बॉम्बे लीक्स
जयपुर : राजस्थान कांग्रेस दो ख़ेमों में बंट चुकी है।सचिन पायलट के विरोध में 80 से ज्यादा कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है।पार्टी आलाकमान ने विधायकों से बात करने के लिए माकन और खडसे को राजस्थान भेजा लेकिन दूर दूर तक कहीं बात बनती नही दिखी।माकन और खडसे दिल्ली वापस आ चुके है।लेकिन जानकारों के मुताबिक राजस्थान की धरती पर फिर से शुरू हुई गहलोत बनाम पायलट की सियासी जंग में कांग्रेस एक बड़े नुकसान की तरफ बढ़ रही है।
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में अशोक गहलोत की दावेदारी के बीच सियासी तूफान ने कांग्रेस पार्टी को सकते में खड़ा कर दिया है।क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।इसके बाद से चर्चा थी कि गहलोत के अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा और उनकी जगह सचिन पायलट लेंगे।सोनिया गांधी ने इसके लिए सचिन पायलट और अशोक गहलोत से बात भी की थी।
हालांकि, सचिन पायलट को लेकर कोई ऐलान होता, उससे पहले ही राजस्थान में बगावत हो गई और अशोक गहलोत खेमे के करीब 90 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया।हाईकमान के संभावित फैसले पर अब गहलोत गुट के विधायकों ने बवाल खड़ा कर दिया है। सचिन पायलट के खिलाफ अशोक गहलोत गुट के सभी विधायकों ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है।मामले को सुलझाने के लिए सोनिया गांधी ने माकन और खडसे को राजस्थान रवाना किया,लेकिन मामला नही बना।
अब गहलोत के इस रुख से पार्टी हाईकमान बेहद हैरान है। सूत्रों के मुताबिक, अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के कहने पर केसी वेणुगोपाल ने गहलोत को फोन किया है और उनसे पूछा गया कि जयपुर में क्या चल रहा है? बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि उनके बस में कुछ नहीं है। उन्होंने कहा है कि यह विधायकों का निजी फैसला है और इसमें उनका कोई हाथ नहीं। इसके बाद वेणुगोपाल ने खड़गे से भी बात की है। आलाकमान ने आज रात ही पूरे मामले को सुलझाने को कहा है।
दिल्ली लौटे राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी और ऑब्जर्वर अजय माकन का बयान आया है।उन्होंने कहा कि हम दस जनपथ पर अपनी रिपोर्ट देने जा रहे हैं।वहां पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी से मिलेंगे। मैं और मलिकार्जुन खड़गे मिलने जा रहे हैं। जो कुछ घटनाएं घटी हैं, उसके बारे में मैडम सोनिया गांधी को तफ्सील से जानकारी से अवगत कराया।
फिलहाल कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक आलाकमान अशोक गहलोत के रवैये से खासा नाराज है। पार्टी का कहना है कि राजस्थान में सब कुछ अशोक गहलोत से पूछ कर ही किया गया था। उसके बावजूद भी जिस ढंग से यह सब तमाशा किया गया, यह ठीक नहीं है। इससे अशोक गहलोत की छवि ही खराब हुई है।पार्टी उनको अध्यक्ष बनाने की सोच रही है।ऐसे में एक मुख्यमंत्री पद को लेकर उनको ऐसा नहीं करना चाहिए।बेशक अशोक गहलोत ने इस बात को साफ किया है कि इस पूरे सियासी ड्रामे में उनका कोई हाथ नहीं है।लेकिन पार्टी आलाकमान को लगता है कि अशोक गहलोत के कहने पर यह सब हो रहा है।पार्टी को यह भी लगता है कि उनके आसपास के लोगों ने अशोक गहलोत को यह समझा दिया है कि पार्टी अध्यक्ष की बजाय मुख्यमंत्री की कुर्सी ज्यादा बड़ी है। इसलिए यह सब सियासी ड्रामा हुआ है।
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