बॉम्बे लीक्स ,महाराष्ट्र
मुंबई : भाजपा को मिली विधान सभा चुनावों में भारी जीत के बाद महाराष्ट्र की सियासत में सरगर्मी बढ़ गई है।जिसके बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार और सीएम उध्दव ठाकरे की हुई मुलाकात को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है।देखा जाए तो पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में से चार में बीजेपी के लहराते परचम ने महाराष्ट्र के सत्ताधारी नेताओं को सकते में डाल दिया है।ऐसे में चुनाव परिणाम आने के एक दिन बाद शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की।
देश में कोरोना काल में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था, अस्त व्यस्त सिस्टम ,किसानों की नाराजगी के बावजूद भी उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन के साथ वापसी कर डाली।भाजपा के इस शानदार प्रदर्शन के मध्य महाराष्ट्र सरकार में सरकार की सहयोगी एनसीपी के प्रमुख पवार ने उध्दव ठाकरे संग सरकारी आवास वर्षा में बैठक कर डाली।उत्तर प्रदेश में प्रचंड वापसी के साथ साथ भाजपा ने उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में भी पार्टी के जीत की पृष्ठभूमि का इतिहास रच डाला है।वही इस बार भाजपा को सबक सिखाने के मकसद से उतरी शिवसेना उत्तर प्रदेश में भी कुछ हासिल नहीं कर सकी, शिवसेना ने जहां जहां यूपी में अपने उम्मीदवार उतारे थे,सभी भाजपा की आंधी के आगे हवा हो गए।ऐसे में ठाकरे-पवार की यह बैठक भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा यह आरोप लगाये जाने के बाद हुई है कि महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार झूठे मामलों में भाजपा नेताओं को फंसाने की कोशिश कर रही है और उन्होंने अपने आरोपों के समर्थन में एक वीडियो भी प्रस्तुत किया था। पवार ने कहा था कि सरकार को आरोपों की जांच करनी चाहिए, जबकि फडणवीस ने सीबीआई जांच की मांग की थी।
दरअसल उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली शिवसेना और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने गठबंधन कर गोवा विधानसभा चुनाव लड़ा था।लेकिन चिंता यह कि शिवसेना और एनसीपी के गंठजोड़ भी गोवा में दोनों पार्टियों को एक भी सीट नही दिला सका।ऐसे में देखा जाए तो फडणवीस के आरोपो के मामले पर राज्य सरकार की ओर से सोमवार को विधानसभा में जवाब देने की उम्मीद की जा रही है। जबकिं शरद पवार ने साफ कहा था कि सरकार को फडणवीस द्वारा लगाए गए सभी आरोपों की पुष्टि करनी चाहिए वही फडणवीस ने मामले की सीबीआई से जांच कराये जाने की मांग की है। वही दूसरी तरफ महाराष्ट्र में इस साल निकाय चुनाव की भी तैयारी शुरू हो चुकी है।जानकारों के मुताबिक फडणवीस के आरोपो एवं देश में हुए विधान सभा चुनाव की हवा का असर महाराष्ट्र के निकाय चुनावों पर पड़ने के आसार है।मुंबई में हिंदी भाषी बेल्ट के मतदाता खासा तादाद में है।हिंदी भाषी फैक्टर मुंबई में आगामी निकाय चुनाव मन एक बड़ा रोल अदा कर सकता है।ऐसे में उद्धव पवार की मुलाकात को निकाय चुनाव की पृष्ठभूमि के तौर पर देखा जा रहा है।हालांकि इस मुलाकात की कोई खास वजह नही बताई गई है,लेकिन विधान सभा चुनावों में भाजपा को मिली प्रचंड जीत के असर को फिलहाल निकाय चुनावों से दूर करने की कोशिश जरूर की जाएगी।
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