मुंबई : मुंबई के समुंद्री क्षेत्र में मौजूद जवाहर जवाहर द्वीप (जे.डी) से ऑयल माफिया द्वारा हुई करोड़ों की तेल तस्करी के मामले में यलोगेट पुलिस थाने के चौकीदार (सीनियर पीआई) सुहास हेमाड़े की मिलीभगत की वजह से तेल तस्कर आखिरी खेप को उस वक्त वहां से ले जाने मे कामयबा हो गए जब सीनियर पीआई का उन्हें साथ मिला हलांकि कार्रवाई के दौरान तेल से भरा टैंकर पुलिस थाने से महेज़ 1 किलो मीटर के फासले पर था लेकिन सीनियर पीआई की मिलीभगत की वजह से वहां यलोगेट पुलिस थाने ने कार्रवाई में टाल मटोल किया जब टैंकर यहां से मनोर के जंगल में मेहर पेट्रोकेम कंपनी हैं वहां पहुंच गयातब यलोगेट पुलिस थाने ने कार्रवाई का नाटक किया और जाए वारदात पर कार्रवाई की नौटंकी करने लगे।
इस से साफ़ हो गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने बीते कई सालों से जिन ऑयल माफियाओं पर नकेल कसने के लिए रात दिन एक कर के समुंद्र में कार्रवाई की और उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया उन सारी कार्रवाईयों पर अब पानी फिरते नज़र आ रहा है।जानाकरी में यह बात भी सामने आई कि आयल माफियाओं ने चोरी के आयल की बार्ज को बीपीटी प्लेटफार्म पर न लगा कर ऐसी जगह लगाई जहा किसी को कानो कान ख़बर न हो यह आइडिया भी सीनियर पीआई का ही था जिसकी वजह से आयल माफियाओं ने तेल की जम कर कालाबाजारी की।
हैरानी कीबात यह है किस कार्रवाई के के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को सीनियर पीआई ने भनक तक नहीं लगने दी इसी लिए आयल माफियाओं को यलोगेट पुलिस थाने ने केवल कार्रवाई से बचाया बल्कि चोरी किए गए करोड़ों के तेल को समुंद्र से कंपनी तक पहुंचाने मे भी मदद की जिसकी वजह से ऑयल माफियाओं के सीने फिर से सीने चोड़े हो गए क्योंकि वह बीते एक साल से इस चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं और समुंद्र मे सक्रीय हो चुके हैं।
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