बॉम्बे लीक्स ,दिल्ली
नए संसद भवन में मंगलवार को महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। बुधवार को इस पर सुबह 11 से शाम 6 बजे तक चर्चा की जाएगी। यानी 7 घंटे इस पर चर्चा होगी। महिला आरक्षण बिल को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ नाम दिया गया है। बिल में लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है। कांग्रेस ने इस बिल पर सवाल उठाए हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया।लोकसभा में पेश हुए Women Reservation Bill) को कांग्रेस ने ‘चुनावी जुमला’ करार दिया।कांग्रेस पार्टी ने कहा कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है, क्योंकि विधेयक में कहा गया है कि ताजा जनगणना और परिसीमन के बाद यह 2029 से लागू होगा। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि सरकार का यह कदम ‘ईवीएम (इवेंट मैनेजमेंट)’ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार 2021 की जनगणना कराने में विफल रही है। लोकसभा में पेश हुए महिला बिल को केन्द्र सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक बताते हुए ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ का नाम दिया।बिल के लोकसभा में पेश होने के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री की महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता देने की कोई वास्तविक मंशा होती, तो महिला आरक्षण विधेयक बिना किसी किंतु-परंतु और अन्य सभी शर्तों के तुरंत लागू कर दिया गया होता। उनके और भाजपा के लिए, यह केवल एक चुनावी जुमला है जो कुछ भी ठोस नहीं देता है।कांग्रेस के मुताबिक महिला आरक्षण बिल की क्रोनोलॉजी समझनी होगी।कहा कि, यह बिल आज पेश जरूर हुआ है, लेकिन देश की महिलाओं को इसका फायदा जल्द मिलते नहीं दिखता क्योंकि ये बिल जनगणना के बाद ही लागू होगा। पोस्ट में आगे कहा गया कि 2021 में ही जनगणना होनी थी, जोकि आज तक नहीं हो पाई है। आगे यह जनगणना कब होगी इसकी भी कोई जानकारी नहीं है।इस जनगणना को कभी 2027 तो कभी 2028 कराने की बात कही गई है। जनगणना के बाद ही परिसीमन या निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण होगा, तब जाकर कहीं ये बिल लागू होगा। कांग्रेस ने इसे अब तक का सबसे बड़ा जुमला कहा है। कांग्रेस ने इस पोस्ट में आगे कहा- मतलब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पहले एक और जुमला फेंका है। यह अब तक का सबसे बड़ा जुमला है। मोदी सरकार ने हमारे देश की महिलाओं के साथ विश्वासघात किया है।
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