बॉम्बे लीक्स ,मुंबई
मुंबई के 26/11 हमलों के एक आरोपी को जल्द ही अमेरिका से भारत लाया जाएगा। अमेरिका की एक अदालत ने पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है। भारतीय अधिकारियों ने तहव्वुर राणा के मुंबई आतंकी हमले में शामिल होने की बात कही थी। इन आरोपो के जरिए मांग थी कि इसे भारत भेजा जाए। कुछ दिनों पहले ही ऐसी रिपोर्ट आई थी कि NIA 26/11 हमलों के एक मुख्य आरोपी के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई शुरू करने की तैयारी कर रही है।
गौरतलब है कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी पाकिस्तानी मूल के कनाडाई बिजनेसमैन तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। 62 साल का तहव्वुर अमेरिका की जेल में बंद है। लॉस एंजिलिस के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 16 मई के आदेश में कहा है कि जिन आरोपों काे आधार बनाकर भारत ने तहव्वुर के प्रत्यर्पण की मांग की है, उन्हें देखते हुए उसके प्रत्यर्पण की इजाजत दी जा सकती है।कोर्ट के 48 पेज के ऑर्डर में मुंबई आतंकी हमले में तहव्वुर राणा की भूमिका साफ होती है। कोर्ट ऑर्डर के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा मुंबई हमले के बाद के दिनों में बेफिक्र हो गया था। वह चाहता था कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को पाकिस्तान का सबसे ऊंचा सैन्य सम्मान दिया जाए।मुंबई के आंतकी हमले के सिलसिले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) तहव्वुर की पूरी भूमिका की पड़ताल कर रही है। इन हमलों में तहव्वुर ने आतंकियों को मदद पहुंचाई थी, इसी के चलते भारत ने उसके प्रत्यर्पण की मांग की थी। भारत की मांग के बाद उसे अमेरिका में गिरफ्तार किया गया।वहीं कोर्ट ने कहा कि सभी दस्तावेजों और दलीलों को देखने और सुनने के बाद वह इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि तहव्वुर राणा उन अपराधों के लिए प्रत्यर्पण योग्य है जिनमें उसके प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार ने अनुरोध किया है। 2008 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में राणा की भूमिका पाई गई थी इसलिए भारत की ओर से उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया था, जिसके बाद अमेरिका में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान, अमेरिकी सरकार के वकीलों ने तर्क दिया कि राणा का दोस्त डेविड कोलमैन हेडली लश्कर-ए-तैयबा ग्रुप में शामिल है और फिर भी राणा ने उसकी मदद की। इस तरह हेडली की गतिविधियों के लिए उसे बचाव प्रदान कर राणा ने आतंकवादी संगठन और इसके सहयोगियों की सहायता की।हालांकि, राणा के वकील ने प्रत्यर्पण का विरोध किया। भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि है। जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि राणा का भारत प्रत्यर्पण पूरी तरह से संधि के अधिकार क्षेत्र में है। नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने कहा कि वह राजनयिक माध्यमों से राणा को भारत लाने की कार्यवाही शुरू करने के लिए तैयार है। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा किए गए 26/11 हमलों में राणा की भूमिका की जांच एनआईए कर रहा है।
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