मुंबई :हाल ही में ऑयल माफिया के खिलाफ़ मुंबई क्राइम ब्रांच की प्रॉपर्टी सेल यूनिट द्वारा की गई कार्रवाई के बाद प्रॉपर्टी सेल के अफसरों ने रागढ़ के ऑयल माफिया चंद्रकांत पाटिल को गिरफ्तार किया है पाटिल की गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस और रायगढ़ पुलिस में हड़कंप मच गया है क्योंकि पाटिल के पास एक बोट बरामद हुई है हैरानी की बात यह है कि उस बोट को जब्त करने में प्रॉपर्टी सेल के अफसरों के पसीने छूट गए क्योंकि यह बोट राय गढ़ के मांडवा पुलिस थाने में दर्ज एक एफआईआर में ऑयल की तस्करी करते हुए जब्त की गई है फिलहाल यह बोट सासुन डाक पर खड़ी है लेकिन प्रॉपर्टी सेल के अफसर इसे पुलिसिया रिकार्ड में जब्त नहीं कर रहे।
क्यों नहीं जब्त कर रहे बोट
दरअसल अलीबाग के मांडवा पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 32/2019 जो कि आयल तस्करी के मामले में दर्ज की गई थी इस एफआईआर में कुल 42 आरोपी थे जिसमे मुंबई पुलिस का एक कांस्टेबल भी शामिल था पुलिस ने इस दौरान आयल माफिया से काफी ज्यादा मात्रा में चोरी के आयल जब्त किए थे और उस दौरान तस्करी के लिए इस्तेमाल होने वाली बोट को भी पुलिस ने जब्त किया था इस मामले की जांच रायगढ़ के क्राइम ब्रांच के अफसर जमीश शेख कर रहे थे।
चूंकि यह कार्रवाई रायगढ़ के आयल तस्कर चंद्रकांत पाटिल के इशारे पर अरब सागर में सक्रीय आयल माफियाओं की एक गैंग को खतम करने के लिए था ताकि चंद्रकांत पाटिल और उसकी गैंग अरब सागर में अकेले तेल की तस्करी का गोरख धंधा कर सके इस मामले मे चंद्रकांत पाटिल को भी गिरफ्तार किया था।
जब्त की गई बोट काशीप्रसाद आईएनडी एमएम 1245 थी जबकि प्रॉपर्टी सेल के अफसरों ने चंद्रकांत पाटिल को जिस बोट के साथ गिरफ्तार किया और जिस पर लीपा पोती करने की प्लानिंग कर रहे हैं उस बोट का नाम नंददीप आईएनडी एमएच 3 एमएम 428 है। यह बोट असल में वहीं जिसे रायगढ़ के मांडवा थाने में साल 2019 की कार्रवाई में जब्त किया गया है जिसका नाम काशीप्रसाद आईएनडी एमएम 1245 है।
इस बारे में रायगढ़ के क्राइम ब्रांच के अफसर जमील शेख का कहना है कि हमने एक साल पहले यल माफिया के खिलाफ़ मामला दर्ज किया था कई बोट जब्त की गई थीं चंद्रकांत पाटिल को भी गिरफ्तार किया गया था बाद में कोर्ट से लोगों ने अपनी अपनी बोट हासिल कर ली।
जबकि चंद्रकांत पाटिल ने प्रॉपर्टी सेल के अफसरों को बताया कि यह बोट उसे क्राइम ब्रांच के अफसर जमील शेख ने दी है और इस बोट को कोर्ट या कलेक्टर कहीं भी रिटर्न ऑफ प्रपर्टी में इसका कोई जिक्र नहीं है। और सच्चाई भी यहीं है कि इसे नियम के अनुसार इस बोट को किसी भी आयल माफिया को अब तक नहीं दिया गया अब ऐसे में लावारिस अवस्था में बोट अगर खड़ी है तो कुछ भी गैर कानूनी गतिविधियां होती हैं तो उसका जिम्मेदार कौन होगा यह अहम सवाल है।
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