• खतरनाक नुकीले तारो के साथ सीमेंट की दीवारों से दिल्ली पुलिस ने सरकार की शह पर रोका किसानों का रास्ता।
•बीते फरवरी में दिल्ली के सभी बॉर्डर पर की गई थी किलेबंदी , आरटीआई से खुलासा खर्च हुए 9.7 लाख।
नई दिल्ली : किसान आंदोलन को कुचलने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से धन बल और बाहुबल सभी तरह के हथकंडे अपनाए जा चुके है।बावजूद इसके दिल्ली में जारी किसान आंदोलन को सरकार टस से मस न कर सकी।
मोदी सरकार द्वारा किसानों पर लाठी डंडे ,रास्ता रोक अभियान के साथ साथ देश के अन्नदाताओं के खाने पीने के भी सभी रास्ते मोदी सरकार द्वारा बंद करने की पूरी कोशिश की गई। किसानों को पाकिस्तानी खालिस्तानी तक करार दिया गया। किसानों के प्रति मोदी सरकार की हठधर्मिता के नमूमे आज भी जारी है।
इंडिया टूडे द्वारा राईट टू इन्फॉर्मेशन के तहत मांगी गई जानकारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि मोदी सरकार की दिल्ली पुलिस ने किसानों को दिल्ली बॉर्डर पार न करने देने के लिए लाखों रुपये खर्च किये।जिसके तहत दिल्ली की सीमा में किसानों के प्रवेश के सभी रास्तों को नुकीले कटीले तारों से लैस किया गया , सीमेंट ईट मसाला कंक्रीट से बॉर्डर ओर दीवारें बनवाई गई।ताकि किसानों के दिल्ली प्रवेश को रोका जा सके।
दरअसल खेती से जुड़े तीन काले कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को बॉर्डर पर रोकने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा यह कदम 1 फरवरी को उठाया गया था।जबरदस्त बैरिकेडिंग के साथ किसानों पर लाठियां बरसाई गई।ताकि किसी भी तरह किसानों को दिल्ली में घुसने से रोका जाए।मोदी सरकार की दिल्ली पुलिस द्वारा सड़कों पर नुकीले तार बिछाये गए, सीमेंट की दीवार बनाई गई क्योंकि किसानों के आंदोलन से मोदी सरकार के हठधर्मिता की चूले हिल गई थी। दिल्ली में सरकार और किसानों के बीच मानो युद्ध जैसे हालात नजर आने लगे थे। किसानों के साथ मोदी सरकार की हठधर्मिता को अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने जोर शोर से उठाया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर तक मोदी सरकार एवं दिल्ली पुलिस की काफी आलोचना देखने को मिली थी।
मोदी सरकार की किसानों के विरुद्ध तैयार की गई इस पिक्चर के पीछे लाखो रुपये पानी की तरह बहाए गए। इंडिया टुडे को राईट टू इन्फोर्मेशन के तहत मिली जानकारी के बाद मोदी सरकार के खर्च का ब्यौरा सामने आया है। ख़बर के मुताबिक आरटीआई से तीन अलग-अलग जिलों से तीन अलग-अलग जवाब दिए गए। जिसमे बताया गया कि आउटर डिस्ट्रिक्ट यानी टिकरी बॉर्डर पर आउटर डिस्ट्रिक्ट पुलिस द्वारा मल्टीलेयर बैरिकेडिंग करने पर 7,49,078 रुपए खर्च किये गए।जबकि बॉर्डर पोलिस के जवानों की तैनाती के खर्च का ब्यौरा नही दिया गया। वही दूसरी तरफ किसानो को दिल्ली की सरहद पार करने से रोकने के लिए गाजीपुर बॉर्डर ईस्ट डिस्ट्रिक्ट की पोलिस द्वारा 1.57 लाख रुपए खर्च किये गए। आरटीआई में यहां पर भी पुलिस की तैनाती पर हुए खर्च पर कहा गया कि जवानों की तैनाती पर कुछ खर्च नही आया है।
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