• बॉलीबुड भी आया फर्जी वैक्सीनेशन की गिरफ्त में , लगवाए गए टीको का कोई सर्टिफिकेट नही।
• 390 लोग हुए फर्जी वैक्सीन का शिकार , 4 गिरफ्तार पांचवा आरोपी मध्य प्रदेश से लिया गया हिरासत में।
संवाददाता बॉम्बे लीक
मुंबई : कोविड महामारी की आड़ में फर्जी वाड़े का धंधा ज़ोर पकड़ता जा रहा है।शहर मुंबई के कांदिवली क्षेत्र की हीरानंदानी एस्टेट सोसायटी में रहने वाले 390 लोगों को लगाई गई फर्जी कोविशिल्ड वैक्सीन के मामले में मुंबई पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले से जुड़े पांचवें आरोपी को मध्य प्रदेश से हिरासत में लेकर पुलिस मुंबई आ रही है।खबर के मुताबिक इस पूरे गोराखधंदे का मास्टरमाइंड कोई और नही बल्कि एक स्कूल ड्रॉपआउट महेंद्र कुलदीप सिंह है।
पुलिस के मुताबिक विगत 30 मई को हीरानंदानी सोसायटी में लगे वैक्सीनेशन कैंप में कोविशील्ड की कथित फर्जी वैक्सीन की शिकायत आने के बाद मुंबई पुलिस ने अपनी जांच तेज़ कर दी। जांच के दौरान वैक्सीनेशन प्रक्रिया में काफी खामियां देखने को मिलीं। इसके बाद मुंबई पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। मुंबई पुलिस इस पूरे गोराखधंदे को उजागार करने के लिए जाल बिछाना शुरू कर दिया। जिसके पास गोपनीय सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाकर 4 आरोपियों महेंद्र कुलदीप सिंह (39), संजय गुप्ता (34), चंदन सिंह (32) और नितिन मोंडे (32) को गिरफ्तार करने में सफलता पाई। इस गोराखधंदे के मामले से जुड़े पांचवें आरोपी करीम अली (21) को मध्य प्रदेश से हिरासत में लेने में कामयाबी मिली।इसके बाद अब मुंबई बीएमसी ने भी अपने स्तर से मामले की जांच शुरू कर दी है।
दरअसल मुंबई के उपनगर कांदिवली के हीरानंदानी हेरिटेज में 3 सोसायटीज प्रेस्टिना, एस्टोनिया और रीवोना में 435 परिवार रहते है। सोसाइटी के मुताबिक मैनेजिंग कमिटी ने 30 मई को कोविड वैक्सिनेशन कैंप के लिए मुख्य आयोजक संजय गुप्ता को इजाजत दी गई। जिसके बाद संजय के नेतृत्व में इन आरोपियों शक से बचने हेतु खुद को लाइफलाइन अस्पताल और नेस्को कोविड सेंटर का प्रतिनिधि बताया।जिसके बाद इन जालसाजों ने सोसायटी के 390 सदस्यों से प्रति सदस्य 1,260 रुपये के हिसाब से करीब 5 लाख रुपये लिए और टीका लगाया। सोसाइटी से आरोपी महेंद्र ने पैसा वसूला, जबकि कथित कोविशिल्ड का इंतजाम करीम के कांधो पर था।
फिलहाल सोसाइटी द्वारा टीका लगवाने वालों ने को-विन पोर्टल पर अपने नाम नहीं दिखने और सर्टिफिकेट नहीं मिलने पर संबधित अस्पतालों से संपर्क किया। जिसके बाद पीड़ितों को अस्पतालों द्वारा बताया कि उनकी तरफ से कोई कैंप नहीं लगाया गया। इसके बाद पीड़ितों ने कांदिवली के स्थानिय विधायक योगेश सागर की मदद से पुलिस में शिकायत की।
ख़बर के अनुसार मुख्य आरोपी महेंद्र सिंह लगभग दस सालों से ज्यादा समय तक मलाड मेडिकल असोसिएशन में क्लर्क के तौर पर काम कर चुका है। हालांकि महेंद्र सिंह को मलाड मेडिकल असोसिएशन से हटाया जा चुका है। जानकारी के अनुसार महेंद्र द्वारा मई और जून के बीच सबसे ज्यादा फर्जी वैक्सीनेशन कैंप लगावाए हैं।
इसी क्रम में बॉलीवुड के अंदर भी फर्जी वैक्सीनेशन का मामला उजागर हुआ है। बॉलीवुड के अंदर भी फर्जी वैक्सीनेशन का रैकेट का पर्दाफ़ास किया गया है। मुंबई के प्रॉडक्शन हाउस के कर्मचारियों को हाल में टीका लगाया गया था, लेकिन टीका लगवाने वालो को ख़बर नही कि उन्हें कौन सी वैक्सीन लगाई गई। वहीं फिल्म निर्माता और टिप्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मालिक रमेश तौरानी के अनुसार लगभग 365 कर्मचारियों को 30 मई और 3 जून के बीच टीका लगवाया गया था, जिसका उन्हें अब तक सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है।
तौरानी के मुताबिक प्रति डोज 1,200 रुपये के साथ जीएसटी देकर टीके लिये गए थे। जिसका 12 जून को सर्टिफिकेट दिए जाने की बात कही गई थी। वहीं एक प्रॉडक्शन हाउस के 150 कर्मचारियों को 29 मई को कोवीशील्ड का पहला डोज दिए जाने की ख़बर है।
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