शाहिद अंसारी
मुंबई : Bombay Leaks द्वारा कल प्रकाशित की गई ख़बर जिसमें श्रीलंकन नागरिक मुहम्मद खिज़र हुसैन तुहान उर्फ़ कैज़र खान ( 50) नाम के आरोपी जिसके खिलाफ़ मुंबई पुलिस के एक एटीसी अधिकारी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था उसे आज गिरफ्तार कर लिया गया है यह जानकारी मुंबई पुलिस प्रवक्ता डीसीपी दीपक देवराज ने दी है जबकि हाईप्रोफाइल आरोपी और केस को देख सम्बंधित पुलिस थाना आज़ाद मैदान और सम्बंधित अधिकारी मामले को लेकर पूरी तरह मौन हैं। संभव है कि कल इसके लिए एडिशनल सीपी पड़वल प्रेस कांफ्रेंस ले कर मज़ीद प्रकाश डालते हुए ज्ञान बांटेंगे।
चूंकि आरोपी हाई प्रोफाइल है और मामला दर्ज होने के बाद दो आईपीएस अधिकारियों के बीच अंदरुनी जंग चलने के कारण मामला दर्ज होने के 25 दिन बीत जाने के बाद भी न तो मामले की जांच आगे बढ़ाई गई थी और न ही आरोपी को गिरफ्तारी किया गया है। क्योंकि यह मामला नियम के अनुसार वरली पुलिस थाने मे दर्ज होना चाहिए था क्योंकि आरोपी ने पास्पोर्ट फ़र्ज़ी तरीक से बनाया है और पास्पोर्ट कार्यालय वरली में मौजूद है। लेकिन सेंट्रल रीज़न एडिश्नल कमिशनर प्रवीण पटवल ने मामले की क्रेडिट लेने की लिए जबरन इस मामले की एफआईआर आज़ाद मैदान पुलिस थाने मे दर्ज कराई जिसके बाद से ज़ोनल डीसीपी मनोड शर्मा ने मामले को लेकर नाराज़गी जताई और कार्रावाई पर रोक लगा दी। लेकिन Bombay Leaks द्वारा ख़बर प्रकाशित किए जाने के बाद न सिर्फ वरिष्ठ अधिकारी हरकत मे आए बल्कि आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
पढें क्या है मामला
20 फरवरी को मुंबई पुलिस की ऐंटी टेररिस्ट सेल ने मुहम्मद खिज़र हुसैन तुहान उर्फ़ कैज़र खान ( 50) नाम के श्रीलंकन नागिरक के खिलाफ़ धोखाधड़ी , फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के सहारे भारती पास्पोर्ट बनवाने के जुर्म में आईपीसी धारा 420,465,467,468,471, 12 (1) के तहेत मुंबई के आज़ाद मैदान पुलिस थाने में मामला दर्ज किया है। अपनी छानबीन में एटीसी अधिकारी ने आरोपी का आतंकी संगठन से सम्बंध का शक जताया है। सूत्रों से मिली जानकारी से पता चला है कि आरोपी के श्रीलंका में ऐक्टिव आतंकी संगठन LTTE तमिल टाइगर और मुंबई में ऐक्टिव डी – कंपनी से सम्बंध हो सकते हैं और इसी संगठन के लिए काम करने के लिए आरोपी ने भारत में फर्ज़ी तरीके से भारती पास्पोर्ट बनवाया है। छानबीन में यह पता चला है कि आरोपी श्रीलंकन नागिरक है और उसने भारत में शादी की है 1999 में चुडैल नंबर 1 फिल्म में बतौर हीरो उसने काम किया है फिलहाल आरोपी उत्थन इलाके में रहता है।
कई महीनों से मुंबई के पायधूनी पुलिस थाने के एक एटीसी अधिकारी ने लंबी पड़ताल के बाद अपने बयान में बताया कि 1999 में आरोपी ने मुंबई के ताड़देव इलाके में खुद के फ़र्ज़ी घर के पते पर पास्पोर्ट बनवाया है और पास्पोर्ट के लिए जो दस्तावेज़ उसने पास्पोर्ट कार्यालय में जमा किए वह राशन कार्ड और स्कूल का लिविंग सर्टिफिकेट था जो कि पूरी तरह से फर्ज़ी है। अपनी जांच में एटीसी ने पाया कि 1999 में आरोपी ने ताड़देव इलाके के इ 704 , रजन महल , 7 वां माला ताड़देव रोड ताड़ेदव इस पते पर जो पहला पास्पोर्ट बनवाया है इस पते पर इ विंग की कोई बिल्डिंग ही नहीं है। इसी पते पर उसने जो राशन कार्ड बनाया है वह भी पूरी तरह से फ़र्ज़ी है। आरोपी ने पास्पोर्ट के लिए जो लिविंग सर्टिफिकेट का उपयोग किया है वह सांताक्रुज़ के सेंट तेरेस कॉनवेंट हाई स्कूल का है एटीसी ने जब वहां से इसकी जांच की तो पता चा कि वह भी फर्ज़ी है। इस दौरान मुंबई पुलिस की स्पेशल ब्रांच से भी एटीसी ने संपर्क किया और आरोपी के पास्पोर्ट से जुड़े सारे दस्तावेज़ जमां करने के बाद आज़ाद मैदान पुलिस थाने में मामला दर्ज करवा दिया।
जांच में यह भी पाया गया कि इसके बाद उसने इसी पास्पोर्ट को 2013 और 2017 में थाना पास्पोर्ट कार्यालय से रिन्यु कराया है फिलहाल आरोपी उत्थन इलाके में रहता है। अपने बयान में एटीसी अधिकारी ने बताया कि इस पास्पोर्ट के आधार पर आरोपी ने श्रीलंका और अमेरिका की कई विजिट की है अधिकारी ने आशंका जताई है कि भारत में फर्ज़ी पते और फर्जी दस्तावेज के जरिए तय्यार किए गए इस पास्पोर्ट का उपयोग कर के उसने आतंकी संगठन से मिलकर देश के खिलाफ़ आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया है जिसकी पड़ताल ज़रूरी है।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि इतना संवेदनशील मामला दर्ज होने के बाद भी आजाद मैदान पुलिस थाने ने अब तक आरोपी को न तो गिरफ्तार किया है और न ही इस मामले को लेकर किसी तरह की जांच को आगे बढ़ाया है। जानकारी में पता चला है कि इस जांच को आगे न बढ़ाने का कारण है कि आरोपी हाईप्रोफाइल है और आजाद मैदान पुलिस थाने में मामला दर्ज करने के लिए साउथ रीजन के एडिशनल कमिश्नर प्रवीण पडवल ने आदेश दिया है क्योंकि स्पेशल ब्रांच आज़ाद मैदान पुलिस थाने के अंतर्गत है। इस बात को लेकर ज़ोनल डीसीपी मनोज कुमार शर्मा विरोध कर रहे थे क्योंकि पास्पोर्ट कार्यालय वरली में है इसलिए मामला दर्ज करने के लिए वरली पुलिस थाने का रुख करना चाहिए लेकिन रुतबा और पावर में बड़े होने की वजह से पडवल ने मामला अपने ही रीज़न आज़ाद मैदान में इसलिए दर्ज कराया ताकि इस हाई प्रोफाइल केस का पूरा क्रेडिट उनको जाए। इसी लिए मामला दर्ज होने के कई दिन बीत जाने के बाद भी न तो आरोपी को गिरफ्तार किया गया और न मामले की छानबीन आगे बढ़ाई गई लेकिन Bombay Leaks द्वारा ख़बर लिखने के बाद आखिरकार आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को मजबूर हा पड़ा।
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