बॉम्बे लीक्स
मुंबई : नितिन गडकरी को भाजपा संसदीय बोर्ड से बेदखल करने पर विपक्षी पार्टियां भाजपा पर तंज कसने लगी है।एमसीपी प्रमुख शरद पवार ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा है कि भाजपा नितिन गडकरी के पार्टी में बढ़ते कद से सहम गई है।जिसके चलते गडकरी को केंद्रीय संसदीय बोर्ड से भाजपा ने हटा दिया है। एनसीपी प्रमुख ने गडकरी को कुशल और समझदार नेता बताते हुए उनके संसदीय बोर्ड से बाहर किए जाने की आलोचना की।
दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने अपने दल के संसदीय बोर्ड को पुनर्गठित करते हुए इसमें से केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हटा दिया है।जिसके बाद इस मुद्दे पर शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर तीखा तंज कसा है।एनसीपी ने कहा है कि बीजेपी नीतिन गडकरी के बढ़ते कद से परेशान हो गई थी, इसलिए पार्टी ने उन्हें संसदीय बोर्ड से निकाल दिया।एनसीपी के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने ट्विटर पर कहा, “जब आपकी योग्यता और क्षमताएं बढ़ती हैं और आप वरिष्ठों के लिए चुनौती बन जाते हैं तो भाजपा आपके पर कतर देती है।दागियों को बढ़ाया जाता है।
पवार ने कहा कि भाजपा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को खुलकर बात करने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है। पार्टी और उससे बाहर के मसलों पर भी वह खुलकर बात करते रहे हैं। ऐसे में उनके संसदीय बोर्ड से बाहर होने को लेकर चर्चाओं का दौर तेज है। हालांकि महाराष्ट्र के ही एक और नेता देवेंद्र फडणवीस का कद बढ़ाते हुए पार्टी ने उन्हें केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल किया है। लेकिन उन्हें भी संसदीय बोर्ड में जगह नहीं मिली है।
नितिन गडकरी के अलावा मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को भी भाजपा ने संसदीय बोर्ड से हटाया है। इसके अलावा शाहनवाज हुसैन को भी बाहर कर दिया गया है। शिवराज सिंह चौहान को बाहर किए जाने से भी चर्चाओं का दौर है और उन्हें अगले विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के सीएम फेस के तौर पर पेश किया जाएगा या नहीं।इस पर भी बात की जा रही है। गौरतलब है कि पिछले महीने ही एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा था कि आज के दौर की राजनीति सिर्फ सत्ता में रहने के लिए ही होती है। उन्होंने कहा था कि ऐसे दौर में लगता है कि अब राजनीति ही छोड़ दूं।
देखा जाए तो पिछले कुछ महीनों से नीतिन गडकरी ने कई आदर्शवादी बयान दिए हैं।हालांकि वे हमेशा खुले मन से बोलने के लिए जाने जाते हैं।उन्होंने हाल ही में कहा था कि कभी-कभी उनका राजनीति छोड़ने का मन करता है।उन्होंने कहा था, कभी-कभी राजनीति छोड़ने का मन करता है क्योंकि जीवन में करने को और भी बहुत कुछ है। उन्होंने कहा कि आज की राजनीति में पार्टियों का ध्यान सत्ता में बने रहने पर ज्यादा केंद्रित है।
गडकरी ने कहा था कि राजनीति, आजकल, सामाजिक परिवर्तन के लिए साधन के बजाय सत्ता में बने रहने पर ज्यादा केंद्रित है। इसलिए कभी-कभी राजनीति छोड़ने का मन करता है।राजनीति के अलावा और भी बहुत काम है जिससे दिल को सुकून मिलती है। महात्मा गांधी ने भी यही काम किया था।
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