मुंबई : उर्दू अखबार की पत्रकारिता का स्तर कितना गिर चुका है इसका अंदाज़ा शायद जनता नहीं लगा सकती क्योंकि जनता को खबरें और खबरों की दलाली का खेल कभी नहीं समझता वह बस अखबार पर भरोसा कर के उसकी खबरों को सच मान लेते हैं लेकिन सवाल यह है कि क्या वह अखबारअसल खबर को उस जनता तक ईमानदारी से पहुंचाता है ?
जवाब यही है नहीं
क्योंकि उसकी जीता जागती मिसाल आज एडोकेट जलाल द्वारा संचालित अखबार हम आप की खुल कर सामने आगई।
आज का अखबार अगर आप उठाकर देखेंगे तो इस अखबार के पेज नंबर 8 और 7 पर खबरों को न केवल उड़ाया गया है बल्कि वह पूरी जगह खाली रखी है जिसकी वजह से हैरान होना लाज़मी है।
अब यह पेज खाली किया गया करवाया गया किस डर से किस खौफ़ से यह सवाल भी उठना लाज़मी है लेकिन एडोकेट जलाल जैसे बहादुर पत्रकार केअंदर डर कैसा यह बात किसी के गले से नीचे नहीं उतर रही।
वरिष्ठ पत्रकार अनुराग त्रिपाठी कहते हैं कि इस तरह देख कर हमें बड़ा ताज्जुब होता है कोई अखबार खाली जगह छोड़ दे मैंने तो नहीं देखा यह एमरजेंसी में देखने को मिला।
हमने इस मामले की पड़ताल की मामले की असल वजह जानेने की कोशिश की तो पता चला कि इस पेज पर आज़ाद मैदान दंगे और हत्या के आरोपी भूमाफिया मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली के काले कारनामों की खबर प्रकाशित की गई थी जिसमें अंजुमन इस्लाम की जगह पर अवैध रुप से कबड़ा कर के उस प फर्ज़ी कमेटी बनाने को लेकर थी जिस पर वक्फ़ बोर्डकी कोर्ट ने बाबा बंगाली की कमेटी पर रोक लगाई थी।यह खबर अखबार में प्रकाशित हो चुकी थी लेकिन प्रिंटिंग प्रेस से उसे उड़ा दिया गया और उस जगह को खाली रखा गया।
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