बॉम्बे लीक्स ,मुंबई
मुंबई : समंदर में क्रूज़ पर चल रही रेव पार्टी में एनसीबी के किये गए ऑपरेशन के मामला तूल पकड़ता जा रहा है।महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक एनसीबी पर सवाल खड़े करते हुए सबूतों के साथ डायरेक्टर समीर वानखेड़े को कटघरे में खड़ा कर दिया है।नवाब मलिक ने दावा किया है कि समीर वानखेड़े ने पकड़े गए सभी आरोपियों में से 3 लोगो को गिरफ्तार करके छोड़ दिया।जिसमें एक मुंबई के भाजपा नेता का साला भी शामिल था।जिसके बाद नवाब मलिक ने मुंबई पुलिस से अपील कि वे भी इस मामले में समीर वानखेड़े की कॉल रिकॉर्ड और सीसीटीवी फुटेज की जाच करके मामले के सच को सामने लाया जाए।
मुंबई टू गोवा के क्रूज़ पर हो रही ड्रग्स पर किये गए एनसीबी के ऑपरेशन पर सवाल उठने लगे है।कहा जा रहा है कि क्रूज़ पर एनसीबी का ऑपरेशन फर्जी था जोकि महाराष्ट्र मुंबई को बदनाम करने की साजिश है। महाराष्ट्र सरकार ने एनसीबी पर हमलावर कई सवाल खड़े किए है।महाराष्ट्र में सरकार में सहयोगी पार्टी एनसीपी ने आरोप लगाया है कि एजेंसी ने मुंबई से गोवा के रास्ते में क्रूज पर की जा रही रेव पार्टी के दौरान छापेमारी में 11 लोगों को गिरफ्तार किया , लेकिन इनमें से दो आरोपियों को एनसीबी ने क्यों छोड़ दिया।नवाब मलिक ने दावा किया कि एनसीबी के जोनल डारेक्टर ने 2 अक्टूबर की रात को कुल 11 लोगो को गिरफ्तार किया था , लेकिन केस 8 लोगों के ऊपर दर्ज किया गया था।मलिक के मुताबित ऋषभ सचदेवा, प्रीतक गावा , अमीर फ़र्नीचरवाला नाम के तीन लोगो को महज 2 घंटे के अंदर ही छोड़ दिया गया था। मलिक के मुताबित ऋषभ सचदेवा छोड़े गए आरोपी में से एक आरोपी हाई प्रोफाइल बीजेपी नेता मोहित कंपोज का साला था।मलिक ने वानखेड़े के ऊपर आरोप लगाया की समीर को दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र के कई बिजेपी नेताओं ने इन तीनो लोगो को छोड़ने के लिए फ़ोन किया था, जिसके बाद समीर वानखेडे ने आधी रात को तीन लोगो को छोड़ दिया था।
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने एनसीबी के डायरेक्टर समीर वानखेड़े को अपने सवालों से कटघरे में खड़ा करते हुए एजेंसी के मौजूदा अधिकारियों के रवैये पर भी सवाल खड़े किए।उन्होंने कहा कि क्रूज ड्रग्स पार्टी मामले में समीर वानखेड़े ने एक बड़े बीजेपी नेता के इशारे पर उंसके साले को क्यों छोड़ दिया है।वही दूसरी तरफ बीजेपी ने एनसीपी के आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए कहा है कि नवाब मलिक किन्हीं निजी कारणों से एनसीबी पर अपना गुस्सा निकाल रहे है।नवाब मलिक के अनुसार समीर वानखेड़े ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि इस मामले में एनसीबी ने आठ से दस लोगों को पकड़ा था। मलिक ने सवाल उठाया कि एक अधिकारी इस तरह का बयान कैसे दे सकता है।कहा कि एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वयं कहा था कि आठ से दस लोगो को गिरफ्तार किया है।जबकिं वहां पर 11 लोगो की गिरफ्तारी की गई थी।
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने भी इस रेड को लेकर कई सवाल उठाते हुए महारास्ट्र सरकार से जांच कराने की मांग की है।सावंत के मुताबिक किसी भी रेड में आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसकी पूरी जिम्मेदारी जांच अधिकारी और संबंधित एजेंसी की होती है।कहा कि इस नियम के साथ खिलवाड़ करने पर 10 साल या उससे भी ज्यादा की सजा का प्रावधान है। लेकिन एनसीबी अधिकारियों ने यहां लापरवाही भरा रवैया अपनाया दो ऐसे लोगों को आरोपियों के पास रखा गया जिनका नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से कोई संबंध नहीं था। वह आरोपियों को बिल्कुल उसी अंदाज में एनसीबी दफ्तर लेकर जा रहे थे। जैसे कोई एनसीबी का अधिकारी ले जा रहा हो। सचिन सावंत ने इस मामले में महाराष्ट्र सरकार से जांच की मांग की की है।
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