मुंबई :आजाद मैदान दंगे और हत्या के आरोपी तथा कथित धर्म धुरंधर नथानी बिल्डर के पंटर दो टांकी के बाहुबली तोड़ु-ए- नागपाड़ा श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली ने मुंबई सीपी से मुलाकात की चूंकि बाबा बंगाली के बारे में सीपी मुंबई को जानकारी नहीं है कि वह आजाद मैदान दंगे के मुख्य आरोपी हैं चूंकि हज़ारों लोग सीपी मुंबई की दहलीज़ पर दस्तक देते हैं और यह संभव भी नहीं है कि हर एक को सीपी मुंबई जानें।
बाबा बंगाली भी बीते कई महीनों से हमेशा के जैसे मौजूदा सीपी के साथ फोटो खिंचाने के लिए हाथ पैर मार रहे थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से जुगाड़ जम नहीं पाया जिसके बाद अमीन पटेल ने उन्हें सीपी मुंबई से मिलाने में कामयाबी हासिल की लेकिन पहले के जैसे सीपी के साथ रूबरु फोटो नहीं खिचा सके जिससे अवाम और लोकल थाने के पुलिस वालों के अंदर भ्रम पैदा करते थे कि उनकी टच सीपी से है और उस आंड़ से बिल्डरों से झोल और गुंडों मवालियों की मांडवाली और पुलिस वालों पर दबाव बना कर झूटे मामले दर्ज कराने में महारत हासिल करते थेलेकिन मौजूदा सीपी के साथ उस प्रकार वाली फोटो कोरोना के चलते नहीं खिंचा पाई।
कहा जाता है कि बाबा ने सीपी मुंबई से कई अहम मुद्दे पर बात की लेकिन सच्चाई यह है कि जिन मुद्दों को लेकर बाबा बिल से 3 महीने बाद निकले उस मुद्दे और मामलों को लेकर मुंबई पुलिस पहले से ही गंभीर है और वह हर मामलों को लेकर नियम और कानून के नज़रिए से जो कर रहे हैं उससे मुंबई पुलिस की कार्रवाई काबिल-ए-तारीफ़ है और इस प्रकार की कार्रवाई करने के लिए किसी बाबा की मुहताजी नहीं है।
कौन हैं बाबा बंगाली
आज़द मैदान दंगों के मुख्य आरोपी मे से एक हैं बाबा बंगाली हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री के साथ स्टेज शेयर किया था जिसेक बाद राज्य के सीएम ऊधव ठाकरे को विपक्ष ने निशाना बनाया था आज़ाद मैदान दंगों में बाबा बंगाली ने ही दंगे कराने के लिए मुस्लिम युवकों को उकसाया और दंगे कराए मीडिया की गाड़ियों को आग लगाई महिला पुलिस कर्मियों के साथ बाबा के पंटरों ने अभद्र बर्ताव किया था लेकिन बाबा की जब गिरफ्तारी का समय आया तो बाबा मुंबई छोड़ भाग खड़े हुए।
चूंकि बाबा को नेतागिरी का बहुत शौक है लेकिन पढ़े लिखे न होने की वजह से बाबा को किसी भी पार्टी से भाव नहीं मिल रहा है पिछले साल बाबा के पंटरों ने कहा था की बाबा बीजेपी कार्यकर्ता के रुप मे बीजेपी में शामिल हुए लेकिन सरकार बदल गई तो बाबा का बीजेपी वाला फंडा भी कारगर साबित नहीं हुआ मजबूरन बाबा अब मौजूदा सरकार की दहलीज़ पर जम कर हाथ पैर मार रहे उसके लिए नए नए बहाने ढूंढ रहे हैं चूंकि अमीन पटेल को उस इलाके में खासा वोट बैंक हासिल है इसलिए वह बाबा को बतौर वोट बैंक और मुस्लिम रहनुमा के रुप में सब जगह पेश कर रहे हैं वह अलग बात है कि बाबा को खुद मुस्लिम समुदाय पसंद नहीं करता और वह एक फ्लाप नेते के रुप मे देखते हैं यही वजह है कि बाबा के भाई विधायकी के चुनामृव में बुरी तरह से हार गए थे।
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