मुंबई : पत्रकार लोगों की आवाज़ अठाता है और लोगों की समस्याओं को सार्वजनिक करता है ताकि लोगों को मुश्किलें आसान हों लेकिन जब वहीं पत्रकार खुद समस्याओँ के जूझ रहा हो तो उसकी आवाज़ कौन उठाए गा यह अहम सवाल है।
मुंबई के दो भिखमंगे उर्दू अखबार जो कौम की कफालत की वकालत करते हैं उनके कर्मचारी इन दिनों खून के आंसू रो रहे हैं इन दोनों भिखमंगे उर्दू अखबारों का बुरा हाल है यहां के कर्मचारियों के खान के लाले पड़े हैं कई कर्मचारियों को कोरोना काल में कुछ अनाज मिल गया जिसके वजह से उनका गुजर बसर हो गया लेकिन अब हालात यहां बहुत खराब हैं क्योंकि बीते कई महिनों से यहां के कर्मचारियों की सैलरी ही नहीं मिली।
दोनों भिखमंगे उर्दू अखबारों के नाम हैं मुंबई उर्दू न्युज़ और उर्दू टाइम्स है दोनों का जन्म उनके घर में पड़ी फूट के बाद हुआ है उर्दू टाइम्स का संचालन कमरुन्निसा सईद उर्फ़ चच्ची चौथी पास संचालन कर रही हैं जबकि मुंबई उर्दू न्युज़ को चतुर इम्तियाज़ और उसका भाई खालिद कर रहे हैं चूंकि पहले सैलरी का जुगाड़ दाऊद का गुर्गा तारिक परवीन करता था लेकिन उसे मुंबई पुलिस ने मोका के तहेत जेल भेज दिया जिसके बाद से इनके भई कर्मचारियों को भी वेतन लंब समय से रुका हुआ है हालांकि बतोलेबाज़ी में यह किसी से कम नहीं हैं।
जबकि चच्ची चौथी पास कई दहलीज़ों के चक्कर काटे कई किस्तें भरने के लिए अरशद सिद्दीकी ने भी मदद की लेकिन थोड़ेदिनों के बाद फिर वही हाल इन दिनों चच्ची चौथी पास पत्रकारिता की ऑनलाइन परिक्षा देने के लिए चीटिंग कर रही हैं और दो लोगों के जरिए ऑनलाइन परिक्षा दे रही हैं।
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