बॉम्बे लीक्स , नई दिल्ली
विश्व मौसम विज्ञान द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट ने दुनियां को सकते में डाल दिया है।रिपोर्ट के मुताबिक भारत, चीन, बांग्लादेश और नीदरलैंड वैश्विक स्तर पर समुद्रीजलस्तर में वृद्धि के उच्चतम खतरे का सामना कर रहे हैं। डब्ल्यूएमओ कि सी-लेवल राइज़ एंड इंप्लीकेशन्स’ रिपोर्ट पर गौर करें तो विभिन्न महाद्वीपों के कई बड़े शहर समुद्री जलस्तर में वृद्धि के कारण डूबने के खतरे का सामना कर रहे हैं।जिनमे शंघाई, ढाका, बैंकॉक, जकार्ता, मुंबई, मापुटो, लागोस, काहिरा, लंदन, कोपेनहेगन, न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स, ब्यूनस आयर्स और सैंटियागो शामिल हैं।
दरअसल यह चेतावनी UN ने दी है। UN ने समुद्र में बढ़ते हुए जलस्तर को लेकर चिंता जताई है। मामले पर UN चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि, जिस तरह से समुद्र का जलस्तर अब तेजी से ऊपर उठ रहा है, उससे जल्दी ही मुंबई, न्यूयॉर्क और लंडन जैसे शहर समंदर में डूब जाएंगे।संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दुनियाभर को जलवायु परिवर्तन को लेकर चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि “मुंबई और न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों को समुद्र के बढ़ते जलस्तर से गंभीर प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में वैश्विक समुदाय को जलवायु संकट से निपटने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे।उन्होंने कहा कि “समुद्र के बढ़ते जलस्तर भविष्य को डूबा रहे हैं।समुद्र के स्तर में वृद्धि अपने आप में एक खतरा है।दुनिया भर के छोटे द्वीप, विकासशील राज्यों और अन्य निचले इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की चर्चा ‘समुद्र स्तर में वृद्धि-अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए निहितार्थ’ पर गुतारेस ने कहा, “समुद्र के स्तर में वृद्धि परेशानी की एक सबब हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बढ़ते समुद्र कुछ निचले इलाकों और यहां तक कि देशों के अस्तित्व को भी खतरे में डाल सकते हैं।
देखा जाए तो UN चीफ एंटोनियो गुटेरेस दुनिया भर में बदल रहे मौसम को लेकर चिंतित हैं।UN चीफ के माने तो “मुंबई और न्यूयॉर्क जैसे शहरों को समुद्र के जल स्तर के बढ़ने से यह ख़ास बड़े शहर गंभीर संकट में घिर सकते हैं। इसलिए दुनिया को मौसम बदलने के संकट का सामना करने के लिए जोरदार कोशिश करनी चाहिए। समुद्र का बढ़ता जलस्तर हमारा भविष्य डूबा सकता है।ऐसे में आज हमारे दरवाजे पर एक बड़ा संकट खड़ा दिख रहा है।कहा कि समुद्र के जलस्तर में बढ़ोत्तरी एक बड़ी चिंता की वजह है। इससे कई शहर, तटीय इलाकों के कई हिस्से भी और देशों का अस्तित्व खतरे में है।कहा कि पिछले 3,000 सालों में किसी भी पिछली शताब्दी की तुलना में 1900 के बाद से समुद्र का वैश्विक औसत स्तर तेजी से बढ़ा है और वैश्विक महासागर पिछले 11,000 वर्षों में किसी भी समय की तुलना में पिछली सदी में तेजी से गर्म हुआ है।उन्होंने कहा कि विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, भले ही वैश्विक तापन ‘चमत्कारिक रूप से’ 1.5 डिग्री तक सीमित हो, फिर भी समुद्र के स्तर में काफी वृद्धि होगी।कहा कि हर महाद्वीप के मेगा-शहर जैसे काहिरा, लागोस, मापुटो, बैंकॉक, ढाका, जकार्ता, मुंबई, शंघाई, कोपेनहेगन, लंदन, लॉस एंजिल्स, न्यूयॉर्क, ब्यूनस आयर्स और सैंटियागो सहित गंभीर प्रभावों का सामना कर सकते हैं।
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