बॉम्बे लीक्स ,नई दिल्ली
नई दिल्ली : गांधी परिवार की मुश्किलें फिलहाल थमती नजर नही आ रही है।शुरुआत सोनिया गांधी के पुत्र और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से शुरू हुई।जोकि अभी सोनिया गांधी के इंतज़ार मे ईडी के अधिकारी कुर्सी पर जमे बैठे है।लेकिन सोनिया कोविड पॉज़िटिव होने के चलते अभी उपचार के लिए गंगा राम अस्पताल में भर्ती है।लेकिन इसी बीच राहुल गांधी से ईडी अधिकारी लगातर घण्टो घण्टो तक उंसके पूछताछ कर रहे है।इस मसले पर राहुल को ईडी दफ्तर बुलाकर दो बार पूछताछ की जा चुकी है।
बताया जा रहा है कि दो चरणों में हुई पूछताछ के बाद भी ईडी ने मंगलवार को भी राहुल को दफ्तर में बुलाया था।ईडी द्वारा राहुल गांधी को पूछताछ के लिए बुलाये जाने से नाराज़ कांग्रेस कार्यकर्ताओं और दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली की सड़कों पर आंदोलन किया था।कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल के साथ पैदल मार्च करते हुए राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेल बघेल-समेत तमाम नेताओं ने सड़क पर प्रदर्शन भी किया था।
वही राहुल के समर्थन में निकाले गए मार्च और सत्याग्रह का दौर अबतक जारी है।राहुल के समर्थन में देश के के ईडी के दफ्तरों पर भी प्रदर्शन किए गए।इसके बाद हर बड़े छोटे कांग्रेस के अनेक नेता हिरासत में लिए गए। राहुल के बयान धनशोधन अधिनियम की धारा 50 के तहत दर्ज किए जा चुके है।इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी ईडी 23 जून को पूछताछ करेगी।
जबकिं कोरोना पॉज़िटिव पाई गई सोनिया गांधी अस्वस्थ होने के कारण अभी अस्पताल में भर्ती हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार प्रतिशोध की राजनीति कर रही है।कहा कि जबकिं विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि सरकार ईडी, सीबीआई, आयकर आदि विभागों का इस्तेमाल विपक्षीय विरोधियों के खिलाफ कर रही है।मौजूदा मामला नेशनल हेरल्ड अखबार से जुड़ा है।
1937 में पांच हजार स्वतंत्रता सेनानियों के चंदे से जवाहरलाल नेहरू की पहल पर यह अखबार आरंभ किया गया। इसके लिए असोसिएटेड जर्नल लि. (एजेएल) गठित की गई। एजेएल ने नेशनल हेरल्ड के साथ ही हिंदी में ‘नवजीवन’ और उर्दू में ‘कौमी आवाज’ नाम से अखबार निकाले।जिन्हें कांग्रेस का मुखपत्र माना गया। कालांतर में घाटे में जाने के बाद कंपनी ने इन प्रकाशनों को बंद कर दिया। लेकिन 2010 में यंग इंडियन प्रा. लि. नाम से एक संस्था बनाई गई जिसने कांग्रेस से मिले 90 करोड़ रुपये से एजेएल का अधिग्रहण कर लिया।
एजेएल के निदेशक मंडल में राहुल और सोनिया गांधी शामिल हैं। दोनों की हिस्सेदारी 76 फीसद है। बाद में कांग्रेस ने एजेएल का 90 करोड़ का लोन माफ कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम में धनशोधन के अंदेशे में ईडी जांच कर रही है।कांग्रेस को जांच में सहयोग करते समय किसी प्रकार के विरोध प्रदर्शन से बचना चाहिए। लेकिन इसके उलट वह इस मामले से राजनीतिक माइलेज लेने के फेर में है। ‘सत्याग्रह’ करके और सड़क पर उतर कर कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं में नये सिरे से जान फूंकना चाहती है। लेकिन ईडी की जांच का नतीजा आने तक उसे इस सबसे बचना चाहिए। अनियमितता अगर हुई है, तो नतीजे भुगते। पाक-साफ साबित हुई तो राजनीति में शुचिता का सबब बनेगी।
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