बॉम्बे लीक्स ,कर्नाटक
कर्नाटक में भारी बहुमत से विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस को चेहरा मिल गया है।पिछले तीन दिनों से सीएम पर सस्पेंस अब खत्म हो गया है।जी हां मुख्यमंत्री को लेकर चले लंबे मंथन के बाद अब कांग्रेस हाईकमान ने फैसला ले लिया है कि आखिर कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ढाई-ढाई साल के लिए पद संभालेंगे।कार्यकाल का पहला भाग सिद्धारमैया पास जाएगा।
गौरतलब है कि कर्नाटक में सीएम फेस को लेकर जारी गतिरोध अब खत्म हो गया है।पूर्व सीएम रहे सिद्धारमैया अब कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री होंगे और डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कर्नाटक सरकार के गठन के लिए आम सहमति पर पहुंचे हैं। डीके को मनाना इतना आसान तो नही था लेकिन सोनिया गांधी की इसमें अहम भूमिका बताई जा रही है।कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने ट्वीट कर बताया कि डीके शिवकुमार ने कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल के नए नेता के रूप में सिद्धारमैया को चुनने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया।कांग्रेस पार्टी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से इसका समर्थन किया।20 मई को दोपहर 12.30 बजे सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार मनोनीत मंत्रियों के साथ शपथ लेंगे।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्नाटक से दिल्ली तक 100 घंटे चले मंथन और ताबड़तोड़ बैठकों के दौर के बाद सीएम पद के लिए सिद्धारमैया के नाम पर मुहर लगी।बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद कर्नाटक का पूरा सियासी संकट सुलझ पाया।अब 20 मई को कर्नाटक में नई सरकार का गठन होगा। दरअसल, कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया था। हालांकि, समय समय पर प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया सीएम पद के लिए अपनी अपनी दावेदारी पेश करते रहे।राज्य में जीत मिलने के बाद सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने सीएम बनने के लिए कोशिशें तेज कर दी थीं।जहां कांग्रेस आलाकमान सिद्धारमैया को सीएम और शिवकुमार डिप्टी सीएम बनाने के पक्ष में था। हालांकि, शिवकुमार सीएम पद से नीचे कुछ भी लेने को तैयार नहीं थे।बड़ी जद्दोजहद के बाद शिवकुमार तैयार हुए हैं।बता दें कि कांग्रेस ने 10 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की है।पार्टी को 224 सीटों में से 135 सीटों पर जीत मिली है। राज्य से भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया है। बीजेपी 66 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर आई। जबकि जेडीएस को सिर्फ 19 सीटें मिलीं।चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से कांग्रेस में राज्य के अगले मुख्यमंत्री को लेकर कवायद तेज हो गई थी।
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