लखनऊ ब्यूरो | बॉम्बे लीक्स
लखनऊ : मेरठ के वरिष्ठ पुलिस कप्तान ने इन दिनों अपने पुलिस अधिकारियों के रिश्वत के खिलाफ अभियान चला रखा है। मामला मेरठ के एक इंस्पेक्टर और सिपाही से जुड़ा हुआ है।जहां तय की गई रिश्वत की रकम की पहली किश्त के साथ पुलिस ने पुलिस को ही धर दबोचा।
अपने ही पुलिस कर्मियों के खिलाफ मिल रही रिश्वत कांड की शिकायत के बाद मेरठ जिले के एसएसपी ने अभियान तेज़ कर दिया।इसके बाद जैसे ही मेरठ एसएसपी को जानकारी मिली कि इंस्पेक्टर रिश्वत ले रहे हैं, उन्होंने गोपनीय जांच शुरू करा दी। इसके बाद फिर एसएसपी को सूचना मिली कि मेरठ के एक कबाड़ी वकार से भी एक लाख रुपये की डील पुलिस द्वारा की गई।कबाड़ी वकार से अभी 50 हजार रुपये लिए गए है जबकि बाकी रकम वकार अगले दिन देने वाला है।
मेरठ एसएसपी ने पक्की सूचना के बाद एसपी सिटी के नेतृत्व में टीम बना गठित कर दी। इसके बाद हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह की घेराबंदी कर ली। ख़बर मिली कि शाम चार बजे तक वकार मुजफ्फरनगर से मेरठ पहुँचने वाला है। इसका पता एसएसपी की टीम को पहले से हो चुका था। वकार के साथ सादी वर्दी में चार पुलिस वाले भी लग गए। सिपाही को वकार ने रजबन में बुलाया। पैसे लेते ही पुलिस टीम ने सिपाही को दबोच लिया। सिपाही को पकड़ने के बाद पुलिस उसको पुलिस लाइन ले गई। जहां चार घंटे एसएसपी, एसपी सिटी, एएसपी ने पूछताछ की। सिपाही ने इंस्पेक्टर की सारी पोल खोल दी। पुलिस ने वकार से भी पूछताछ की। इसके बाद दोनों को आमने-सामने बैठा दिया। जिस पर सिपाही ने वसूली की रकम के बारे में पुलिस अधिकारियों को बताया।
मेरठ एसएसपी ने पुलिस पर अपने ही पुलिस के खिलाफ भ्रष्टाचार का यह दूसरा मुकदमा दर्ज कराया है। जिसमे 15 पुलिसवाले सस्पेंड किए जा चुके है। वही 100 से ज्यादा पुलिस वाले पुलिस लाइन में भेजे गए है।
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