बॉम्बे लीक्स ,महाराष्ट्र
मुंबई : कोरोना संक्रमण के जारी कहर के बीच अब हीट वेव महाराष्ट्र में में आम लोगो के ऊपर कहर बनकर टूटा है।भीषण गर्मी में उगलती आग जैसी गर्म हवाओं के बीच पिछले दो महीने में हीट स्ट्रोक से अब तक 25 लोग अपनी जान गवा चुके है।इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ है जब महाराष्ट्र की आग उगलती गर्मी में अब तक 25 लोगो ने अपनी जान गवां दी है।अप्रैल मई की हड्डियों को पिघला देने वाली गर्मी विगत 6 सालों का रिकार्ड तोड़ते हुए आगे बढ़ती जा रही है।देखा जाए तो पिछले 6 सालों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए हिट स्ट्रोक ने इस साल 25 लोगों की जान ले ली है।महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मार्च और अप्रैल में हीट स्ट्रोक के 374 से अधिक मामले सामने आए है।जबकिं विशेषज्ञों का कहना है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है।TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर समझा जाये तो हीट स्ट्रोक से सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके में हुई है।जहाँ हड्डियों को झुलसा देने वाली खतरनाक गर्मी में लगभग 15 लोगो ने अपनी जान गवा दी है।
जानकारों का मानना है कि वास्तविक संख्या इनसे कहीं ज्यादा हो सकती है।वहीं नागपुर समेत विदर्भ के कुछ इलाकों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया।बीते अप्रैल महीने में चंद्रपुर का नाम दुनिया के पांचवें सबसे गर्म शहर के तौर पर दर्ज किया गया। बताया जाता है कि चंद्रपुर में तापमान 46.4 डिग्री सेल्सियस तक चला गया था। उत्तर और मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और विदर्भ के जिलों में तापमान 40-46 डिग्री से अधिक है।राज्य स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले दो महीनों के 374 मामलों में सबसे ज्यादा नागपुर (262) में दर्ज किए गए हैं। इसके बाद अकोला (29), पुणे (21), नासिक (14), औरंगाबाद (10) लातूर और कोल्हापुर में (1-1) मामला मिला। मराठवाड़ा में छह और उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव में चार मौतें हुई हैं। विदर्भ में नागपुर में 11, अकोला में 3 और अमरावती में एक मौत हुई है। मराठवाड़ा और जालना में दो-दो लोगों की जान जा चुकी है। जबकि औरंगाबाद, हिंगोली, उस्मानाबाद और परभणी में एक-एक मौत की खबर के साथ नागपुर डिवीजन में सबसे ज्यादा 295 हीट स्ट्रोक के मामले सामने आए है।
मौसम विभाग का कहना है कि मई में भी राज्य के लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा, लिहाजा सावधानी बरतना जरूरी है। गौर करने वाली बात यह है कि इस साल मौतों की संख्या बाकी सालों से कही ज्यादा है। ऐसे में आशंका भी जताई जा रही है कि आने वाले समय में मौत के मामलों में और बढ़ोत्तरी हो सकती है। देखा जाए तो नागपुर में हीटस्ट्रोक के मामले सबसे ज्यादा हैं। महाराष्ट्र में इस साल के पहले चार महीनों में हीट स्ट्रोक से रिकॉर्ड तोड़ 25 मौतें हो चुकी हैं। जबकिं पुराने आंकड़े देखे तो 2018 में गर्मी से बमुश्किल दो मौतें हुई थीं।वही इस साल की गर्मी पर बताया जा रहा है कि यह 100 सालों में सबसे ज्यादा है।यह एक ऐसी जानलेवा गर्मी है जिससे महाराष्ट्र में 25 संदिग्ध मौतें हो चुकी है।दरअसल हीट स्ट्रोक हाइपरथर्मिया या फिर तेज गर्मी से उपजी एक बीमारी होती है।कहा जाता है कि वातावरण में सबसे ज्यादा तापमान होने पर ऐसी बीमारी पैदा होती है। इस बीमारी में शरीर में पानी की कमी के साथ साथ चक्कर आना, मचली होना, गुस्सा आना, मांसपेशियों में ऐंठन और थकान होना इसके संकेत होते है।ज्यादा थका हुआ महसूस करना,शरीर में पानी की कमी होना, सिर में गर्मी से खिचाव व दर्द होना हीट स्ट्रोक के लक्षण हैं। हीट स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है।जिसका सही समय पर इलाज जरूरी है।अन्यथा मरीज की मौत होने से रोका नही जा सकता।मौसम के मिजाज को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी लोगों को लगातार गर्मी और लू से बचाव के लिए सलाह दे रहे हैं। बुजुर्गों से लेकर बच्चों को दोपहर में घर से बाहर न निकलने का सुझाव दे रहे हैं। साथ ही इस दौरान बचाव के अन्य तरीके भी अपनाने के लिए कह रहे हैं।
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