मुंबई : कल मुंबई के यलोगेट पुलिस थाने में मेहर पेट्रोकेम के कर्मचारियों को तलब किया गया था कंपनी पर आरपोप है कि इस कंपनी और उसके कर्मचारियों द्वारा जवाहर द्वीप (जे.डी) में टेंडर के माध्यम से कचरा साफ़ करने की आड़ में 500 टन के करीब पेट्रोल , डीज़ल, नाफ्ता (कच्चा पेट्रोल) यह प्रोडक्ट अवैध तरीके से निकाल कर शहर में सप्लाई किया गया है जो कि मनोर में मौजूद फैक्ट्री में मौजूद है भारतीय बाजार में इसकी कीमत तकरबीन 5 करोड़ के आस पास बताई जा रही है कार्रवाई के दौरान रात में एमबी लिबर्टी बार्ज के चालक को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की गई जिसने अपने बयान में अवैध तरीके से 79 मैट्रिक टन आयली प्रोडक्ट लाने का उल्लेख किया है।
यलोगेट पुलिस थाने को मिली जानकारी के आधार पर उन्हों ने इन सारे कर्मचारियों को जिनमें आयल माफिया जमील एजाज़ अंसारी से भी पूछताछ की गई है यलोगेट सीनियर पीआई सुहास हेमाड़े ने कहा है कि हमने टेंडर की आड़ में तेल का अवैध काराबार करने वालों को तलब किया था दस्तावोज़ों की छानबीन चल रही है और मामले को लेकर कस्टम से भी जानकारी हासिल की जा रही है जैसे ही जानकारी और तफ्तीश पूरी हो जाएगा इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
क्या है समुंद्र में तेल के अवैध कारोबार की सच्चाई
मिली जानाकारी के मुताबिक 15 मई 2018 को मुबंई पोर्ट ट्रस्ट की यूनिट मेकानिकल ऐंड एलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के मेटेरियल मैनेजर पी भागवत द्वारा और उनके सहयोगी अफसरों द्वारा हस्ताक्षरित सर्कुलर जारी किया गया इस टेंडर में चार कंपनियों की भागेदारी रही है जिनके नाम प्लस लुब्रिकेंट्स, दया लुब्रिकेंट्स, श्री पुष्पहंस केमिकल और मेहर पेट्रोकेम है जिसमें से केवल मेहर पेट्रोकेम को यह टेंडर जारी किया गया।
दिनांक 17 मई 2018 को मुबंई पोर्ट ट्रस्ट की यूनिट मेकानिकल ऐंड एलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के मेटेरियल मैनेजर पी भागवत द्वारा पत्र संख्या MEED/HF.138(JD5)/2337 जारी किया गया जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया कि जो टेंडर जारी किया गया है उसके अधीन क्या कार्य किए जाऐंगे और क्या रकम दी जाएगी कितनी क्षमता के लिए दी जाएगी। जिसके चलते यह पता चला कि इस कार्य के लिए कुल रकम 2 लाख रुपए मेहर पेट्रोकेम को मुबंई पोर्ट ट्रस्ट की यूनिट मेकानिकल ऐंड एलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के मेटेरियल द्वारा दी जाएगी और इस कार्य को समाप्त करने की अवधि मात्र 15 दिन दी गई थी जिस कार्य के लिए मेहर को टेंडर दिया गया था जहां यह आयली कचरा (सलज) साफ़ कर के देना था इसी कार्य के लिए यह रकम सरकारी खाते से मेहर कंपनी को अदा करनी थी।
जानकारी के अनुसार जवाहर द्वीप पर मौजूद कचरा जो कि 15 दिन के अदंर साफ़ करने के निर्देष दिए गए थे वह कचरा मेहर पेट्रोकेम ने कुछ मज़दूरों से प्लास्टिक की थैलियों में भर कर वहीं आस पास की झाड़ियों में फेक दिया और उसी जगह पर 300 से 500 टन आयली प्रोडक्ट का स्टोरेज करना शुरु कर दिया जो कि सरकारी माल वाहक जहाज़ों से उनकी स्टोरेज टैंको में जमा होता था उसे पाइप लाइन द्वारा उस साफ़ किए गए गड्ढे में जमा किया जाने लगा इसमे मेहर पेट्रोकेम के कर्माचारी अबुलहसन जो कि वहां हमेशा मज़दूरों के साथ मौजूद रह कर अवैध आयली प्रोडक्ट जमां करता था इसमें जेडी के कुछ अफसरों की भी मिली भगत है उसके लिए उन अफसरों को जम कर मलाई खिलाई जाती थी जिसकी वजह अवैध आयली प्रोडक्ट को गड्ढे में जमा करने के दौरान वह अपनी आँख मुंह बंद रखते थे।
आयली प्रोडक्ट जब 100 से 200 टन तक जमा हो जाता था तब उसे अवैध रुप से निकाल कर बीपीटी के विक्टोरिया डाक 14 नंबर के प्लेटफार्म पर बार्ज के ज़रिए लाया जाता था और वहां से टैंकरों में भर कर मेहर पेट्रोकेम की मनोर स्थित फैकट्री में पहुंचाया गया और यह सारा काला कारोबार का मास्टर माइंड आयल माफिया जमील एजाज़ अंसारी द्वारा किया जता था जिसकी वजह से अफसर अपनी आंखें बंद कर लेते थे अफसर मात्र कचरा साफ़ करने वाले टेंडर के दस्तावाज़ों का आधर पर उसे अवैध आयली प्रोडक्ट यहां से ले जाने में मदद करते थे जिसकी वजह से पेछिले डेढ़ साल में वह लगातार इसी अवैध गतिविधियों में शामिल रह कर करोड़ों रुपए के अवैध आयली प्रोड्क्ट की सप्लाई किए।
जानाकारी में इस बात का भी उल्लेख हुआ है कि जिस मिकदार में वह आयली प्रोडक्ट की अवैध सप्लाई किए उसमें उसने 100 मेट्रिक टन के जो टेंडर हैं उसके दस्तावज़ों की आड़ में दूसरे जहाज़ों के दस्तावेज़ को जोड़कर दूसरी जहाज़ों के आयली प्रोडक्ट सप्लाई किया और मामूली मिकदार को उसने बीपीटी के रिकार्ड पर रखा इस तरह से पिछले डेढ़ साल में आयल माफिया एजाज़ अंसारी ने 4 बार बार्ज द्वारा अवैध आयली प्रोडक्ट की सप्लाई कर चुका है इनमें 7 महीने पहले तीन राउंड खतम हो चुके थे जिसकी कुल बीपीटी कर्मचारियों द्वारा मात्र 70 मेट्रिक टन रिकार्ड की गई है।
रिकार्ड के अनुसार 100 टन के टेंडर की अवधि मात्र 15 दिन दी गई थी जिसमें 100 टन कचरा निकालना था 70 मेट्रिक टन जा चुका था 30 ही टन बाकी थी पिछले 7 महीने पहले आयल माफिया एजाज़ अंसारी ने अबुल हसन को किसी कारण से वहां हटा दिया और वहां उमेश नाम के दूसरे व्यक्ति को अवैध आयली प्रोडक्ट को जमां करने की जिम्मेदारी सौंप दी जिसकी वजह से यह कला कारोबार फिर से शुरु कर गया।
जानाकारी में यह पता चला कि पिछले 7 महीने में जो आयली प्रोड्क्ट उस गड्ढ़े में 79 टन जमां किया गया था और उस प्रोडक्ट को बाहर लाने के लिए पिछले 2 महीने से इंतेजार किया जा रहा था क्योंकि उसे बाहर लाने के लिए कोई बार्ज नही था आयल माफिया एजाज अंसारी ने एक शख्स जिसका नाम मनोज सिंह है जो कि कुख्यात आयल माफिया है और आज भी डीज़ल की तस्करी करता है उसी के द्वारा हालिया अवैध आयली प्रोडक्ट को मुंबई में पहुंचाने लिए साठगांठ किया।
इस अवैध आयली प्रोडक्ट के लिए एम.बी.लिबर्टी जिस बाज का उपयोग किया गया वह बार्ज मनोज सिंह द्वारा उरन के किसी गांधी नाम के व्यक्ति से हासिल की गई है जिसके दस्तावेज नहीं थे उसे यहां लाने के बाद उसके दस्तावेज़ तय्यार किए गए और जब सारे दस्तावेज़ तय्यार हो गए जो जे.डी से आयल माफिया जमील एजाज़ अंसारी और मनोज सिंह ने वहां से इसी बार्ज के ज़रिए 79 टन जो वहां मौजूद था उसे ले कर आए।
बार्ज का पोर्ट में आना खतरे से खाली नही था इसलिए एजाज़ जमील अंसारी और मनोज सिहं ने बड़ी चालाकी से हाजी बंदर समुंद्री रास्ते द्वारा बीपीटी के एक सुनसान यार्ड में बीपीटी कर्मटारियों की मिलीभगत से बार्ज को वहां रोकने की फर्ज़ी परमीशन ले ली और वहां से टैंकर द्वारा अवैध आयली प्रोड्कट निकालने की प्रक्ररिया शुरु कर दी जो कि शुक्रवार और शुनिवार को यहां से निकाल कर मनोर में स्थित कंपनी तक पहुंचाया गया।
नियम और कायदे के अनुसार बार्ज को बर्थिंग परमीशन ले कर विकटोरिया डाक 14 बीडी में आना चाहिए था लेकिन यह अवैध रुप से आयली प्रोडक्ट की सप्लाई कर रहे थे इसलिए इन्होंने दूसरे रास्ता का उपयोग किया दूसरी बड़ी वजह यह भी है कि कि इनकी बार्ज पोर्ट में किसी भी एजेंसी द्वारा रजिस्टर ही नहीं है। चूंकि यह बार्ज अवैध आयली प्रोडक्ट के लिए ही उपयोग की जाती है जबकि इससे पहले मेहर पेट्रोकेम के जरिए ही फर्जाना नाम की बार्ज में अवैध रुप से डीजल की तस्करी हुई थी और डीजल के 65 ड्रम यलोगेट ने जब्त किए थे इससे पता चलता है कि मेहर कंपनी मुंबई पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर अवैध तेल का काला कारोबार करने में माहिर है।
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