• टीएमसी ने कहा बदले जाए जज क्योंकि जस्टिस कौशिक बीजेपी के है सदस्य।
• टीएमसी ने जारी करी जस्टिस कौशिक चंदा और भाजपा के कानूनी प्रकोष्ठ की तस्वीरें , साथ नज़र आये जस्टिस चंदा।
| कोलकाता ब्यूरो | बॉम्बे लीक्स |
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नंदीग्राम नतीज़ों को लेकर दाखिल की गई अर्जी को लेकर नंदीग्राम मामले की सुनवाई टाल दी गई है।जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने जस्टिस कौशिक चंदा के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। टीएमसी ने जज कौशिक चंदा की तस्वीर जारी करते हुए जस्टिस चंदा को बीजेपी का सदस्य करार दे दिया।तस्वीरों में जस्टिस चंदा बीजेपी के मंच पर नज़र आ रहे रहे है।जिसे लेकर TMC के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश कौशिक चंदा 2018 तक भाजपा से जुड़े हुए थे।
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन द्वारा भाजपा के कानूनी प्रकोष्ठ के एक कार्यक्रम में भाजपा पश्चिम बंगाल प्रमुख दिलीप घोष के साथ जस्टिस चंदा की कुछ तस्वीरें पोस्ट की गई।पोस्ट के साथ ही डेरेक ने अपने ट्वीट में आगे लिखते है कि ”ये व्यक्ति कौन है जो दोनों तस्वीरों में ‘लाल सर्कल’ में दिख रहा है’ क्या वह कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कौशिक चंदा हैं’ क्या उन्हें नंदीग्राम चुनाव मामले की सुनवाई के लिए नियुक्त किया गया है’ क्या न्यायपालिका और नीचे गिर सकती है”’ ब्रायन आगे लिखते है कि आपको बता दें कि, जस्टिस चंदा ने सीएम ममता की नंदीग्राम याचिका पर सुनवाई 24 जून तक के लिए टाल दी है।
यही नही टीएमसी सांसद ब्रायन के अनुसार एक वकील के रूप में जस्टिस कौशिक चंदा ने साल 2012 से 2014 तक एवं 2014 से 2018 तक के कई मामलों में राज्य सरकार के खिलाफ भाजपा का प्रतिनिधित्व किया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट के पर गौर करें तो चंदा को दिसंबर 1998 में एक वकील के रूप में नामांकित किया गया था जिसके बाद वो 2014 में एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में पदोन्नत हुए। इसके बाद कौशिक चंदा को 09 अप्रैल, 2015 को भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में नियुक्त किया गया जोकि सितंबर, 2019 तक उस पद पर रहे। इसके बाद अक्टूबर माह के दौरान कौशिक चंदा को एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में कलकत्ता उच्च न्यायालय की पीठ में पदोन्नत किया गया था।
Who is that person ‘circled’ in both pics ?
Is he Justice Kaushik Chanda of Calcutta High Court ?
Has he been assigned to hear the Nandigram election case ?
Can the judiciary sink any lower ? pic.twitter.com/cBbazffZ35
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) June 18, 2021
यही नही ममता बनर्जी के वकील द्वारा भी कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के सचिव को पत्र लिखकर अपनी याचिका को फिर से सौंपने की मांग की गई है। इसके साथ साथ उन्हें अवगत कराया गया था कि उनकी याचिका पर सुनवाई करने वाले न्यायमूर्ति कौशिक चंदा, “भाजपा के एक सक्रिय सदस्य” रह चुके है। इस हवाले के साथ कहा गया था कि चुनाव याचिका के फैसले के राजनीतिक प्रभाव होंगे।ऐसे में यह मांग की गई थी कि मामले को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश द्वारा किसी अन्य न्यायाधीश को सौंपा जाए। इसके बाद वकीलों ने कहा कि उनकी न्यायाधीश के खिलाफ कोई व्यक्तिगत दुर्भावना या आरोप नहीं है।मामला सिर्फ यह है कि जस्टिस कौशिक एक विशेष राजनीतिक दल से जुड़े हुए थे। जिसके बाद ममता बनर्जी ने चंदा के जज के रूप में पुष्टि पर आपत्ति भी जताई थी।क्योंकि ममता को डर था कि जस्टिस कौशिक की तरफ से उन्हें पक्षपात की संभावना नजर आती है।
यही नही टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी बंगाल बीजेपी नेतृत्व के साथ जस्टिस चंदा की तस्वीरें ट्वीट करते हुए जस्टिस चंदा पर कई सवाल उठाए खड़े किए है। घोष लिखते है कि न्यायपालिका के प्रति सम्मान के साथ: न्यायमूर्ति कौशिक चंदा, उन्हें नंदीग्राम केस की सुनवाई का जिम्मा सौंपा गया है।इसी के साथ कुणाल घोष ने भी कुछ तस्वीरें साझा करते हुए जस्टिस कौशिक के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। साझा की गई तस्वीरों में जस्टिस कौशिक चंदा, बीजेपी के बंगाल प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ मंच साझा कर रहे है।
टीएमसी के अगले ट्वीट में सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने वकील रहते हुए कौशिक चंदा के कलकत्ता हाई कोर्ट में बीजेपी की ओर से पेश होने के दस्तावेज भी पेश किए। कहा कि वकील कौशिक उच्च न्यायालय के समक्ष बीजेपी के लिए पेश होते रहे है वही अब न्यायमूर्ति कौशिक चंदा को बतौर जस्टिस नंदीग्राम चुनाव मामले की सुनवाई का जिम्मा सौंप दिया गया है।
दरअसल पूरा नंदीग्राम सीट पर मिली सीएम ममता बनर्जी की हार से यह पूरा प्रकरण जुड़ा हुआ है। नंदीग्राम के चुनावी नतीजे को कलकत्ता हाई कोर्ट में चुनौती देते हुये चुनाव में धांधली का आरोप लगाया गया है।नंदीग्राम सीट पर ममता को कभी उनके करीबी रहे और बाद में बीजेपी प्रत्याशी में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी ने करीब 2 हजार वोटों से हराया ममता को हरा दिया है।जिसके बाद सीएम ममता ने कोलकाता हाईकोर्ट में नतीज़ों को लेकर चैलेंज किया है।जिसकी सुनवाई जस्टिस कौशिक द्वारा 24 जून तक के लिए टाल दी गई है।
सीएम ममता द्वारा 16 जून को याचिकाकर्ता के रूप में कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में आग्रह किया गया था कि नंदीग्राम याचिका पर जस्टिस कौशिक चंदा की बेंच को सूचीबद्ध नहीं किया जाना चाहिए। ममता के अपने पत्र के जरिये जस्टिस चंदा की हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पुष्टि के लिए अपनी पिछली आपत्ति का उल्लेख किया गया था। ममता ने अपने वकील के माध्यम से भेजे गए पत्र में जज की ओर से पक्षपात की आशंका भी व्यक्त करते हुए आशंका जताई थी कि जस्टिस चंदा बीजेपी के सक्रिय सदस्य रहे हैं।
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन के अनुसार मौजूदा तस्वीरों के साथ जस्टिस कौशिक चंदा के रुझान को समझा जा सकता है।कहा कि नंदीग्राम में तो खुला खेल के जरिए ममता बनर्जी को हरा दिया गया है।जिसपर यकीन नही किया जा सकता।क्योंकि ममता जब 9 से 10 राउंड में आगे चलते हुए अचानक पिछड़ गई।।ममता को हराने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर पर दबाव बनाकर बार बार मतगणना प्रक्रिया को बाधित किया जाता रहा।जिससे यह साफ है कि केंद्र सरकार किसी भी कीमत पर ममता बनर्जी को हराना चाहती थी।
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