बॉम्बे लीक्स , उत्तर प्रदेश
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने सिर्फ नक्से से खत्म हो चुकी है बल्कि अब इस प्रदेश में पार्टी पूरी तरह कंगाल हो चुकी है।प्रदेश में प्रयागराज स्थित पार्टी के ऐतिहासिक दफ्तर में बिजली तो।कट ही गई।अब 31 सालों से बकाया किराया न देने के कारण ताला भी लटकने के आसार बन चुके है।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस के पास अब जवाहर स्क्वायर ऑफिस का किराया देने के लिए भी पैसे नहीं हैं। बिल जमा न करने के चलते बिजली भी कट गई।ऐसे में कांग्रेस के लिए एक बुरी खबर यह है कि वो ना सिर्फ अपने संगठन को मजबूत करने में असफल होती रही है।बल्कि पार्टी लंबे समय से आर्थिक कमज़ोरी का भी शिकार हो चुकी है।
क्योंकि कांग्रेस पार्टी को फंड मुहैया कराने वाले उंसके फाउंडर अब भाजपा से जुड़ चुके है।ऐसे में पार्टी के सामने न सिर्फ संगठन को मजबूत कर पाने में असफलता उंसके सामने है।बल्कि पार्टी को मजबूत करने के लिए उंसके पास फंड की सबसे बड़े समस्या खड़ी हो गई है।
जिसके बाद अब उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित कांग्रेस का सदियों पुराना कांग्रेस दफ्तर भी बंद होने की कगार पर पहुँच गया है।कांग्रेस के प्रयागराज स्थित कांग्रेस दफ्तर को ऐतिहासिक दफ्तर के तौर पर जाना जाता है।बताया जाता है कि पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी इसी दफ्तर में बैठा करते थे।
लेकिन अब यह दफ्तर बंद होने कि कगार पर खड़ा हुआ है।उत्तर प्रदेश स्थित कांग्रेस के सबसे पुराने दफ्तर का कुछ यही हाल होने जा रहा है।कोर्ट ने इस दफ्तर का किराया भरने के लिए 15 जुलाई की आखरी तिथि दी हुई है।बताया जा रहा है कि 31 साल से पार्टी शहर कांग्रेस के ऐतिहासिक कार्यालय का किराया चुकता नहीं कर सकी है।
पार्टी के इस ऐतिहासिक दफ्तर का बकाया किराया 6.12 लाख रुपये बताया जा रहा है।शहर कांग्रेस पार्टी कार्यालय का बकाया राशि अदा न करने पर हाल में ही बिजली भी काटी जा चुकी है।पार्टी द्वारा किराए को लेकर बैठक में मंथन भी किया गया है।इसके लिए पार्टी पदाधिकारियों ने मिल जुलकर चंदा भी इकट्ठा किया।
लेकिन कोर्ट द्वारा दी गई 15 जुलाई तक पार्टी किराया जमा कर सकेगी या नही।इस बारे में अभी पार्टी की तरफ से कोई पुष्टि नही की गई है।प्रदेश महासचिव मुकुंद तिवारी ने कहा कि कार्यालय को लेकर पार्टी इसलिए भी संजीदा है।क्योंकि इसमें कभी दिग्गजों की अध्यक्षता में बैठकें हुआ करती थीं।
इसी दफ्तर से कांग्रेस कमेटी ने कई बड़े फैसले लिए थे। इलाहाबाद शहर कांग्रेस कमेटी की पहली अध्यक्ष कमला नेहरू थीं। इनके बाद पं. जवाहर लाल नेहरू, पुरुषोत्तम दास टंडन, विश्वंभर नाथ पांडेय, मुजफ्फर हसन, इंदिरा गांधी भी इस शहर कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रह चुकी हैं।
पुराने कांग्रेसी नेताओ के मुताबिक इस पार्टी कार्यालय का इतिहास बहुत पुराना है। इसी पार्टी कार्यालय में देश के तीन प्रधानमंत्रियों पं. जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी ने इस कार्यालय में हुई महत्वपूर्ण बैठकों में भाग लिया था।उनके मुताबिक आजादी के पहले इस कार्यालय में कई अहम निर्णय भी लिए गए थे।
इसके अलावा इस दफ्तर से ही फिरोज गांधी की इंदिरा गांधी से मुलाकात पहली बार हुई थी। इस कार्यालय से ही उनके प्रेम प्रसंगों के किस्से दुनिया भर चर्चित हुए।ऐसे में देश के दो प्रधानमंत्री के अध्यक्ष बनने की कहानी को बताने वाले इस कार्यालय का किराया चुकता करने के लिए चंदा किया जा रहा है।
शहर के सबसे भीड़भाड़ और व्यस्त इलाके में सन 1932 से यह कार्यालय यहीं है स्थित है।ऐसे में कांग्रेस नेता मुकुंद तिवारी ने इसे लेकर काफी गहरी चिंता जताई है। उनका कहना था कि इस ऐतिहासिक दफ्तर को हर हाल में हाथ से जाने नहीं दिया जाएगा।वहीं राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने 50 हजार रुपये का चेक दिया तो कई नेताओं ने सौ-50 रुपये भी चंदे के रूप में जमा किए।
चौक स्थित मोहम्मद अली पार्क में शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यालय का इतिहास राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़ा रहा है। प्रदेश महासचिव मुकुंद तिवारी ने गंभीर चिंता जताई। उनका कहना था कि इस ऐतिहासिक दफ्तर को हर हाल में हाथ से जाने नहीं दिया जाएगा। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने 50 हजार रुपये का चेक दिया तो कई नेताओं ने सौ-50 रुपये भी चंदे के रूप में जमा किए। हालांकि अभी दो लाख 60 हजार ही इकट्ठा हो सका है।
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