बॉम्बे लीक्स
पटना : नीतीश कुमार की जेडीयू और बिहार भाजपा के बीच तनातनी थमने का नाम नही के रही।इन दिनों कई सरकारी स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को हो रहे अवकाश की वजह से सियासी हलचल और बयानबाजी तेज है।मामला सीमांचल में मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में स्थित 500 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में रविवार के बजाय शुक्रवार की छुट्टी से जुड़ा हुआ है।जिसके बाद अब बिहार में उपजे इस नये विवाद से एनडीए के अंदर ही तल्खियां काफी बढ़ गई है। इस मामले में सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और बीजेपी के नेताओ के बीच अलग अलग मत सामने आ रहे है।छुट्टी के दिन में हुए परिवर्तन के बाद भाजपा जेडीयू पर हमलावर है।
जेडीयू संसदीय बोर्ड ने केंद्र और राज्य में अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा पर जोरदार हमला बोला है।बिहार में कटिहार और किशनगंज जिले के 100 और 37 सरकारी स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी का मामला सामने आने के बाद भाजपा का दोहरी राजनीति का आरोप लगने लगा है।जिसे लेकर बिहारर में भाजपा और जेडीयू आमने सामने आ गए है।बताया जा रहा है कि बिहार के कटिहार और किशनगंज जिले मुस्लिम बाहुल्य है।
जहां लंबे समय से रविवार की जगह शुक्रवार के दिन सरकारी स्कूलों में अवकाश दिया जाता है।जबकिं छुट्टी के दिन यानी रविवार को दोनों जिलों में क्लासेस लगती आ रही है।मामला सामने आने के बाद अब बिहार सरकार पता कर रही है कि किसके आदेश पर यह नियम चल रहा है।इस आरोप के सामने आने के बाद अब बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने किशनगंज के DEO को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है।
वहीं कटिहार में कोढ़ा प्रखंड के उत्क्रमित माध्यमिक स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक सहित स्कूल कमेटी से जुड़े लोगों के मुताबिक अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी आबादी होने के कारण गांव के कुछ लोगों ने 2007 में यह फैसला लिया था कि मदरसे की तरह ही स्कूल में भी शुक्रवार को ही छुट्टी दी जाए।ऐसे में बिहार में भाजपा और जेडीयू के नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी हो गया है।बिहार में सरकारी स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी दिए जाने का मामने ने अब राजनीतिक तूल पकड़ लिया है।
सोशल मीडिया पर इसे लेकर सियासी बयानबाजी का दौर जारी है।अब जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के एक ट्वीट ने भूचाल ला दिया है।उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा है कि उर्दू विद्यालयों में छुट्टी- वाकई जरूरी मुद्दा है या अनावश्यक विवाद बनाने की कोशिश।जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी ही सहयोगी पार्टी बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा के सवालों पर जवाब देते हुए हमला बोला है।
कहा कि छुट्टी पर आपत्ति करने वाले महानुभावों, आप सभी को पता तो होना चाहिए कि शुक्रवार को सिर्फ उर्दू विद्यालयों में ही अवकाश नहीं होता है, संस्कृत महाविद्यालयों में भी प्रत्येक महीना के प्रतिपदा और अष्टमी को छुट्टी रहती है। लिखा कि जिन्हें नही मालूम है वे कृप्या संस्कृत विश्वविद्यालय के इस कैलेंडर का अवलोकन कर अपना ज्ञान बढ़ाये। उपेंद्र कुशवाहा ने ये ट्वीट भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा के जवाब में किया है।
राकेश सिन्हा ने कहा था कि सरकारी छुट्टियां धर्म को देखकर नहीं होती है। अगर ऐसा होता है तो यह घोर सांप्रदायिक निर्णय है इस निर्णय को वापस लेना चाहिए।अपने ट्वीट में राकेश सिन्हा ने टर्की का उदाहरण दिया और कहा कि मुस्लिम बहुल देश टर्की में जहां 99% मुसलमान हैं।वहां शुक्रवार की छुट्टी बदलकर रविवार कर दी गई है।भारत में अगर उल्टी गंगा बहाने की कोशिश होगी तो यह संभव नहीं है।
कहा कि अगर ऐसा होता है, तो यह गलत है।सरकार को अविलंब जांच कर जिन लोगों ने निर्णय किया है उस पर कार्रवाई करनी चाहिए।राकेश सिन्हा के उसी ट्वीट को आधार बनाकर उपेंद्र कुशवाहा ने तल्ख अंदाज में टिप्पणी की है।उपेंद्र कुशवाहा ने इस मामले को तूल देने पर माहौल खराब करने का आरोप लगाया।उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा है कि जो नियम सरकार के बने हुए हैं उस पर किसी को बेवजह राजनीति नहीं करनी चाहिए ताकि बिहार का माहौल ठीक रहे।
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