बॉम्बे लीक्स ,बिहार
बिहार इन दिनों जातीय समीकरण की सियासत में उलझ चुका है।इस बीच बिहार में राजद सांसद के बयान के बाद जेडीयू भाजपा और राजद आमने सामने है।वजह यह है कि आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा द्वारा संसद में दिया गया भाषण।झा ने ओम प्रकाश बाल्मीकि की कविता ‘ठाकुर का कुआं’ पढ़ी तो उपजे विवाद ने बिहार में सियासी संग्राम छेड़ दिया।ब्राह्मण राजद सांसद झा ने सदन में दिए अपने भाषण के दौरान ठाकुरों को निशाना बनाते हुए ब्राह्मण बनाम राजपूत खड़ा कर दिया।ऐसे में देखा जाए तो बिहार की राजनीति ठाकुर के कुंए में उतर आई है।
देखा जाए तो बिहार की सियासत में हमेशा से ही जातीय समीकरण देखने को मिला है।जातीय समीकरण के बीच यदि गोट सटीक जगह बैठ गई , तो सूबे की सत्ता का शीर्ष मिलना तय माना जाता है।बता दें कि लोकसभा चुनाव में करीब छह महीने का समय शेष बचा है और बिहार में जाति पर बवाल शुरू हो गया है।क्योंकि राजद के सांसद डॉ. मनोज झा ने महिला आरक्षण बिल पर बहस के समय राज्यसभा में इस कविता का पाठ किया था। पांच दिन बाद राजद और जदयू के कुछ राजपूत नेताओं को लग रहा है कि कविता से उनकी बिरादरी का अपमान हो गया है।अब इस मामले में जाति के नाम पर जदयू के एक विधान पार्षद भी कूद पड़े हैं। हालांकि, RJD विधायक चेतन आनंद सबसे अधिक दुखी हैं। विधायक चेतन आनंद पूर्व सांसद आनंद मोहन के पुत्र हैं। आनंद मोहन की पहचान राजपूत नेता की रही है।जिसके बाद अब चेतन ने मनोज झा को नसीहत दी कि वे राजपूत समाज का अपमान न करें। इस तरह की कविताओं का उदाहरण न दें, जिससे किसी जाति की भावना आहत हो।कहा कि जातियों को लेकर कई नकारात्मक कविताएं लिखी गई हैं। मनोज झा की जाति के बारे में भी ऐसी कविताएं हैं। अगर वे अपनी जाति के बारे में ऐसी कविता पढ़ें तो लोग विरोध करेंगे।ऐसे में देखा जाए तो मनोज झा के खिलाफ उनकी ही पार्टी के विधायक चेतन आनंद ने मोर्चा खोल दिया है।चेतन आनंद ने मनोज झा पर पूरे ठाकुर समाज को विलेन के रूप में पेश करने का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि ठाकुर सभी को साथ लेकर चलते हैं।समाजवाद में किसी एक जाति को टारगेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलापन है।मनोज झा का बयान आरजेडी को ए टू जेड की पार्टी बनाने की कोशिशों के लिए झटका है। चेतन आनंद ने इस मुद्दे को लालू यादव के सामने उठाने की बात कही तो वहीं उनके पिता आनंद मोहन ने भी मनोज झा पर हमला बोला।वही दूसरी तरफ बीजेपी भी शायद इस बात को समझ रही है। बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने इस पूरे विवाद को लेकर संतुलित बयान देते हुए कहा है कि इसका जवाब तो लालू यादव को देना चाहिए।लालूजी की पार्टी हमेशा से सामाजिक विषमता में विश्वास रखती है।समाज में कैसे एक-दूसरे में झगड़ा लगे, उनकी ये योजना रहती है।किसी को भी किसी समाज को आहत करने का अधिकार नहीं है।
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