बॉम्बे लीक्स ,महारास्ट्र
मुंबई : महाराष्ट्र की धरती पर उपजे सियासी तूफान के बीच सरकार बचाने के हर हथकंडे बेअसर साबित हो रहे है।सीएम उद्धव ठाकरे को अहसास हो चुका है कि बाज़ी अब महाविकास अघाड़ी के हाथ से निकल चुकी है।जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने अपने सरकारी बंगले वर्षा को छोड़ वापिस मातोश्री आ गए।सरकार बचाने की मुहिम के बीच जहां एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी मुंबई पहुंच गई हैं।
प्रियंका गांधी ने महाराष्ट्र कांग्रेस और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुंबई में मुलाकात की है।जानकारी के मुताबिक प्रियंका गांधी को मुंबई होते हुए अमेरिका जाना था। लेकिन महाराष्ट्र में चल रहे घटनाक्रम के बारे में जानकारी लेने के लिए प्रियंका ने महाराष्ट्र कांग्रेस के बड़े नेताओं और कमलनाथ को एयरपोर्ट पर ही मुलाकात के लिए तलब कर लिया।कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उसे अपने विधायको को जोड़कर रखना होगा।बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी की कमल नाथ और महारास्ट्र कांग्रेस के नेताओ से काफी देर बातचीत हुई है।जिसमे पार्टी के विधायको के टूटने पर ध्यान रखने को कहा गया है।देखा जाए तो इन परिदृश्य के बीच पहले से ही कांग्रेस आलाकमान ने जारी सियासत के दावँ पेंच के बीच हालातों पर नजर रखने के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को मुंबई में जमा दिया है। जहाँ पर कमलनाथ ने कल एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात भी की। बताया यह भी जा रहा है कि कमलनाथ की मुलाकात मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से नहीं हो पाई थी।क्योंकि उस समय उद्धव ठाकरे की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हालांकि बाद की रिपोर्ट में उद्धव ठाकरे कोरोना नेगेटिव होने के बाद सामने आए है।
वहीं एक तरफ जहाँ सेना के दो विधायक भगाकर सेना के पास आने की खबर है तो दुसरी तरफ शिव शिवसेना के तीन और बागी विधायक असम के गुवाहाटी पहुंच गए हैं। एकनाथ शिंदे के गुट का कहना है कि इस वक्त उनके पास 48 विधायकों का समर्थन है जिनमें से 42 विधायक शिवसेना के हैं। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी मुंबई पहुंच गई हैं और उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेताओं से मुलाकात की है।इस वक्त भले ही ठाकरे सरकार अल्पमत में दिखाई दे रही हो लेकिन स्थिति अभी तक पूरी तरह से साफ नहीं हो सकी है।एकनाथ शिंदे के करीबियों का कहना है कि इनमें से 42 विधायक शिवसेना के उनके साथ हैं। ऐसे में मिली जानकारी के मुताबिक एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के राज्यपाल को इन सभी बागी विधायकों का एक संयुक्त पत्र सौंप सकते हैं।
शिवसेना के बचे हुए विधायकों ने भी आगे की रणनीति पर विचार करने के लिए बैठक बुलाई है। इस बैठक में हालांकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शामिल नहीं होंगे। वहीं कांग्रेस और एनसीपी भी अपने अपने विधायकों के साथ बैठक करने वाली हैं। शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत का कहना है कि महाराष्ट्र की स्थिति कैसी भी हो लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस्तीफा नहीं देंगे। राउत का कहना है कि अगर जरूरत पड़ेगी तो वह विधानसभा में बहुमत हासिल करके दिखाएंगे।
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