शाहिद अंसारी
मुंबई : पिछले कई सालों से लागतार अंजुमन इस्लाम की जागीर छोटा सोनापुर कब्रस्तान मैदान की जगह हड़पने की साज़िश नाकाम होते देख मुंबई आज़ाद मैदान दंगों और हत्या का आरोपी तोड़ु-ए-नागपाड़ा भूमाफिया तथा कथित धर्मधुरंधर श्री श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली ने इस बार कांग्रेस नेता कामत गुरुदास को छलावा देकर त्रिपल तलाक के मुद्दे पर बात करने के लिए एक मीटिंग रखी थी। यह मीटिंग कांग्रेस के ही एक पूर्व विधायक के घर पर हुई और इस मीटिंग में कांग्रेस के ही एक मौजूदा एमएलए की भी मौजूदगी रही। त्रिपल तलाक़ के मुद्दे की बात कहकर बंगाली बाबा ने मीटिंग में अंजुमन इस्लाम की जागीर छोटा सोनापुर कब्रस्तान मैदान को कैसे हड़पा जाए इस पर बात की हालांकि इस मीटिंग में कांग्रेस के आला नेता मिलिंद देवरा दूर दूर तक नहीं दिखाई दिए। चूंकि गुरुदास कामत को अब तक इस बारे में पता नही कि बंगाली कई सालों से अंजुमन इस्लाम की जागीर छोटा सोनापुर कब्रस्तान मैदान पर नथानी बिल्डर से टावर बनाने का सपना देख रहा है लेकिन बंगाली की इस मंशा को Bombay Leaks ने बेनाकाब कर दिया जिसके बाद बंगाली ने अपने गुर्गे द्वारा धार्मिक भावना आहत करने का मामला दर्ज करवा दिया।
दरअसल गुरुदास कामत का साथ पाने के पीछे बंगाली बाबा का मकसद यह है कि कांग्रेस के आला नेता मिलिंद देवरा इस समय अंजुमन के विरोध में बंगाली का साथ नहीं दे रहे हैं और उन्हों अपने हाथ खड़े कर लिए। क्योंकि देवरा को इस बात का बेहतर तरीके से अंदाज़ा है कि अगर 2019 के नज़रिए से वह अपने चुनाव क्षेत्र दक्षिण मुंबई में नज़र दौड़ाऐंगे तो उन्हें बेहतर तरीके से पता है कि उनके ही एमएलए अमीन पटेल की खिलाफ़ इस बार विरोधियों की संख्या में इजाफा हो रहा है और अंजुमन की जागीर पर अवैध कबज़ा करने के लिए बंगाली बाबा का साथ देने का मतलब साफ़ है कि अंजुमन इस्लाम से दुशमनी मोल लेना और अंजुमन से दुशमनी मोल लेने का मतलब है कि न केवल दक्षिण मुंबई बल्कि पूरे महाराष्ट्र में मुसलमानों से दुशमनी। जबकि बंगाली के इस समय समर्थकों की संख्या 50 के करीब है इनमें बिल्डर लॉबी और अंडरर्ल्ड के लोग हैं जो बंगाली को मोहरा इसलिए बनाते हैं कि उनके काले कारनामों पर बंगाली पर्दा डालेगा।
हालांकि किसी भी नेता या किसी बड़ी हस्ती को बंगाली अपने आश्रम में केवल इसलिए बुलाता है ताकि लोगों को पता चला कि भारत के मुसलमानों का वह एक मात्र बहूबली और ठेकेदार है। और वोट बैंक दिखाने के लिए बंगाली बाबा अपने आश्रम के बच्चों को स्वागत के लिए खड़ा कर देता है इससे उस व्यक्ति को लगता है कि जनता में इसकी पकड़ बेहतर होगी लेकिन लोगों का भ्रम उस वक्त टूट गया जब इसका भाई मुंब्रा से महाराष्ट्र असेंबली चुनाव में हार गया हालांकि मुंब्रा को लेकर बंगाली ने इस बात का दावा किया है कि उसके भक्त सब से अधिक वहां हैं क्योंकि बंगाली का एक आश्रम मुंब्रा में भी है।
चूंकि कामत गुरुदास को इस बात का अब तक अंदाज़ा ही नहीं है कि उनकी ओर से अंजुमन इस्लाम की जागीर छोटा सोनापुर कब्रस्तान मैदान के लिए बंगाली बाबा का साथ देने के मतलब है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस की नैया डूबाना। अब कामत पर यह निर्भर करता है कि वह बंगाली बाबा का साथ देकर अंजुमन इस्लाम के विरुद्ध खड़े होकर महाराष्ट्र भर के मुसलमानों के खिलाफ़ खड़े हों या बंगाली को अकेला छोड़ कर 2019 में कांग्रेस की डूबती नैया को बचाऐं । हालांकि हमने गुरुदास कामत से इस मामले पर बात करनी चाही लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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