•पूर्व कमिश्मर रहे परमबीर सिंह के अन्य मामलों की जांच एसआईटी के पास।
मुंबई ब्यूरो | बॉम्बे लीक्स
मुंबई : वरिष्ठ पुलिस अधिकारी परमबीर सिंह के खिलाफ वसूली मामले की जांच का ज़िम्मा अब राज्य की सीआईडी को सौंपे जाने की बात सामने आ रही है।ख़बर के मुताबिक परमबीर पर मुंबई में दर्ज जबरन उगाही के एक मामले को महाराष्ट्र पुलिस के अपराध जांच विभाग CID को स्थानांतरित कर दिया गया है।
पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर एवं अन्य पुलिस अधिकारियों पर जबरन धन उगाही एवं अन्य आपराधिक मामले दर्ज किये गए थे।लगातार आरोपों से घिरे जाने के बाद मुंबई पुलिस ने सिंह के खिलाफ जबरन वसूली के मामले एवं अन्य मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल SIT का गठन किया था।जिसमे परमबीर समेत मुंबई के पांच पुलिस अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था। इस मामले की जांच मुंबई अपराध शाखा की यूनिट नौ कर रही है।
दरअसल मुंबई पुलिस ने 22 जुलाई को पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह, एवं पांच अन्य पुलिसकर्मियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक बिल्डर से कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये की मांग करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करते हुए परमबीर पर लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था।सूत्रों के अनुसार परमबीर ने किसी प्रकार जांच में सहयोग न करते हुए छुट्टी पर चले गए।यही नही पूर्व कमिश्नर के अपने मुंबई एवं चंडीगढ़ स्थित घर से नदारद भी बताये गए थे।
आरोप के मुताबिक परमबीर एवं अन्य पोलिस कर्मियों पर 57 वर्षीय रियल एस्टेट डेवलपर श्यामसुंदर अग्रवाल ने दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव थाने में शिकायत दर्ज करायी थी।जांच के बाद परमबीर एवं अन्य दोषी पुलिस कर्मियों पर शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसके बाद मुंबई पुलिस ने अग्रवाल के पूर्व कारोबारी साझेदार संजय पुनामिया और उसके सहयोगी सुनील जैन को गिरफ्तार भी किया था।
जानकारी के आधार पर पुलिस के मुताबिक इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया था, उनमें डीसीपी क्राईम ब्रांच के अकबर पठान, सहायक पुलिस आयुक्त श्रीकांत शिंदे, एसीपी संजय पाटिल, निरीक्षक आशा कोरके और अपराध शाखा के निरीक्षक नंदकुमार गोपाल बतौर आरोपी शामिल है।
वहीं पुलिस सूत्रों के अनुसार मरीन ड्राइव थाने में दर्ज जबरन वसूली मामले की जांच के दायरे को देखते हुए अब इस मामले की जांच एसआईटी से राज्य सीआईडी को स्थानांतरित कर दी गई है।परमबीर सिंह पर ठाणे शहर में दो और जबरन वसूली के मामले दर्ज किए गए है।उस दौरान साल 2017 के आस पास परमबीर सिंह ठाणे जिले के कमिश्नर रहे। परमबीर सिंह ने मुंबई में तैनाती से पहले बतौर पुलिस आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था।
परमबीर मनसुख हत्या मामले के बाद सुर्खियों में आये है।जिसके बाद उन्हें मुंबई कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था।जवाब में परमबीर ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़
वसूली का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट का रुख किया था।जिसके बाद अनिल देशमुख को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
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