बॉम्बे लीक्स ,मुंबई
मुंबई : देश भर में भीषण गर्मी के उफान पर आने के साथ ही महाराष्ट्र समेत कई राज्यो में बिजली संकट भी गहराता जा रहा है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत करीब 10 राज्यों में कोयला की कमी के बाद बिजली की भारी संकट पैदा हो गया है।ऐसे में अब कई राज्यों के पास बिजली उत्पादक संयंत्रों के पास कोयले की कमी भी देखने को मिल रहा है। हालात तो यह है कि महाराष्ट्र पंजाब समेत कई राज्यों के बिजली उत्पादक संयंत्रों के पास एक हफ्ते से भी कम दिनों तक का कोयला बचा हुआ है। ऐसी स्थिति में अगर इन बिजली उत्पादक संयंत्रों को जल्द ही कोयले की आपूर्ति नहीं की गई तो माना जा रहा है कि महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में ब्लैक आउट किया जा सकता है।
बात करे महाराष्ट्र कि तो महाराष्ट्र में फिर से कोयले का संकट देखा जा रहा है।विगत कुछ माह पहले कोयले की कमी के चलते महाराष्ट्र को दो चार होना पड़ा था।भारी बारिश के चलते महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्य कोयले के संकट से उभर चुके है। समेत देश भर में बिजली के उत्पादन में कोयले के अहम रोल माना जाता है।भीषण गरमी के बीच ऊर्जा संकट को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें एलर्ट मोड पर आ गई है।महाराष्ट्र में उद्धव सरकार के ऊर्जामंत्री ने बयान जारी कर राज्य के कोयला स्टॉक के बारे में चौंकाने वाले आंकड़े पेश करके हैरत में डाल दिया है। नितिन राऊत के मुताबिक महाराष्ट्र के मौजूदा कोयला के कुछ प्लांट में डेढ़ दिन, कुछ प्लांट में 3 दिन तो कुछ प्लांट में 6 दिन के ही कोयले का स्टॉक शेष बचा है।वही दूसरी तरफ ऊर्जा मन्त्री ने दावा भी किया है कि बिजली संकट को दूर करने के लिए महाराष्ट्र सरकार न सिर्फ काम कर रही है बल्कि कोई न कोई रास्ता निकाल लिया जाएगा।
नितिन राऊत के मुताबिक जलसंपदा मंत्री से पानी मुहैया कराने को लेकर बात चीत की प्रकिर्या जारी है।ताकि राज्य को हाइड्रो की बिजली मुहैया कराई जा सके।जबकिं देखा जाए तो कोयना डैम में महज 17 टीएमसी ही पानी बचा हुआ है।जबकिं प्रतिदिन 1 टीएमसी (थाउजेंड मिलियन क्यूबिक) पानी, बिजली बनाने के लिए उपयोग में लिया जाता है।महाराष्ट्र सरकार की तरफ से केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि कोयले के लिए केंद्र सरकार को 2200 करोड़ देना है तो केंद्र की भाजपा सरकार बिना पैसे के कोयला नही दे रही है।केंद्र का कहना है कि पहले आप पैसा दीजिए उंसके बाद हम आपके राज्य को कोयला की पूर्ति करेंगे।
उद्धव सरकार के जलसंपदा मंत्री ने कहा कि पानी और ज्यादा उपलब्ध कराने की बात की जा रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा पानी से बिजली का उत्पादन किया जा सके।उनके मुताबिक राज्य सरकार को लोडशेडिंग होने से मुक्त कराना है तो नासिर्फ कोयले की भारी जरूरत होगी बल्कि पानी की भी जरूरत के साथ साथ उत्पादन हेतु गैस की भी जरूरत है।देखा जाए तो बिजली उत्पादन के लिए कोयला पानी और एपीएम गैस की जरूरत पड़ती है।केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार का केंद्र सरकार से जो कॉन्ट्रैक्ट जो हुआ है उसके तहत केंद्र सरकार को एपीएम गैस राज्य सरकार को उपलब्ध कराना चाहिए था ,लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार कांट्रेक्ट डील के तहत काम न करते हुए राज्य को एपीएम गैस नही दे रही है।
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