामी पत्रकार का खिताब भी दिया था और कहा था कि पुलिस वालों की खबर लिख कर ही इनकी रोज़ी रोटी चलती है।
2018 में अंडरवर्ल्ड एक्सटार्शन और अंडरवर्ल्ड डॉन इजाज लकड़ावाला और उसके गुर्गे सलीम महाराज और डी कम्पनी के गुर्गे तारिक परवीन के मामले को महज 2 घन्टे के अंदर पायघुनी पुलिस स्टेशन से एम.आर.ए.मार्ग पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर करने और 2 महीने में ही केस को रफा दफा कर देने के मामले में मुबई क्राईम ब्राँच ने आई.पी.एस.आफिसर प्रवीण कुमार पडवल से पूछताछ होगी क्राइम ब्रांच उनसे यह जानना चाहती है कि आखिर वह किसके इशारे पर अंडरवर्ल्ड की मदद कर रह थे।
पडवल को आज ज्वाईंट सीपी क्राईम संतोष रस्तोगी के सामने पेश होना है और उन्हें इस पूरे मामले को लेकर वह सच्चाईयां बतानी है जो मुंबई पुलिस मे मौजूद काली भेडें छुपा कर रखी थीं और पड़वल उन काली भेडें और अंडरवर्ल्ड का हिस्सा कैसे बने पडवल साल 2018 में साउथ मुबई के एडिशनल कमिश्नर थे और अभी फिलहाल ट्रैफिक में एडिशनल कमिश्नर आफ पुलिस हैं।
क्राइम ब्रांच उनसे यह जानना चाहती है कि आखिर आखिर किस सिनियर आफिसर के आदेश पर उन्होने अंडरवर्ल्ड के एक्सटार्शन और आम्स एक्ट के इस मामले को पायघुनी पुलिस स्टेशन में रजिस्टर होने के महज 2 घन्टे के अंदर ही पुरे मामले को एम.आर.ए.मार्ग में शिफ्ट करने का आदेश दिया।
मामले की जाँच में जुटी क्राइम ब्रांच ने इस केस से जुड़े दो अधिकारियों से पूछताछ की है क्राइम ब्रांच ने सीनियर पुलिस ऑफिसर सुखलाल वर्पे और संजय काम्बले से पूछताछ कर चुकी है और उनका बयान दर्ज किया है जिसमें उनसे पूछा गया कि करोडो के गोल्ड को लेकर स्मगलिंग की धारोँ के तहेत केस क्यों नहीं दर्ज किया गया कस्टम एक्ट क्यो नही लगाए गए। केस में कोई प्रोग्रेस रिपोर्ट कोर्ट में क्यो नही फाईल हुई कोर्ट में किसी तरह की भी समरी रिपोर्ट क्यो दाखिल नही हुई है। जिसके जवाब में इन दोनों ही अधिकारियों ने हर चीज के लिए इस सीनियर आईपीएस अधिकारी का नाम लिया है कि उन्होने वही किया जो उनके सिनियर आफिसर की तरफ से आर्डर दिया गया था दोनो ही आफसरों का फिलहाल ट्रांसफर कर दिया गया है और छुट्टी पर भेज दिया गया है।इनके बयानों के आघार पर ही आई.पी.एस.आफिसर प्रवीण कुमार पडवल को पुछताछ के लिए क्राईम ब्राँच ने समन किया।
सुत्रों के मुताबिक प्रवीण कुमार पडवल के बयान के आधार पर ही सिनियर आई.पी.एस.अघिकारी औऱ अंर्डरवर्ड के कनेक्शन से जुडे मामले की अहम लीड मिल सकती है जिसके बिना पर सिनियर आई.पी.एस.अघिकारी के अंर्डरवर्ड से संबंघों के नेक्सेस की कडियां खुल सकती है।
स्मगलिंग गोल्ड,अंर्डरवर्ड,एक्सटाशन, और एक सीनियर आई.पी.एस.अफसर से साठगांठ के 2018 के इस मामले का सुराग क्राईम ब्राँच को एन्टी एक्सटार्शन सेल की गिरफ्त में मौजुद इजाज लकड़ावाला और उसके गुर्गे सलीम महाराज और डी कम्पनी के गुर्गे तारीक परवीन से पुछताछ और छानबीन से लगा जिसके बाद मुबई पुलिस कमिश्नर संजय बर्वें ने इस मामले के जाँच के आदेश दिए थे।
मामला क्या था
2018 में साउथ मुम्बई में रहनेवाले व्यापारी सादिक शेख और बिजनेस पार्टनर रेशमा का सम्गलिंग के जरिए मुबई में लाए गए सोने की एक बडी कन्साईन्मेन्ट को लेकर फाइनेंसियल डिस्प्यूट हुआ था इस डिस्प्यूट में आगे जाकर रेशमा नाम की महिला की तरफ से इजाज लकड़ावाला का गुर्गा सलीम महाराज और डी-कम्पनी का गुर्गा तारीख परवीन बीच में आए,जिन्होंने सादिक शेख को न केवल बुलाकर उसकी पिटाई की बल्कि गन प्वाईंट पर मैटर सेटल करने के लिए कहा और गोल्ड हजम कर बैठे।
पीड़ित और गोल्ड तस्कर सादिक शेख ने मुम्बई के पायधुनि पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया पुलिस ने एक्सटॉर्शन, आर्म्स एक्ट, के तहत मामला दर्ज महज 2 घन्टे के अंदर ही पड़वल के आर्डर से मामला एम.आर.ए.मार्ग में शिफ्ट कर दिया गया ठंडे बस्ते में चला गया ।
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