मुंबई :लॉकडाउन में रायगढ़ जिले में मांडवा पुलिस सागरी पुलिस थाने द्वारा कार्रवाई में जो डीज़ल जब्त किया गया था उसे नीलाम कर दिया गया जिस कंपनी को नीलाम किया गया उस कंपनी का श्री पुष्पहंस कैमिकल है हैरानी की बात यह है कि इस कंपनी के पास सॉल्वेंट लाएसेंस ही नहीं है और न ही खरीदने बेचने का कोई अधिकार है कंपनी के कुछ लोगों ने इसे कंपनी में लाने से पहले ही गनेश प्रशांत आयल माफिया की बोट पर ही कटिंग कर के बेच दिया ध्यान रहे इस लाएसेंस के बिना कोई भी कंपनी इस प्रकार से जब्त किए गए तेल, डीज़ल, पेट्रोल को नहीं खरीद सकती इस खरीदारी को लेकर मांडवा सागरी के अफसर एपीआई सोनके ने इसकी पुष्टि की है।
दरअसल कुछ महीनों पहले मांडवा सागरी पुलिस थाने ने 18 टन डीज़ल के साथ कई लोगों को गिरफ्तार किया था इस कार्रवाई में अवैध रूप से न केवल डीज़ल जब्त किए गए थे बल्कि इस गोरख धंधे में इस्तेमाल की गई बोट भी अवैध थी जिसके पास किसी भी प्रकार के कोई दस्तावेज़ मौजूद नहीं थे उसे भी जब्त किया गया था।
जानकारी में यह बात सामने आई है कि इस मामले में संबंधित कंपनी जिसके पास सॉल्वेंट लाएसेंस नहीं है उसे मुद्देमाल का डीज़ल दिलाने में मुंबई के तिलक नगर पुलिस थाने के एक कांस्टेबल का हाथ है जिसके खिलाफ़ पिछले साल अलीबाग क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज कर के उसे मुंबई के वरली स्थित घर से गिरफ्तार किया था कांस्टेबल फिलहाल सस्पेंड है लेकिन उसने अवैध रुप से तेल की तस्करी का गोरख धंधा बंद नहीं किया जानकारी में यह बात सामने आई है कि इसी कॉन्स्टेबल और संबंधित कंपनी में मौजूद कर्मचारी निज़ाम ने पुलिस वालों को बेवकूफ बना कर जब्त किए गए डीज़ल को सॉल्वेंट लाएसेंस के बिना ही नीलामी में खऱीदा है।
भारत सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस में यह साफ स्पष्ट करता है कि एसेंशियल कमोडिटी ऐक्ट 1955 (10 of 1955) के अनुसार स प्रकार की खरीदारी केवल सरकारी कंपनियां ही खरीद और बेच सकती हैं लेकिन आयल माफिया के सक्रीय होने के कारण सरकार द्वारा बनाए गए निर्देशों की सरेआम धज्जियां उड़ा कर इस प्रकार से बड़े पैमाने पर मुद्देमाल मे जब्त तेल को सस्सते दाम मे खरीद कर कई गुना ज्यादा दाम में बेचते हैं।हैरानी की बात यह है कि इसके पीछे भी वही लोग सक्रीय हैं जिनके खिलाफ़ कार्रवाई की जाती है।
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