मुम्बई : मुम्बई के डोंगरी इलाके में 4 से 16 माले तक अवैध रूप से बनाई गई अवैध बिल्डिंग इकॉनॉमिक हाउस में बिल्डर माफियाओं ने रहवासियों को जबरन दखिलनकर रहे हैं माना यह जाता है की जब कार्रवाई होगी तो यही रहवासियों को झोलाछाप बिल्डर महबूब सोरठिया एंड कंपनी ढाल बनायेंगे जिस से तोड़क कार्रवाई करने से पहले बीएमसी को पहले इन रहवासियों को खाली करना पड़ेगा जबकि बिल्डिंग के ऊपर ग्रीन रंग कपड़ा लगाया गया है जिस से बिल्डिंग में रहने वाले रहवासियों के बारे में किसी को कानो कान खबर न हो सके।
आपको बता दें गर्मी के मौसम में रहवासियों को तेज गर्मी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बिल्डिंग को चारों तरफ से कपड़े से घेर दिया गया है जिसकी वजह से हवा का भी निकलना मुश्किल हो गया है इस से बचने के लिए अवैध रूप से रह रहे रहवासियों ने अपने अपने घरों एग्जॉस्ट फैन लगा कर रह रहे हैं।
जानाकारी में यह बता सामने आई है की स्थानी पुलिस में भी दो ग्रुप हैं एक ग्रुप जो यहां से मलाई खा रहा है उस ने इस अवैध निर्माण का न केवल समर्थन किया है बल्कि चार्जशीट में भी गोलमोल किया है यही नहीं इस में मुंबई पुलिस का एक एसीपी रैंक के अफसर का भी समावेश है यही वजह है की जब इस मामले में दर्ज एफ आई आर की चार्ज शीट कोर्ट में दाखिल की गई तो एक सीनियर अफसर ने इस जगह को महिला लैंडलॉर्ड को तलब करने के लिए कहा लेकिन जांच अधिकारी ऊषा बाबर ने बजाए उसे तलब किए उसका नाम ही चार्जशीट से उड़ा दिया।
लेकिन चार्जशीट जब कोर्ट में जमा की गई तो उस दौरान डोंगरी थाने की सीनियर पीआई का अतिरिक्त कार्यभार संभालने के लिए जिस अफसर को नियुक्त किया गया था उसकी हस्ताक्षर लेकर चार्जशीट कोर्ट में जमा कर दी गई चूंकि बिल्डर माफिया और उच्च अधिकारियों के गहरे संबंध होने की वजह से यह सब कुछ बड़े ही आसानी से होगा।
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