मुंबई : मुंबई के वाटर गली में चल रहे अवैध निर्माण जिसमें 16 साल के बिलाल की करेंट लग कर मौत हो गई थी इस मामले में दोनों गुर्गों को यानी जाफर मच्छी और ज़ीशान मेंहदी की ज़मानत की अर्जी खारिज हो जाने के बाद भी इनको गिरफ्तार न किए जाने की भी सच्चाई सामने आई है जानकारी में यह पता चला है को जे जे मार्ग पुलिस थाने के एक अफसर ने इस बारे में तीन लाख रुपए में मांडवाली की बात चीत की थी जिस में अफसर ने जाफर मच्छी से एक लाख रुपए भी ले लिए थे बाकी के पैसे देने से पहले Bombay Leaks ने खबर प्रकाशित की जिसके बाद दोनों गुर्गे फरार हो गए।
दर असल दोनों गुर्गों को इस बात का अंदाजा था की घूस देने के बाद भी मामला कभी भी गड़बड़ हो सकता है क्योंकि आला अफसरों ने अगर इस मामले में ज़रा भी सख्ती की तो पुलिस थाने ले अफसर लाख साठ गांठ किए हों लेकिन जब नौकरी और खुद पे आए तो पुलिस किसकी सगी इसलिए पुलिस ने यह मशविरा दिया की गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्जी के लिए कोर्ट जाओ तब तक पुलिस गिरफ्तार नहीं करेगी।
लेकिन ज़मानत अर्जी ख़ारिज हो गई बावजूद इसके दोनों गुर्गे पुलिस की पहुंच से बाहर हैं वहीं दूसरी तरफ Bomaby leask को ख़बर न लिखने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है की इस मामले में खबर न लिखी जाए ताकि अवैध निर्माण का यह कारोबार पहले फूले और इसी तरह बाल मजदूरी के नाम पर बच्चों की बली देते रहेंगे।
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